झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बरसात का मौसम झुलसती गर्मी से राहत तो प्रदान करता है लेकिन साथ ही कई घातक बीमारियां भी अपने साथ लाता है। यह कई बीमारियों को आमंत्रित करने का मौसम होता है, क्योंकि इस मौसम में बारिश से कई स्थानों पर जलजमाव, कीचड़ व गंदगी से पैदा होने वाले मच्छर और बैक्टीरिया बीमारियां फैलाते हैं।बारिश का मौसम एक ओर जहां अपने साथ हरियाली और खुशगवार मौसम लाता है। वहीं इसके साथ ही कई तरह की बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। दूषित पानी और भोजन के कारण वायरल बुखार, जॉन्डिस, मियादी बुखार (टायफाइड) तथा पेट संबंधी पेचिश जैसी बीमारियां के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अपने घरों के आस-पास कूड़े-कचड़े, जल जमाव और सड़ी-गली चीजों को इकट्ठा नहीं होने दें,साथ ही मच्छरदानी का प्रयोग करें और आस -पास बिलीचिंग पउडर का इस्तेमाल करें ताकि इन बीमारियों से बचा जा सके।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बीरबल महतो ने बताया कि प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पोशाक राशि नहीं दिया जा रहा।जिससे क्षेत्र के छात्र-छात्राओं में भारी निराशा देखी जा रही है।इसको देखते हुए यही उम्मीद किया जा सकता है कि सरकार शिक्षा के प्रति उदासीन है।शिक्षा को सरकार बढ़ाना नहीं चाहती है।अगर शिक्षा को आगे बढ़ाना है, तो सरकार को शिक्षा के प्रति एकरूपता लाना होगा। अतः सरकार को जल्द से जल्द छात्रों को पोशाक राशि देना चाहिए ताकि बच्चों में भी पढ़ने का ललक बना रहे।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

झारखंड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड से झारखंड मोबाइल वाणी के माध्यम से बीरबल महतो कहते है कि झारखंड राज्य एक ऐसा राज्य है जहां पर सब्जी उत्पादन की पूरी संभावना है।झारखंड के किसान सब्जी की खेती करते तो है ,परन्तु उन्हें उपजाई हुए सब्जी का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।जिस कारण यहां के किसान हताश हो जाते है।सरकार के द्वारा एक तरफ से किसानों को यह आश्वासन दिया जाता है कि उनकी आय को दोगुना कर दिया जायेगा।परन्तु दूसरी ओर झारखंड में सब्जी मंडी का उचित व्यवस्था नहीं है,जिससे किसानों को सब्जी बेचने में काफी परेशानी होती है। साथ ही किसानों को सब्जी की उचित कीमत भी नहीं मिल पाती है जिसका सीधा असर किसानों के दिनचर्या पर पड़ता है।अतः झारखण्ड सरकार को इस विषय पर ध्यान देते हुए किसानों के लिए पंचायत स्तर पर सब्जी मंडी की उचित व्यवस्था तथा उनत किस्म के बीज की व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही वैज्ञानिक तरीके से सब्जी उत्पादन की जानकारी भी देनी चाहिए।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमार प्रखंड से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बीरबल महतो जी बताते है कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता का अभाव देखा जाता है। इसका मुख्य वजह सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों में शिक्षा के प्रति उदासीन रवैया है।सरकारी विद्यालयों के शिक्षक अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में नामांकन करतें है। ताकि उनके बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके। जब सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को अपने बच्चों के शिक्षा पर इतन अविश्वास है तो वे कैसे माध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकेंगे। अतः सरकार को इस विषय पर कड़ी करवाई करते हुए सरकारी शिक्षकों के ऊपर कोई ऐसा कानून बनाना चाहिए ताकि सरकारी स्कूल के शिक्षक भी अपने बच्चो को सरकारी विद्यालयों में पढायें।तब जा कर लोंगो को सरकारी विद्यालयों में विश्वास होगा और लोग अपने बच्चों को सरकरी विद्यालयों में अधिक से अधिक सांख्य में पढ़ायेंगे।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि देश में पेट्रोल एवम डीजल की कीमत दिन प्रतिदिन नया रिकॉर्ड बना रही हैं। जो छोटे व्यपारियों एवम सामान्य लोगों के लिए खतरे की घण्टी जैसी है। आज देखा जाता है, कि सड़कों से कई गुणा अधिक वाहन है। जो पेट्रोल और डीजल से ही चलते हैं। ऐसे में स्वभाविक है की दाम बढ़ने से रोजमरा की जिन्दगी में लोगों को कठनाई का सामना करना पड़ता है। इससे लोग हताश महसूस करने लगें हैं। अंतराष्ट्रीय व्यपार में वृद्धि होने से पेट्रोल एवम डीजल के दामों में भी वृद्धि होती है।अतः सरकार द्वारा पेट्रोल एवम डीजल के कीमतों में नियंत्रण किया जाए। ताकि देश की जनता राहत महसूस कर सकें।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा से मदन लाल चौहान ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि किसान ही आज हम सभी के लिए अन्न को उपजाता है। नए तकनीकों का प्रयोग कर वो हमें ज्यादा से ज्यादा अन्न देने की कोशिश करते है। यूरिया और केमिकल के ज्यादा प्रयोग से आज के समय में खेतों की उर्वरक क्षमता कम होते जा रही है। रासनायिक खाद का ज्यादा प्रयोग और अच्छी खेती नहीं होने के कारण , आज किसान बैंकों के ऋण तले दबते जा रहे है। और इसी बढ़ते क़र्ज़ के कारन कई किसान आज आत्म -हत्या करने को मज़बूर हो रहे है। सरकार को जैविक खाद का प्रयोग करने पर ज़ोर देना चाहिए। जिससे आगे चलकर किसानो की हालत में कुछ सुधार आए

