हमारे एक श्रोता राजकुमार जो बिहार राज्य के मधुबनी ज़िला के स्थानीय निवासी हैं साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि वो वज़ीरपुर में स्थित एक कंपनी में कार्यरत हैं। वहाँ 8,000 से 9,000 हज़ार रूपए वेतन मिलता हैं। जिसमे घर का किराया,बिल आदि दे कर परिवार का भरण पोषण नहीं हो पाता।साथ ही उन्होंने यह भी बता कि कंपनी में केवल ईएसआई की सुविधा दी जाती हैं, पी.एफ नहीं कटता और वेतन भी समय से नहीं मिल पाता हैं। इस कारण घर का किराया समय से नहीं देने पर मकान मालिक द्वारा परिवार वालों व महिलाओं को अभद्र तरीक़े से बार बार परेशान किया जाता हैं।राजकुमार जी ने यह भी बताया कि कंपनी वाले स्थानीय बदमाशों के हाथों मज़दूरों को परेशान करवाते हैं तथा उनका वेतन भी लूट लिया जाता हैं।

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राजकुमार जी आपको बताना चाहेंगे कि सबसे पहले आपको ये पता होना ज़रूरी है कि दिल्ली में अकुशल श्रमिक के लिए भी न्यूनतम वेतन 14000 प्रति माह तय किया गया है, जो कि आपको नहीं मिल रहा है, इसके लिए आप सरकार द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 011-155214 पर कॉल करके न्यूनतम वेतन न मिलने के संबंध में शिकायत कर सकते हैं। साथ ही अगर कंपनी में 20 से ज्यादा श्रमिक काम करते हैं तो आप सभी को पीएफ ईएसआी का लाभ मी मिलना चाहिए इसके लिए आप पीएफ दफ्तर में फार्म भर कर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं, लेकिन बेहतर होगा अगर सभी श्रमिक संगठित होकर कंपनी प्रबंधकों से पहले बातचीत के ज़रिए रास्ता निकालने की कोशिश करें। जब आप सभी तमाम जानकाराी के साथ कंपनी प्रबंधकों से बात करेंगे तो प्रबंधकों पर भी दबाव बनता है। दिल्ली में न्यूनतम वेतन नहीं देने वालों के लिए 50 हज़ार जुर्माना और 6 महीने की जेल का प्रवधान भी है, लेकिन शिकायत दर्ज करवाने के लिए आपके पास वेतन रसीद या कंपनी में काम करने का कोई न कोई प्रमाण सबूत के तौर पर होना ज़रूरी है। जहां तक बात है मकान मालिक के परेशान करने की तो वहां स्थानी प्रशासन आपकी सहायता कर सकता है।
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March 27, 2019, 11:17 a.m. | Tags: int-PAJ   industrial work   wages   workplace entitlements