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झारखंड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से राधू राय मोबाइल वाणी के माध्यम से जल संचयन पर आधारित एक कविता प्रस्तुत कर रहें हैं। इस कविता के माध्यम से कहते हैं कि जल ही जीवन है, संरक्षण करना है जरुरी। जल को यूँ ना बरबाद करें, बन सकती है एक दिन मजबूरी। वर्षा जल को तालाब और पोखर में संचय हम करना सीखें, इस्तेमाल में जल आ सके जब भी हमें सुखा दिखे।

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झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पंचायत चुनाव के बाद उनके क्षेत्र में विकास का झलक देखने को मिल रहा हैं। पहले छोटी छोटी चीज़ो के अभाव के कारण कई दिक्कते आती थीं। स्थानीय महिलाएँ दूसरे पर निर्भर रहती थीं। साथ ही सड़क की सुविधा नहीं होने के कारण ग्रामीण, शहरों में जा कर व्यापार नहीं कर पाते थे।और लोगों को बेरोज़गारी का सामना करना पड़ रहा था। परन्तु अब पंचायत चुनाव होने के बाद गांव में कई बदलाव हो रहे हैं। छोटे मोटे उद्योगों का निर्माण हो रहा हैं जो की आगे चल कर स्थानीय निवासियों को बेरोज़गारी के अंधेरे से निकाल कर उनके जीवन में उम्मीद की रोशनी जगाएगा। यही नहीं,सड़कों का निर्माण भी हो रहा हैं जिससे गांव वाले अपने व्यपार को शहरों से जोड़ पाएगें।साथ ही महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए स्वरोजगार योजना के तहत कम किस्तों में ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा हैं जो उन्हें खुद के व्यपार करने में मददगार साबित होगा इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी।यह बदलाव ग्रामीणों के क़दम को खुशहाल जीवन की तरफ बढ़ा रहा हैं। परन्तु इन सभी बदलाव के बीच एक छोटी सी बात ग्रामीणों के मन में खटक रही हैं और वह हैं मुखियाँ द्वारा गोपनीय ढंग से विकास कार्य का होना। अगर यही विकास के कार्य को ग्राम सभा में रख कर गति प्रदान की जाए तो ग्राम का विकास और अच्छे से एवम सुचारू रूप से आगे बढ़ेगा।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला से बीरबल महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि झारखण्ड में पंचायत चुनाव हो जाने के बाद भी झारखण्ड के गाँवो की तस्वीर नहीं बदली है। कुछ भी बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। इनके क्षेत्र के विधायक दो दो बार जीतकर आये है साथ ही दो बार मुखिया पद पर भी एक व्यक्ति जीतकर आ चुके है। यहाँ के सांसद भी पांच बार सांसद के पद पर रह चुके है। फिर भी छत्रुटांड पंचायत का जो विकास होना चाहिए वह नहीं हुआ है। अभी तक छत्रुटांड पंचायत के छत्रुटांड बस्ती में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ किसी को नहीं मिला है। मिला भी है तो मात्र एक हरिजन को दिया उसके आलावा किसी को नहीं मिला है। साथ ही इस क्षेत्र में बिजली और पानी की समस्या भी पूर्व की भाँति बरकरार है। इस प्रकार कहा जा सकता है पंचायत का विकास अब तक अधूरा है।