दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा से नंदकिशोर की बातचीत साझा मंच के माध्यम से एक मजदूर ब्रह्मदेव से हुई। ब्रह्मदेव कहते है कि पीस रेट में काम करना अच्छा है। सैलरी में काम करते है तो लगता है बंध कर काम कर रहे है। पीस रेट में ऐसे नहीं है ,अपना दिहाड़ी निकाल कर ऑफिस से निकल जाते है। इसमें पीएफ ईएसआई का कोई झंझट नहीं है वहीं टारगेट पूरा करने को लेकर भी कोई बोझ नहीं है। पीस रेट में कमाई अच्छा हो जाता है। पीस रेट में पैसे कैश में मिलती है जो कि हर 15 दिनों में मिल जाता है। ब्रह्मदेव को पीस रेट में काम करना अच्छा लगता है