आप हमें बताये कि क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप जल्दबाज़ी में कोई फैसला लेने ही वाले थे पर ऐन वक्त पर किसी ने आप को रोक लिया हो और बाद में आप को समझ आया हो की आप का लिया गया फैसला गलत होता ? ऐसे स्थिति में कैसा अनुभव था आप का ? और आप के अनुसार हमारे ज़िन्दगी के फैसलों में करीबी लोगो की क्या भूमिका होती है ? क्या सच में ज़िन्दगी के बड़े फैसले हमें खुद ही लेने होते है ? या यह केवल एक सुनी सुनाई बातें है ?इस पर अपनी राय, प्रतिक्रिया या फिर इससे जुड़े आपके मन में कोई सवाल है तो वो भी हमें जरूर बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर।

आप हमें बताएं कि क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि काम करते करते थक जाते हैं और एकदम से एनर्जी लेस्स महसूस करते हैं।अगर हां तो ऐसी परिस्थिति में आप क्या करते हैं ? आप खुद को कैसे रिफ्रेश करते हैं यानि कि फिर से तरोताजा महसूस करने के लिए क्या करते हैं ? साथ ही बताएं कि मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना क्यों जरूरी है और आपके अनुसार एक व्यक्ति काम के साथ साथ खुद का मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रख सकता है ?

हां तो साथियों, जैसा कि हम सब जानते हैं कि ब्रेकअप से उबरना कोई आसान काम नहीं है लेकिन यह इतना मुश्किल भी नहीं की इससे उबरा न जा सके . क्या आपने कभी ब्रेकअप का सामना किया है ?अगर हाँ तो उस स्थिति में आप ने खुद को कैसे संभाला था ?और ऐसी स्थिति में किसने आप की सबसे ज़्यादा मदद की थी और और कैसे ?और अगर आपके किसी दोस्त या बेहद करीबी किसी ने ब्रेकअप का सामना किया तो उनके ब्रेकअप की स्थिति से उभरने ने में आप की क्या भूमिका रही है ?

आप बताएं कि क्या आपने कभी ध्यान लगाया है ? कैसा रहा आपका अनुभव ?और क्या आप के पास तनाव से मन को मुक्त कर धीरे-धीरे शांत करने के कोई और तरीका भी है ? तो वो भी हमारे साथ साझा करें। अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर।

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आप हमें बातें की आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना क्यों जरुरी है?आज की कड़ी में बताई गई मानसिक आपके अनुसार मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोग कितने जागरूक है ?अगर आपके परिवार के सदस्यों या किसी जाननेवालों में आज की कड़ी में बताई गई मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी लक्षण दिखे है तो इसके लिए क्या करना चाहिए ?मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोग सजग और जागरूक हो पाएं इसके लिए सामुदायिक स्तर पर क्या किया जाना चाहिए ?

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यौन उत्पीड़न हमारे समाज की एक बड़ी समस्या है और बहुत से लोग इसका शिकार भी हो जाते हैं . हम समझते है की केवल साबधानी बरतने से ही ऐसे परिस्थितिओं को हमेशा नहीं टाला जा सकता है बल्कि सामाजिक बदलाव से ही इस समस्या को जड़ से ख़तम किया जा सकता है। ऐसे में , आप को क्या लगता है की किस तरह का बदलाव हमारे समाज को एक सुरक्षित और बेहतर समाज बनने में मदद कर सकती है ? और क्या केवल कड़े कानून लागु करने से ही यौन उत्पीड़न के शिकार हुए लोगो को इन्साफ दिलवाया जा सकता है ? यौन उत्पीड़न के शिकार हुए लोगो के प्रति वर्तमान में दिखने वाले सामाजिक प्रतिक्रियों पे आप का क्या राय है ?