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मैं विनोद यादव, गया जिला, बिहार का रहने वाला हूँ! मैं लुधियाना में ही फँसा हूँ.....राजीव गाँधी कॉलोनी, फोकस प्लांट! ठीक है! हम लोग 06 लोग फँसे हुए हैं! हम साझा मंच से ये अनुरोध कर रहा हूँ कि मुझे खाने-पीने का राशन दें क्यूँकि हम लोग भूखे परेशान हैं! मैं 4-5 दिनों से आपको फ़ोन लगा रहा हूँ पर साझा मंच जी, आपका जवाब नहीं आ रहा है! हम लोगों को खाने-पीने का इंतज़ाम करें! धन्यवाद!
मैं, लुधियाना, फोकस फार्म, राजीव गाँधी कॉलोनी से से बोल रहा हूँ! हम लोग तीन लोग फँसे हुए है! हम लोग बिहार के रहने वाले हैं! विनोद यादव नाम है मेरा! साझा मंच हमको कुछ राहत दे...हम बहुत कष्ट में हूँ...धन्यवाद!
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मेरा नाम मानञ्जय कुमार साह है! हम लोग पंजाब के खडर मार्केट से बोल रहे हैं, जिसका जिला मोहाली है, और हम लोग दशमेश नगर में रहते हैं!
खोडर, जिला - मोहाली, पंजाब से बोल रहे हैं!
हम लोग पंजाब, खरड़, बस स्टैंड से बोल रहे हैं....गली नंबर एक, नैना फ्लौर कॉलोनी। मेरा मोबाइल नुम्बेर 9890874166 से पाँच दिनों से फ़ोन कर रहा हूँ.....यहाँ 50 बन्दे फँसे हुए हैं.....इन लोगों को राशन पहुँचवाईये !
हम बिहार से आ कर लुधियाना, पंजाब में फँसे हुए है! लुधियाना पंजाब में पड़ता है....राजीव गाँधी कॉलोनी, फोकस प्लाण्ट! मेरा नाम विनोद यादव है....हम लोग दो बन्दे फँसे हुए है और मुझे कोई सुविधा सरकार से नहीं मिल रही है! हम लोग ऐसे ही दबाव में हैं....न कम्पनी का कुछ ये है.....कम्पनी भी पैसा नहीं दे रहा है.... इसलिए हम लोग लाचार हो कर फँसे हुए हैं....इसलिए साझा मंच से अनुरोध करते हैं कि मुझे इसका कुछ उपाय बताएँ! धन्यवाद!

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आपको बताना चाहते हैं कि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के दिशा-निर्देशों के बाद भी अधिकांश बैंक सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए दृष्टिबाधितों को एटीएम कार्ड देने में आनाकानी करते हैं। इसका दूसरा कारण यह है कि पढ़े-लिखे होने के बावजूद भी अधिकांश दृष्टिबाधित व्यक्ति आज भी अंगूठे का निशान लगाकर पैसा निकालना अधिक सुरक्षित समझते हैं, जिसके कारण बैंक उन्हें अशिक्षित मानते हुए एटीएम की सुविधा देने से मना कर देते हैं। एक सर्कुलर में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कहा था कि “नेत्रहीन लोगों को किसी भी बैंकिंग सुविधा से वंचित नहीं रखा जा सकता।“ इसमें चेक बुक, एटीएम, क्रेडिट कार्ड, लॉकर सुविधा इत्यादि सभी चीजें शामिल की गयी थीं। इसी वजह से उसने बैंकों को एक तिहाई एटीएम्स में ऐसे सॉफ़्टवेयर लगाने की हिदायत दी, जिससे सुनकर भी उनका प्रयोग किया जा सके, लेकिन अभी भी इन टॉकिंग एटीएम्स की संख्या काफ़ी कम है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक दृष्टिबाधित वकील जार्ज अब्राहम द्वारा दाखिल “दृष्टिबाधितों की बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तक पहुँच नहीं” विषयक जनहित याचिका पर भारतीय रिज़र्व बैंक, सामाजिक न्याय एवं वित्त मंत्रालय से जवाब माँगा है। याचिका में कहा गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के 2015 के मास्टर सर्कुलर के बावजूद अधिकांश एटीएम्स में टॉकिंग सॉफ़्टवेयर और उसके बटनों पर ब्रेल लिपि की सुविधा नहीं है। इस याचिका में अदालत द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह सभी बैंकों से अपने मास्टर सर्कुलर का पालन कराते हुए दृष्टिबाधितों के लिए सुविधाजनक एटीएम्स लगवाए। इस स्थिति को देखते हुए हम उम्मीद करते हैं कि आपकी यह समस्या जल्द ही दूर हो जाएगी।
July 22, 2020, 12:14 p.m. | Tags: int-PAJ disability governance rural banking