नॉएडा से शंकर पाल साझा मंच के माध्यम से कह रहें हैं की मज़दूर चाहे संगठित हो या असंगठित उसे मान सामान जो मिलना चाहिए वो नहीं मिलता है. और अगर वेतन की बात करें तो मज़दूरों का वेतन इतना काम होता है की मज़दूर ओवरटाइम करने को मजबूर होता है.