तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर शहर से रफ़ी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रमिक से हुई। बातचीत के दौरान श्रमिक भाई ने बताया कि उन्हें तमिलनाडु में कार्य करते हुए 10 साल हो गए हैं और दो साल से वो साइट नंबर 189 कॉटन ब्लॉसम कंपनी में कार्य कर रहे थे।उनकी शिकायत यह हैं कि कंपनी वाले बहुत देर से वेतन देते हैं। कंपनी द्वारा उन्हें पीएफ व यूएएन नंबर भी नहीं दिया गया हैं।कॉटन ब्लॉसम कंपनी में सेक्शन बदल बदल कर उन्होंने 8 साल तक कार्य किया हैं। इसी कंपनी में उन्होंने वेतन व पीएफ को लेकर बहुत परेशानी झेली हैं। पांच साल तक एक सेक्शन में कार्य करने के बाद उनका पहला पीएफ का पैसा कंपनी के मालिक द्वारा मिल गया था लेकिन सेक्शन बदलने के बाद इस बार उन्हें पीएफ के लिए बहुत परेशानी हो रही हैं।ईएसआई कटती तो हैं परन्तु उन्हें कार्ड नहीं मिला हैं। कंपनी में काम कर रहे बहुत प्रवासी श्रमिक कंपनी के मैनेजमेंट से परेशान हैं। उनकी पत्नी भी कम सैलरी के कारण ही कंपनी से रिजाइन दे दी थी। सैलरी माँगने पर उनके साथ तमिल भाषा में गली गलौज किया गया। मैनेजमेंट से बात करने पर वेतन बढ़ाने की बात कह कर उनका रिजाइन भी स्वीकार नहीं कर रहे थे। बाद में इसी से परेशान हो कर उन्होंने कंपनी छोड़ने का अंतिम फैसला ले लिया।उनका कंपनी में लगभग पैतीस हज़ार रूपए पीएफ का पैसा फँसा हुआ हैं और एक महीने का वेतन भी नहीं मिला।वेतन माँगने पर भी कंपनी द्वारा वेतन नहीं दिया जा रहा हैं।उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी में किसी प्रकार का मज़दूर यूनियन भी नहीं हैं। उन्होंने तिरुपुर स्थित लेबर कोर्ट जाने का फैसला लिया हैं परन्तु उनके पास जानकारियों का अभाव हैं। Saajha Manch's Rafi discussed with a worker who has been based in Tirupur for 10 years and for the last two years, working at plot number 189 (Cotton Blossom company). His main complaint is that the company pays wages very late. Further the company has not provided the PF or UAN number. He has clocked up 8 years in the same company (Cotton Blossom) by changing section many times. In one section, he managed to get his PF after completing 5 years, but on joining another section, the management has not cooperated on this. Further, his ESI is also being cut but he has no card. Generally, the inter-state migrants face a lot of trouble from management due to communication barriers, and his wife has also been forced to resign due to low wages. When the migrants ask for their wages to be given, managers abuse them in Tamil language. He then took the decision to resign following company's refuse to increase his wage, but the company refused to accept his resignation. Eventually, they took the decision to quit the company, leaving behind Rs.25,000 in PF stuck, along with last month's wage and he has not even managed to get this in spite of asking. The company has no kind of union. He has decided to seek help in court but is in need of guidance and information to do this.

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साझा मंच में रफी के साथ आपकी बातचीत के लिए धन्यवाद। आपने तिरुपुर में अंतर-राज्य प्रवासियों द्वारा सामना की गई कई चुनौतियों पर प्रकाश डाला है। आपकी कंपनी ने देर से वेतन का भुगतान किया है और आपके पीएफ और ईएसआई के लिए नंबर तथा दस्तावेज प्रदान करने से इनकार कर दिया है। ये गंभीर उल्लंघन हैं। हम आपसे जानना चाहेंगे कि इस इकाई में आप में ऐसे कितने इस स्थिति में हैं? हमारा सुझाव है कि आप पीएफ कार्यालय में शिकायत दर्ज करना शुरू कर दें क्योंकि यह प्रक्रिया अदालत की तुलना में पीएफ दफ्तर में ज़्यादा मजबूत हो सकती है। यदि आपके पास यह सबूत है कि आप पूरी अवधि के लिए कार्यरत थे और आपका पीएफ कट गया था, तो पीएफ कार्यालय को कार्रवाई करने के लिए मजबूर करना संभव होगा । कृपया साझा मंच (92111 53555) पर मिस्ड कॉल करें और जानकारी प्रदान करें। तब हम आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं।
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July 31, 2019, 10:04 p.m. | Tags: int-PAJ