झारखंड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि वो दिन दुर नहीं जब पूरा देश प्रदूषण के शिकार हो कर अपनी -अपनी जान गवां बैठेंगे। अतः प्रत्येक व्यक्ति कम से कम एक पेड़ लगा कर पर्यावरण संरक्षण कर सकते हैं। हवा हो या पानी संरक्षण से बचेगी सबकी जिंगदानी,सब मिल कर लगाओ जंगल, जंगल से होगा हम सबका मंगल। पर्यावरण संरक्षण बन गई है मज़बूरी, पेड़ों के बीना पर्यावरण संरक्षण है अधूरी। आज वर्त्तमान युग में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई एवं कल कारखाने बनने के कारण पर्यावरण काफी दूषित हो कर प्रदूषण बढ़ा रही है। इससे वायु जहरीली होती जा रही है। अनंत रोग प्रदुषण के कारण पाँव पसार रहें हैं। इससे लोग काल के गाल में समाते जा रहें हैं।

झारखंड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है।आज भी देश के 70 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर हैं।पुरे विश्व में भारत धान के ऊपज में दूसरे स्थान पर है।झारखंड में भी धान की खेती काफी अच्छे से की जाती है।परन्तु कुछ किसान जानकारी के अभाव, उन्नत किस्म के बीज के अभाव एवं खेत छोटे -छोटे टुकड़ों में बंटे होने के कारण खेती सही तरीके से नहीं कर पातें हैं।कई किसान कम पढ़े-लिखे होने के कारण पुराने तरीकें से खेती करते हैं,जिससे धान की उपज कम होती है। उन्होंने बताया कि लोग धान का पैदावार पशुओं के गोबर खाद को खेतों में डाल कर बढ़ाते हैं। साथ ही पैदावार बढ़ाने के लिए आज के आधुनिक युग में उन्नत किस्म के बीज एवं रसायनिक खाद की जरुरत है। जो किसान पढ़े-लिखे होते हैं वो इसका लाभ आसानी से उठाते हैं परन्तु कई किसान प्रखंड स्तर से मिलने वाले लाभ से वंचित रह जाते हैं। अतः सरकार द्वारा पंचायत स्तर में उन्नत किस्म के खाद एवं बीज का प्रबंध कर, मुखिया द्वारा प्रत्येक किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए ।