दिल्ली एनसीआर से रवि धर्मी जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि वो एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करते थे। उनका पीएफ का फॉर्म भी नहीं भरा जा रहा था। उन्होंने ने कई बार फॉर्म भरने की कोशिश भी की पर उनके साथ बतमिजी से बात की जाती थी। उन्हें कंपनी छोड़े हुए नौ माह बीत गए हैं पर उन्हें पीएफ नहीं दिया जा रहा था। बल्कि उन्हें एक साल और काम करने को बोला जा रहा था जिसके बाद उनका पीएफ फॉर्म भरा जाता। लेकिन जब उन्हें साझा मंच के बारे में जानकारी मिली तो वो इसके बारे में नन्द किशोर जी से बात किये जिसके बाद नन्द किशोर जी ने उनके हेड से बात की तो वो पीएफ का फॉर्म भरने के लिए तैयार हो गए। इसके लिये उन्होंने साझा मंच को धन्यवाद दिया।

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दीपक कुमार जी उत्तर प्रदेश से बताते हैं कि वो एक पेन की कंपनी में काम करते थे,उन्होंने उस कंपनी में इस्तीफा दे दिया है पर कंपनी अभी तक पैसा नहीं दी और बार बार तारीख दे रही है।
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Sept. 15, 2017, 11:42 a.m. | Location: 1129: UP | Tags: UGC   grievance   wages   Identity proof   workplace entitlements