उद्योग विहार, फ़ेज़ एक, दिल्ली से साझा मंच मोबाईल वाणी के सम्वाददाता नन्द किशोर उद्योग विहार में दस साल से काम कर रहे सुरेश कुशवाहा से बात कर रहे हैं। सुरेश कुशवाहा ने बताया कि शुरू के दो-तीन साल उन्होंने अकेले काम किया, फिर अपने पत्नी के साथ कर रहे हैं। पहले पीस रेट पर काम करते थे, लेकिन कहीं-कहीं वेतन पर भी काम किया है। लेकिन अब समस्या है कि काम मिल ही नहीं रहा है। कम्पनी वाले दो-चार महीना काम कराने के बाद निकाल भी देते थे। लेकिन वहाँ पीएफ़ फँसता था, तो मिल जाता था, मगर अब नहीं मिल रहा है। लॉक डाउन के बाद अपने परिवार को घर छोड़ आए हैं। अभी बिना जान-पहचान के मजदूरों को नौकरी नहीं मिल रही है। कोरोना और लॉक डाउन के कारण श्रमिकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। अब इस सेक्टर में काम नहीं करना है, अब बेकरी का काम करना है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसका प्रशिक्षण नहीं ले पा रहा हूँ। एक सप्ताह से काम खोज रहे हैं, लेकिन कहीं काम नहीं मिल रहा है। काम मिलने पर बाद में परिवार को भी ले आएँगे। भविष्य में सब कुछ सही होने पर इस सेक्टर को छोड़ दूँगा।