आज जब लोग कई प्रकार की परेशानी और ,तनाव से गुजर रहे है ,तो ऐसे में हँसने हँसाने का कोई एक ज़रिया की ज़रुरत बहुत महसूस होती है। हँसी मन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।विश्व भर में मई महीने के पहले रविवार को विश्व हास्य दिवस मनाया जाता है।दोस्तों ,हंसता हुआ चेहरा आपकी शान बढ़ाता है और हंसकर किया हुआ काम आपकी पहचान बढ़ाता है.ऐसे में इस दिन अकेले-अकेले नहीं बल्कि दोस्तों के साथ हंसे. हर काम हंसी-हंसी करने से जिंदगी तो अच्छी लगने ही लगती है, साथ ही कई बीमारियां भी अपने आप छू-मंतर हो जाती हैं. आप सभी को विश्व हास्य दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

नमस्कार श्रोताओं ,विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस तीन मई को मनाया जाता है। हर साल, 3 मई एक ऐसी तारीख है जो प्रेस की स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों का जश्न मनाती है, दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता का मूल्यांकन करती है, मीडिया को उनकी स्वतंत्रता पर हमलों से बचाती है और उन पत्रकारों को श्रद्धांजलि देती है जिन्होंने अपनी जान गंवा दी है।आज के दिन , प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सरकारों को अधिकार का सम्मान करने और बनाए रखने के उनके कर्तव्य की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है ।2024 में, विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का थीम वर्तमान वैश्विक पर्यावरण संकट के संदर्भ में पत्रकारिता के महत्व और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को समर्पित है। इस दिन को मनाने के लिए आइए हम उन लोगों को प्रोत्साहित करें जो दूसरों की आवाज बनने और खोजने के बारे में सीखना चाहते हैं।मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की और से आप सभी को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

गुजरात से मुकेश मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि स्वच्छता अभियान शुरू होने से अब घरों में मच्छर कम आते हैं और बीमारियाँ भी नहीं होती है

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कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

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नेताओं के भाषणों में कोई सच्चाई नहीं होती, वे हमेशा झूठ बोलकर चुनाव जीतते हैं, यह सोचकर कि जनता यहाँ मूर्ख है, वे कुछ भी कहते हैं और किसी पर कुछ भी आरोप लगाते हैं, वे इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानते हैं, वे शिक्षा के बारे में कुछ नहीं जानते हैं, वे शिक्षित नेता नहीं हैं।कभी भी शिक्षित लोगों को नेता नहीं बनाया गया है। वे ऐसे नेता बनाते हैं है जो उनका काम करते रहे और वे उनके ठेकेदार बनके रहें ।

उत्तरप्रदेश राज्य के पीलीभीत जिला से हमारे श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे किसी भी पार्टी का विरोध नहीं करना चाहिए