आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे एटीएम कार्ड और उसके पिन और ओटीपी से जुड़ी कुछ जानकारियों के बारे में।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार। यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो बिहार सरकार द्वारा निकाली गयी बीएसपीएचसीएल क्लर्क और स्टोर सहायक के 230 पदों पर कार्य करने के लिए इच्छुक है ।इसमें पत्राचार लिपिक के 150 पद और स्टोर सहायक के 80 पदों पर रिक्तियां निकाली गयी हैं। इन पदों पर वेतनमान 9200-15500/- रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। इन पदों के लिए वैसे उम्मीदवार आवेदन कर सकते है, जिन्होंने किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री प्राप्त किया हो । इन पदों पर आवेदन करने के लिए आयु सीमा 21-37 वर्ष रखी गई है। साथ ही आवेदनकर्ताओं का चयन लिखित परीक्षा पर आधारित होगा।इन पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदन शुल्क जेनरल उम्मीदवारों के लिए 1500 रुपए और दिव्यांग आवेदकों के लिए एससी/एसटी (केवल बिहार का मूल निवासी), महिला आवेदकों (केवल बिहार का मूल निवासी) के लिए 375 रुपए रखे गए हैं।यदि आप के पास मांगी गयी सारी योग्यताएं है तो आप अपना आवेदन आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट पर जा सकते हैं वेबसाइट है www.bsphcl.co.in .याद रखिये आवेदन करने की अंतिम तिथि 30अप्रैल 2024 रखी गयी है। तो साथियों अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ बाँट भी सकते हैं।

2024 के आम चुनाव के लिए भी पक्ष-विपक्ष और सहयोगी विरोधी लगभग सभी प्रकार के दलों ने अपने घोषणा पत्र जारी कर दिये हैं। सत्ता पक्ष के घोषणा पत्र के अलावा लगभग सभी दलों ने युवाओं, कामगारों, और रोजगार की बात की है। कोई बेरोजगारी भत्ते की घोषणा कर रहा है तो कोई एक करोड़ नौकरियों का वादा कर रहा है, इसके उलट दस साल से सत्ता पर काबिज राजनीतिक दल रोजगार पर बात ही नहीं कर रहा है, जबकि पहले चुनाव में वह बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर ही सत्ता तक पहुंचा था, सवाल उठता है कि जब सत्ताधारी दल गरीबी रोजगार, मंहगाई जैसे विषयों को अपने घोषणापत्र का हिस्सा नहीं बना रहा है तो फिर वह चुनाव किन मुद्दों पर लड़ रहा है।

किताबों की दोस्ती से मिलती है बहुत सारी जानकारी | इसीलिए बच्चों का किताबों के प्रति लगाव होना है ज़रूरी | तो सुनिए इस कहानी को और समझिये बच्चों और किताबों की दोस्ती के बारे में |

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ अशोक झा ऑर्गेनिक बीज उपचार विधि के बारे में जानकारी दे रहे हैं। सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

छुट्टी का दिन होता है बच्चों के लिए बहुत मजेदार, जहाँ करते है वो खूब मस्ती | सुनिए इस कहानी को और हमें बताइए आपके बच्चे किस तरह की मस्ती करते है | ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

साथियों, बच्चे बड़ों को देखकर ही काफी कुछ सीखते और समझते है | इसीलिए जिस माहौल में हम उन्हें ढालेंगे, बच्चे वैसे ही बनेंगे | ये कहानी भी इसी बात से प्रेरित है, इसे सुनियेगा ज़रूर |दोस्तों, इस कहानी से हमे ये सीखने मिलता है कि बच्चे बडों को देखकर बहुत कुछ सीखते हैं.. चलिए तो अब आप हमें बताएं कि आप बच्चों के सामने व्यवहार किस तरह से करते हैं? किन बातों का ध्यान रखते हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.