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बिहार राज्य के मुंगेर जिला के हवेली प्रखंड से गोरेलाल मंडल ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि लोकतंत्र की यही परिभासा है, आज तक जितनी भी सरकार आयी है, सभी में यही हथकंडा अपनाया है। बंदूक की गोली जब निकलती है तो वो ये नहीं जानती की इस गोली से कोई मुज़रिम मर रहा है या कोई बेक़सूर।
महाराष्ट्र राज्य के नागपुर जिला से आदर्श मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की आज के समय में गोली चलना और चलाना आम बात हो गई है। एनकाउंटर के नाम पर सरकार अपना दबदबा बनाना चाहती है। एनकाउंटर जैसे कानून पर रोक लगनी चाहिए
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि सदियों से वो व्यक्ति समाज में रहते है , ऐसे व्यक्ति जो धन दौलत के माध्यम से कमज़ोर व्यक्ति पर भारी पड़ता है। अगर समाज एकजुट हो जाएगी तो ऐसे व्यक्ति की दादागिरी को बल नहीं मिलेगा। एकजुटता में ताकत है
हरियाणा से अशोक कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि एनकाउंटर उस परिस्थिति में किया जाता है जब आतंकवादियों को यह पता लगे की सामने पुलिस थाना हो और उसके ऊपर गोलियां चलाये तब उस जगह का अधिकार रहता है कि सरकार भी उसी हथियार से जवाबी करवाई करे। या फिर कोई इतना बड़ा गैंग या कोई भी है किसी तरह से भाग रहा हो तो उसे काबू करने के लिए ऐसा कर सकते हैं। साथ ही यदि कोई हमपर गोलियां चलाये तो इस स्थिति पर एनकाउंटर कर सकते हैं
महाराष्ट्र राज्य के नागपुर से आदर्श ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इनकाउंटर करना सरकार की मनमानी है। अपराधी को कानून के हवाले करना चाहिए। मगर सरकार अपराधी को मरने में विश्वास करती हैं
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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी से विकेश कुमार प्रजापति , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि न्याय हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। न्याय प्रक्रिया को क्यों ख़तम किया जा रहा है। सरकार दिव्यांगों के लिए कुछ नहीं किए है। आज भी दिव्यांग जन मजबूर है। दिव्यांग को अपना परिवार चलाने में भी दिक्कत हो रही है। न्याय के लिए आवाज उठाना चाहिए। आज भी भारत में लोगों को न्याय नहीं मिल रहा है।
दिल्ली से प्रेम कुमार ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पुलिस द्वारा किया गया एनकाउंटर में निश्चित ही सवाल उठता है। पुलिस द्वारा घर से बुला कर ले जाना फिर एनकाउंटर करना ,यह रवैया गलत है। यह सत्ता पक्ष को खुश करने के लिए किया गया है। अधिकतर कार्यवाही धर्म जाति देख कर ही किया जाता है। किसी अपराधी को छोड़ दिया गया और एक का एनकाउंटर हुआ है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए ,निष्पक्ष रूप से कार्यवाही होना चाहिए। यह कार्यवाही के कारण पुलिस के ऊपर सवाल खड़े होते है। पुलिस अधिकतर समय बदले की भावना से एनकाउंटर करती है और सत्ता पक्ष को खुश रखने के लिए करती है पुलिस का काम है मुजरिम को पकड़कर न्यायलय के कटघड़े में खड़ा करना है। पुलिस तंत्र सही हो जाएगा तो घटनाएँ भी कम मात्रा में होगी। उत्तरप्रदेश में हुआ एनकाउंटर फ़र्ज़ी है।