प्रेस विज्ञप्ति। युवा राजद के राष्ट्रीय महासचिव सह मुंगेर विधानसभा राजद प्रत्याशी अविनाश कुमार विधयार्थी उर्फ मुकेश यादव एवं राजद के राज्य परिषद सदस्य शिशिर कुमार लालू ने बुधवार को बिहार भाजपा नेताओं द्वारा बंगाल में हो रहे हिंसा को लेकर धरना को नाटक करार देते हुए कहा की ये सिर्फ बिहार में करोना महामारी से बदहाल स्वास्थ में चौपट इन्तजाम से हो रहे लोगौं की मौत से ध्यान हटना के लिए एक नाटक किया जा रहा है जो की एन डी ए सरकार की संवेदनहीनता पर पर्दा डालने जैसा है।एक ओर प्रदेश में कोरोना विकराल रूप धारण करते जा रहा है वही सरकार के मुखिया नीतीश कुमार हाई लेबल बैठक कर लोगों को सिर्फ भ्रमित कर रहे है जब प्रदेश में भाजप जद यु की डबल इंजन की सरकार है उसके बाबजूद पुर्व से ही देश विदेश के तमाम स्वास्थ संगठनों द्वारा अगाह किया जा रहा था की कोरोना का दुसरा लहर आने वाला उसके बाबजूद पुरे प्रदेश के अस्पतालौं में करोना पीड़ित लोगों के इलाज के लिए न तो आइसोलेशन वार्ड बनाया गया न तो ऑक्सिजन,जीवन रक्षक दवाई,वेन्टिलेटर के साथ ही साथ जाॅच की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया जिसके कारण बिहार के सैकडौं लोगों को जान गमानी पड़ी। बिहार सरकार समय रहते लाॅकडाउन लगा दिया होता तो संक्रमन को रोका जा सकता था लेकिन इस डरी हुई सरकार बंगाल चुनाव परिणाम और अपने आका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आदेश के इंतजार में बिहार के लोगों को नजाने कितने अपने खोने को मजबुर कर दिया।भाजपा के नेताओं में अगर तनीक भी मानवता बची होती तो उनको इस महामारी में बिहार के लोगों को बचाने में विफल सरकार के खिलाफ धरना देना चाहिए ।एक ओर देश के पाॅच प्रदेशों एवं उत्तरप्रदेश में पंचायत चुनाव में सत्ता हथियाने के लिए बड़ी बड़ी रैली कर पुरे देश में कोरोना को फैलाने का काम किया अब जब मामला हाथ से निकल गया तो बंगाल को हथियार बना कर अपने कुकृत को छुपाने के लिए धरना जैसा नाटक कर रहें है आगे इन्होनें कहा की मुंगेर स्थानीय विधायक एंव मंत्री द्वारा राजनीतिक पिकनीक मनाया जा रहा है वो रोज रोज सिर्फ अस्पताल एवं कोविड वार्ड का निरिक्षण कर सिर्फ नाटक कर रहे है ये लोग सिर्फ मुंगेर के लोगों को मुर्ख बनाना चाहते है।इनको ये बताना चाहिए की इनकी सरकार समय रहते कितने ऑक्सिजन युक्त बेड़ लगाये,समय पर लोगों वैक्सिन लगाने की व्यवस्था की,जाॅच रिपोर्ट समय से मिले इसके लिए क्या कदम उठाया गया,ऑक्सिजन की समुचित व्यवस्था के लिए क्या किया गया,जीवन रक्षक दवाई जैसे रेड़मेसिविर को क्यों नही समय पर मंगाया गया,क्यो नही प्राइवेट नर्सिंग होम पर लगाम लगाया जहाॅ खुले आम पीड़ित परिवारों से इलाज के नाम पर लुट किया जा रहा है उसके बाबजूद लोगों को जान गवानी पड़ रही है।हद देखिए की बिहार सरकार पुरे प्रदेश की देखरेख हेतु प्रभारी मंत्री बनाया जिसके तहत बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को मुंगेर का जिम्मा दिया गया लेकिन वो इतने डरे है की एक सप्ताह होने के बाबजुद भी मुंगेर नही आए ये समझने के लिए काफी है की सरकार और सरकार के मंत्री इस महामारी से लोगों को बचाने के लिए कितने गंभीर है।