बिहार राज्य के जिला वैशाली से विकाश कुमार ,मोबाइल वाणी के माध्यम से यह पूछना चाहते हैं कि अंत्योदय कार्ड कैसे बनेगा
Transcript Unavailable.
7 से 8 महीना का ग्राम रोजगार सेवकों का मानदेय नहीं मिला भुखमरी की नौबत
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
बुढ़मू : प्रखंड मुख्यालय स्थित बुढ़मू में करोड़ों की लागत से बने पानी टंकी का उद्घाटन बुधवार को कांके विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश कुमार बैठा ने अपने हाथों से किया। इस अवसर पर विधायक सुरेश कुमार बैठा ने लोगों से कहा कि आज बुढ़मू में लगा पानी टंकी का उद्घाटन किया गया है और सभी गांवों में पानी सप्लाई कर दिया गया है। विधायक सुरेश बैठा ने कहा कि कल से बुढ़मू क्षेत्र के अंतर्गत सभी गांवों में पानी सप्लाई लगातार किया जायेगा। विधायक ने कहा कि मैं जो वादा किया था, उसे आज पूरा किया । वही बुढ़मू प्रखंड क्षेत्र से एक गरीब व्यक्ति की अस्पताल में इलाज चलने में पैसे की अभाव में परेशानी होने की सूचना मिलते ही विधायक सुरेश कुमार बैठा ने गंभीरता से लिया और तत्काल उन्होंने दूरभाष पर रांची के एक अस्पताल के डॉक्टरों से संपर्क कर अच्छे से इलाज करने को कहा और अपने ओर से उनके इलाज में सहयोग करने का आश्वासन दिया। उद्घाटन के मौके पर बुढ़मू प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य रामजीत गंझू , विधायक प्रतिनिधी शमीम बड़ेहार, कांके विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि गोपाल तिवारी, विधायक प्रतिनिधि बबलू उरांव, अजीत साहू सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
कहते हैं कि पूंजीवाद केवल एक आर्थिक व्यवस्था नहीं, बल्कि एक सोच है — एक ऐसा दृष्टिकोण जो इंसान को इंसान से तोड़कर उसे केवल उपभोक्ता के रूप में देखना चाहता है। इस व्यवस्था का मूल स्वभाव ही इतना व्यक्तिकेंद्रित होता है कि वह हर स्तर पर 'फूट डालो, राज करो' की नीति को आत्मसात कर लेता है। यह नीति अब केवल सत्ता की राजनीति, सरकारों की रणनीति या कॉरपोरेट दिग्गजों के एजेंडे तक सीमित नहीं रही। अब यह हमारे सबसे निजी, सबसे मानवीय दायरे — हमारे घरों, मोहल्लों और सोसाइटीज़ तक पहुँच चुकी है। कभी जो मोहल्ले आपसी सहयोग और सामाजिकता के केंद्र हुआ करते थे, आज वहाँ अपार्टमेंट की दीवारें केवल ईंट-पत्थर की नहीं, बल्कि मन की दूरियों की बाड़ बन चुकी हैं। आज पड़ोसी एक-दूसरे के नाम नहीं जानते, और सोसाइटी मीटिंग्स में मुद्दे कम और मतभेद ज़्यादा दिखाई देते हैं। पूंजीवादी व्यवस्था ने न सिर्फ ज़रूरतों को बाज़ार बना दिया, बल्कि रिश्तों को भी एक सौदे में तब्दील कर दिया। और इस पूरे बदलाव की जड़ में है — वही पुरानी, आजमाई हुई नीति: फूट डालो, राज करो। इस लेख में हम एक ग़ाज़िआबाद जिले की एक प्रतिष्ठित हाउसिंग सोसायटी 'दिव्यांश ओनिक्स' की कहानी के बहाने इस सच्चाई से रूबरू होने की कोशिश करेंगे — कि कैसे एक आर्थिक सोच ने हमारे सामाजिक ताने-बाने को चुपचाप छिन्न-भिन्न कर दिया है। पढ़िए और सोचिए — क्या हम अब भी एक समाज हैं, या केवल साथ खड़े मगर अलग-थलग लोग?
जमुई जिले के चकाई प्रखंड अंतर्गत दलनीडीह गांव निवासी सह चकाई जिला परिषद क्षेत्र संख्या 03 के वर्तमान जिला पार्षद गोविंद चौधरी का लंबी बीमारी के बाद रविवार की देर रात्रि में निधन हो गया। वे करीब 70 वर्ष के थे। उन्होंने अंतिम सांस चकाई बाजार स्थित अपने निजी आवास पर लिया। उनके निधन से जमुई जिला स्तब्ध है। जिले के राजनेता, समाजसेवी, बुद्धिजीवी ने संवेदना प्रकट करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। जमुई के पूर्व विधान सभा सदस्य अजय प्रताप ने गोविंद चौधरी के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से समाज के एक युग का अंत हो गया है। हमने एक महान समाजसेवी , उदार व विशाल हृदय वाला इंसान और दूरदर्शी मानव को हमने खो दिया है। मैं उन्हें बारंबार प्रणाम करता हूं। बिहार के मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि गोविंद चौधरी के निधन से समाज का एक मजबूत स्तंभ ढह गया है। एक समर्पित , कर्मठ और निष्ठावान व्यक्तित्व हमारे बीच से चला गया। वे एक ऐसे महापुरुष थे , जिन्होंने अपना जीवन समाज के उत्थान एवं कल्याण के लिए जीया और जिनके कार्यों से समाज का मस्तक ऊंचा हुआ। श्री चौधरी की गिनती एक संवेदनशील मानव के रूप में होती थी। वह मेरे पिता तुल्य थे मैंने एक अभिभावक,मार्गदर्शक को खो दिया।