दिल्ली से हमारे संवाददाता और इनके साथ एक श्रमिक हैं, वे साझा मंच के माध्यम से कहते हैं कि कम्पनी सरकार के द्वारा बनाए गए कानून का पालन नहीं करती है। साथ ही कम्पनी द्वारा प्रतिदिन दो घंटे मजदूरों से ओवर टाइम करवाया जाता है और कभी नाईट भी करवाई जाती है । उन्हें ओवरटाइम का सिंगल मिल रहा है और नाईट डबल।सरकार के बनाए क़ानून का मज़दूर ही पालन करते है। अगर मज़दूरों का वेतन बढ़ता तो उन्हें परिवार चलाने में कोई समस्या नहीं होती। क़ानून श्रमिक के लिए लाभदायक नहीं है।