ये दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र से महेश कुमार स्वामी साझा मंच मोबाईल वाणी को बता रहे हैं कि मिल मालिक और मजदूर दोनों को बराबर का नुक़सान सहना चाहिए था। आर्थिक मंदी के कारण दोनों का नुक़सान हुआ है, लेकिन मजदूरों को ज्यादा है। तो स्वाभाविक सी बात है कि इस स्थिति में अगर कुछ मिल मालिक उनकी मदद कर देते, तो उन्हें इतनी बड़ी समस्या का शिकार नहीं होना पड़ता। कामसे काम वो अपना जीवन यापन तो कर लेते! हमारे यहाँ ऊपर से नीचे तक सिस्टम में सुधार करने की जरूरत है, क्योंकि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका का समन्वय नहीं बनने की स्थिति में कई बार इस तरह की दिक्कत देखने को मिलती हैं।