टीटी मिल्स, मुस्कान टेलर के पास से अरुण साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से अपना नाम नहीं बताने को बोल रहे एक श्रमिक से लॉक डाउन के बाद की परेशानियों के बारे में बात कर रहे हैं। वे श्रमिक बता रहे हैं कि लॉक डाउन के बाद वापस काम पर कम्पनी की बस से आए थे और इनसे कहा गया था कि भाड़ा नहीं काटेंगे, लेकिन काटा गया। अब पैसा नहीं बचता है, बहुत तनाव है। हमेशा यहाँ से भागने को मन करता रहता है। किसी ऑफ़िस में कहा गया कि भाड़े का पैसा तीन महीने में वापस ड़े देंगे, कहीं छः महीने में देने को कहा गया, लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिला है। बिहार से काम पर वापस आने के बाद कम्पनी वालों ने इनलोगों से एक काग़ज़ पर यह लिखवा कर हस्ताक्षर करवा लिए कि ये लोग अपनी मर्ज़ी से काम पर वापस आए हैं और वह कागज अपने पास रख लिया। उसमें और क्या-क्या लिखा था, इन्हें नहीं पता।