कहावत है कि जल ही जीवन है। और हो भी क्यों न ! आखिर इस पृथ्वी और हमारा शरीर दोनों का सत्तर फीसदी तो पानी से ही भरा है ! जी दोस्तों, जैसा की आप समझ गए है, इस हफ्ते जनता की रोपर्ट चर्चा मंच पर हम बात करेंगे जल संचयन, विशेष कर वर्षा जल संचयन के बारे में। क्या आप को पता है इस वर्षा जल संसंचयनचयन के बारे में ? असल में यह एक ऐसा तरीका है जिससे बारिश के पानी का संचयन किया जाता है ताकि उसे बाद में इस्तेमाल किया जा सके। वैसे तो यह अलग अलग तरीको से हमारे सभ्यताओं में बहुत पुराने समय से ही था, परन्तु पिछले कुछ समय से सरकार इस पर काफी ज़ोर दे रही है। क्या आप के समुदाय में भी वर्षा जल संचयन किया जाता है ? क्या विचार है आप का इस बारे में ?हम सब जानते है की जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आज देश के अनेक भागों में पानी की बढ़ती मांग और घटती उपलब्धता इसी बात का सबूत है की पानी हमारे लिए कितना ज़रूरी है । परन्तु वर्तमान समय में पानी की बर्बादी हर जगह देखने को मिलती है, चाहे घर हो या सड़क। क्या आप के समुदाय में भी ऐसी बर्बादी होती है ? ऐसे में कौन सी बात आप को सब से ज़्यादा विचलित करती है ? क्या आपने कभी अपने स्तर पे वर्षा जल संचयन का प्रयास किया है ? अगर हां तो किस प्रकार से ? आप को क्या लगता है , आप के द्वारा किया गया ऐसा प्रयास हमारे देश की पानी की स्थिति को सुधारने के लिए कितना कारगर हो सकता है ? क्या आप ने आज कोई ऐसा काम किया है या फिर करने वाले है जिससे थोड़ा सा भी पानी बचाया जा सकता है ?
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झारखण्ड में सब्जी उत्पादन की अपार संभावनाएँ हैं, जहाँ उन्नत किस्म की सब्जियों का उत्पादन होता है|अन्य खाद्य पदार्थो की तरह ही हमारे लिए सब्जियों का अलग महत्व है। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य के कृषक वर्ग नकदी फसल, फलों एवं मौसमी सब्जियों की ओर भी अग्रसर हुए हैं| और वर्तमान में राज्य में भारी मात्रा में सब्जी का उत्पादन भी किया जाता है यहां के किसान सब्जी उत्पादन कर आर्थिक रूप से सशक्त हो सकते हैं।लेकिन वर्तमान समय में राज्य में सब्जी की खेती करने वाले किसानों की स्थिति कुछ और ही बयां करती है।श्रोताओं हम आपसे जानना चाहते हैं कि जहाँ एक ओर सरकार , किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है वहीँ किसान उत्पादित सब्जी को औने पौने दामों में बेचने के लिए क्यों बेवस हैं ?क्या किसानों को सब्जी बेचने के लिए सब्जी मंडी की उचित व्यवस्था की गई है ? आपके क्षेत्र में सब्जी बाजार की वर्तमान स्थिति क्या है ? श्रोताओं,किसान जिस तरह से पूंजी निवेश कर सब्जी की खेती करते है , सब्जी बेचने पर उन्हें लागत मूल्य भी प्राप्त नहीं होती ऐसे में किसानों की दिनचर्या किस तरह से प्रभावित होती है ?आपके अनुसार किसानों द्वारा उपजाई हुई सब्जी की सही मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार को क्या करना चाहिए?
वर्तमान समय में सरकार द्वारा जितनी व्यवस्था प्राथमिक शिक्षा के लिए की गई है अगर उसे सख्ती से जमीनी स्तर पर उतरा जाये तो छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सकती है।लेकिन वर्तमान समय में शिक्षक एवं अधिकारी शिक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते नज़र आ रहे हैं।शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 6 से 14 के सभी बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान है बावजूद इसके बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा वंचित है. आखिर इसके पीछे क्या वजह है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है ? प्रतिवर्ष शिक्षक सरकार से वेतन बढ़ोतरी की मांग करते हैं लेकिन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की पहल अपने स्तर से क्यों नहीं करते ? आखिर क्यों सरकारी विद्यालय के शिक्षक दोहरी नीति अपनाते हुए अपने बच्चों का दाखिला निजी और बड़े विधालय में करवाते हैं..?आज के शिक्षक और शिक्षिकाओं में पढ़ाने एवं ज्ञान बाँटने की ललक में कमी क्यों आने लगी है...? आपके अनुसार ऐसी कौन सी वजह है जिसके परिणाम स्वरूप शिक्षा महज एक व्यापार बनकर रह गई है और इसे रोकने के लिए सरकारी स्तर पर क्या प्रयास किये जाने चाहिए?
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