दिल्ली आईएमटी मानेसर से कमलेश पासवान ने श्रमिक वाणी के माध्यम से बताया कि उन्होंने 2021 में गोडज़ा कंपनी में काम किया। उन्होंने बताया कि प्रति दिन उनकी इंट्री रजिस्टर में होती थी। तनख्वा लेने की तिथि 7-10 की होती थी। कंपनी मालिक ने उन्हें दो महीने तक तनख्वा देने से टाल मटोल किया। फिर बाद में तनख्वा देने से मना कर दिया। इसकी शिकायत उन्होंने लेबर कोर्ट में की ,वकील ने इस काम के लिए उनसे पांच हज़ार लिए। लेकिन वकील ने भी बाद में ये कह कर कोई मदद नहीं की कि उनका नाक कंपनी में कम्पूटर एंट्री नहीं है। इसके बाद कमलेश दोबारा कंपनी में गए और अपने बकाये तनख्वा देने की बात की तो कंपनी मालिक ने मना कर दिया