मोबाइल बानी के साझा मंच पर गिरिडीह झारखंड से सर्विस तिवारी बताते हैं कि महानगरों में फंसे झारखंडी मजदूरों ने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन द्वारा प्रदत्त आर्थिक सहायता की राशि को ठुकरा दिया है और उन्होंने इन माइग्रेटेड वर्कर्स तथा राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी का हॉटस्पॉट बने महाराष्ट्र में अब वे जीना नहीं चाहते। इस संबंध में गिरिडीह डुमरी के चीनो पंचायत समिति सदस्य बीरबल पंडित ने कहा कि क्या हम लोग अपने बच्चों एवं परिजनों का मुंह नहीं देख पाएंगे, क्या मुख्यमंत्री ने उन्हें मरने के लिए महाराष्ट्र में छोड़ दिया है?उन्होंने यह भी कहा कि संयोगवश झारखंड राज्य के मजदूरों में अभी तक पॉजिटिव केस नहीं पाया गया है, साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री सहानुभूति पूर्वक विचार करें।