तमिलनाडु तिरुपुर करिपुथुर से अरुण ने साझ मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक प्रवासी श्रमिक का साक्षात्कार लिया।उनका कहना है कि वह पहले पीएफ में योगदान कर रहे थे लेकिन उन्हें इसमें से कुछ भी नहीं मिला। इसलिए उन्होंने अब पीएफ में योगदान देना बंद कर दिया।