गुरुग्राम से सोनू साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि गुरुग्राम भारत का बहुत तेज़ी से विकसित होनेवाला शहर, है लेकिन कोरोना संक्रमण ने इस शहर का हाल-बेहाल कर दिया। बिहार के रहनेवाले फुटकर सब्ज़ी विक्रेता जितेंद्र सोनू को बता रहे हैं कि लॉक डाउन में सब्ज़ी बिकती नहीं है, माकां मालिक किराये में कोई छूट नहीं देते, समझ नहीं आ रहा कि यहाँ रहें कि गाँव चले जाएँ! सात लाख श्रमिकों के आवेदन करने के बाद भी इन्हें कहीं से कोई मदद नहीं मिली। यहाँ दुकानों के खुलने का कोई समय नहीं है, पुलिस ने भी परेशान कर रखा है। जो श्रमिक यहाँ से पैदल घर गए हैं, वे फिर कभी यहाँ न आने की क़सम खा रहे हैं। सरकार की तरफ़ से इन श्रमिकों को राहत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। अगले चार-पाँच महीनों में अगर हालात नहीं सुधरे, तो मजबूरी में सब छोड़कर गाँव जाना होगा।