दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत आशा वर्कर्स से हुई आशा वर्कर बताती है दिल्ली में 6500 टोटल आशा वर्कर है जो की 4 से 5000 आशा वर्कर रोज धन्यवाद आ रही है हम मुख्यमंत्री जी से मिलना चाहते हैं और उनके घर के पास जाकर बैठना चाहते हैं मगर दिल्ली पुलिस हमें इतनी दूर ही बिठा दिया है हम 28 अगस्त से बराबर धरने पर बैठे हुए हैं ऐसा लगता है कि हम भारत में नहीं कहीं ब्रिटिश हुकूमत में पैदा हुए हैं यहां पर इतना अत्याचार किया जा रहा है हमें टारगेट दिया जाता है क्या आप इस टारगेट पर काम करेंगे हमसे बदतमीजी की जाती है हम अस्पताल जाते हैं डॉक्टर हमारी नहीं मानता है हम गर्भवती महिलाओं को लेकर जाते हैं कोई अपना घर का पेशेंट नहीं लेकर जाते हैं हमें डिस्पेंसरी में लगा दिया जाता है डिस्पेंसरी के डॉक्टर और उसका स्टाफ हमारे साथ हमारा शोषण करता है जो के यह संविधान के खिलाफ है हम सभी आशा वर्कर इस धरने को खत्म नहीं करेंगे तब तक हमारा न्यूनतम वेतन नहीं मिलेगा और हमारे मुख्य मांगे पूरी नहीं होगी