जिला दुमका से शैलेन्दर सिंहा जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कुपोषण परएक अस्पताल के ए.एन.एम.सपना मुर्मू का साक्षात्कार किया। उन्होने बताया कि लगभग 20 से 22 वर्ष की उम्र की औरतें और उनके बच्चे कुपोषण के इलाज के लिए यहाँ आते हैं। कुछ तो ठीक होने के बाद फिर से कुपोषण ग्रस्त हो जाते हैं। कभी कभी घर पर ठीक तरह से ख्याल नहीं रखा जाता इसलिए वो दोबारा अस्पताल में भारती हो जाते हैं।