दोस्तों, गरीबी के खिलाफ भारत की लड़ाई में महिला भूमि अधिकार एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है। यह केवल संपत्ति का हस्तांतरण नहीं, बल्कि शक्ति का हस्तांतरण है। तब तक आप हमें बताइए कि , *---- क्या आपको लगता है कि महिलाओं के नाम जमीन होने से परिवार की आय बढ़ती है? अपना अनुभव बताएं। *---- आपके गाँव में महिलाओं को जमीन के कागज़ात मिलने से किस तरह के बदलाव आए हैं? *---- क्या आपके परिवार या समुदाय में ऐसी कोई महिला है, जिसकी ज़िंदगी जमीन मिलने के बाद बदली हो?

दिल्ली से राजेश कुमार पाठक मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि अगर कोई महिला विधवा हो जाती है तभी वह आधिकारिक रूप से पति के संपत्ति में अधिकार ले सकती है। पिता के संपत्ति में जरूरी पड़ने पर ही महिलाओ को जमीन में अधिकार मिलना चाहिए ताकि उनको मान सम्मान मिल सके। महिला मायके और ससुराल दोनों जगह जमीन ले लेती है जो की गलत है। जरूरत पड़ने पर ही उनको मायके में अधिकार मिलना चाहिए

दिल्ली के सूंदर नगरी से राधिका मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि महिलाओं को भी संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए ताकि वह भी पुरुष के बराबर सम्मान पा सके। अगर महिला के पास संपत्ति होती है तो उनका भी सम्मान होता है

आपलोग हमें बताएं कि केवल परीक्षा में लाये हुए अच्छे नंबर ही एक अच्छा और सच्चा इंसान बनने का माप दंड कैसे हो सकता है? अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों के तुलना दूसरे बच्चों से करते है. क्या यह तुलना सही मायने में बच्चे को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करती है या उनके मन में नकारात्मक सोच का बीज बो देती है ? आपको क्या लगता है? इस पर आप अपनी राय, प्रतिक्रिया जरूर रिकॉर्ड करें। और हां साथियों अगर आज के विषय से जुड़ा आपके मन में किसी तरह का सवाल है तो अपने सवाल रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवालों का जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिश करेंगे।

दिल्ली से राजेश कुमार पाठक ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि आज भी बेटी अपने पिता के प्रति वफादार होती हैं और अधिकार अपने पति पर ही समझती है।यदि महिला को मायके और ससुराल दोनों जगह सम्पत्ति का अधिकार मिलेगा तो सामाजिक ताना - बाना बिगड़ जाएगा। महिलाओं को या तो मायके की सम्पत्ति में हिस्सा लेना चाहिए। या ससुराल की सम्पत्ति में हिस्सा लेना चाहिए

मध्य प्रदेश राज्य के उमरिआ जिला से शिव कुमार यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि विधवा महिला को पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए।समाज में ज्यादातर लोग विधवा महिला को ससुराल से निकाल दिया जाता है। ऐसी महिलाओं को पिता के हक़ से वंचित नही करना चाहिए। मायके और ससुराल के सपोर्ट के बिना महिला अपने गुजारा के लिए दर दर भटकती हैं

हरियाणा राज्य से अशोक कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि महिलाओं को जमीन में हक़ मिलना चाहिए। माता पिता का सम्मान भी करना चाहिए। पिता की संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। शादी के बाद महिला पति के संपत्ति में हक़दार हो जाती है। लव मैरिज करते समय माता और पिता को शामिल जरूर रखना चाहिए

दिल्ली के नन्द नगरी से राजकुमार की राय है कि महिलाओं को हिस्सा नहीं मिलना चाहिए क्योंकि वो शादी के बाद दूसरे घर की बेटी हो जाती हैं और प्रॉपर्टी में हिस्से को लेकर भाई-बहन में लड़ाई हो जाती है।

दिल्ली के नन्द नगरी से सोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को प्रॉपर्टी में से हिस्सा मिलना चाहिए महिलाओं को जब हिस्सा मिलेगा तो वो मजबूत होंगी और वो अपने लिए घर भी बना पाएंगी। समानता का अधिकार होना चाहिए

दिल्ली के सूंदर नगरी से नेहा मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि महिलाओं को प्रॉपर्टी में हक़ मिलना चाहिए।हिस्सा मिलने पर उनके आने वाली पीढ़ी के लिए अच्छा रहेगा