राज्य झारखण्ड के बोकारो जिले से सुषमा कुमारी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत की लगभग आधी आबादी गरीबी रेखा के अंतर्गत आती हैं।बहुत मुश्किल से इनका परिवार गुजर-बसर करता है एवं किसी तरह दो वक्त की रोटी नसीब होता है।इस परिस्थिति में ये गरीब जनता क्या डिजिटल सेवा का उपयोग कर पाएंगे और इससे सम्बंधित सुविधा ले पाएंगे ? जहाँ अन्य लोगों को इंटरनेट की सुविधा मिलेगी ,वहीं गरीब जनता डिजिटल और इंटरनेट सुविधा से वंचित रहेंगे।गरीबी से झूझ रही जनता रोजी-रोटी के लिए भटकते रहते हैं एवं मजबूर हो कर अपना घर छोड़ कर दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। स्थिति यह है कि कभी-कभी तो वो जीवित वापस भी नहीं लौट पाते,उनकी लाश वापस आती है।ऐसे में डिजिटल सेवा का उपयोग अनुचित समझा जायेगा।किसी तरह गुजरा करने वाले गरीबों के पास इतना पैसा कहाँ से आएगा कि वो बैंकों में जमा कर सके?इस प्रकार गरीबों को डिजिटल सेवा से कोई लाभ नहीं होगा,उल्टे इनकी समस्या और बढ़ जाएगी।अच्छा होगा पहले सरकार इन गरीबों की गरीबी दूर करने का प्रयास करे उसके बाद डिजिटल सेवा का लाभ दे।