गुरुग्राम से नंद किशोर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लगातार वैश्विक बाज़ार में पेट्रो-उतापड़ों के मूल्यों में लगातार हो रही कमी के बावजूद भारत में हो रही पेट्रो-उत्पादों की मूल्यवृद्धि से आम जनता परेशान और आश्चर्यचकित है। इस मूल्यवृद्धि से महंगाई बहुत बढ़ जाएगी, जिसका बोझ आख़िरकार आम आदमी को ही उठाना होगा। सरकार को राजस्व-उगाही के दूसरे श्रोत भी तलाशने होंगे। इस राजस्व का हिस्सा केंद्र-राज्य सरकारों में बंटता है। कुछ राज्य तो पेट्रो-उत्पादों से मिलने वाले राजस्व से ही अपने कर्मचारियों के वेतन देते हैं।