पटना(महताब आलम) :- कोरोना के खिलाफ जंग में मजबूती से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित तौर पर कार्रवाई की जा रही है. इस जंग को और आसान बनाने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने भारत सरकार के आइजीओटी( इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग) प्लेटफार्म के माध्यम से राज्य के सभी जिलों के संचारी रोग पदाधिकारी(यक्ष्मा), जिला योजना समन्वयक तथा 105 नर्स मेंटर को कोरोना के उपचार, रोकथाम एवं व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों को लेकर गुरुवार को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया. ●कोविड-19 एक अत्याधिक संक्रामक बीमारी है. राज्य के 29 जिले कोरोना से प्रभावित हैं एवं इस वैश्विक महामारी के विरुद्ध लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर, नर्स, लैब-टेक्निशियन, एम्बुलेस, पुलिस-प्रशासन, मीडिया एवं आपातकालीन सेवा से जुड़े अनेकों लोग दिन रात एक कर के पीड़ितों को बचाने के लिए प्रयासरत हैं. इस विशाल मानव संसाधन को निरंतर उपचार, रोकथाम एवं व्यक्तिगत सुरक्षा के उपायों से अवगत कराते रहना एक कठिन कार्य है. इसे ध्यान में रखते हुए इस ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. ●राज्य में स्वास्थ्य तथा पुलिसकर्मी आईजीओटी एप के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर खुद को इसके संक्रमण के खतरे से बचा सकते हैं. यह ऐप एंड्रॉयड फोन, टैबलेट या लैपटॉप के माध्यम से प्रशिक्षण हेतु उपयोग किया जा सकता है. ●प्रशिक्षण में शामिल स्टेट नोडल ऑफिसर ट्रेनिंग(कोविड-19) डॉ. बीके मिश्रा ने बताया कि अगले चरण में निजी क्षेत्र के डॉक्टर एवं नर्सों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए कई लोग अपनी जान की परवाह किये बिना सेवा भाव से कार्यरत हैं,यह ऐप खुद को प्रशिक्षित करने में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. प्रशिक्षण के दौरान डॉ. पंकज मिश्रा एवं डॉ. संजीव दौलत राव भी शामिल थे।
पटना(महताब आलम) :- कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच टीबी मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएँ अब बाधित नहीं होगी. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से आरएनटीसीपी( रिवाइज्ड नेशनल टीबी प्रोग्राम) के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डॉ. केएस सचदेवा ने राज्य के राज्य स्तरीय टीबी पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखकर विस्तार से दिशानिर्देश दिया है. पत्र में बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के बीच भी टीबी की रोकथाम एवं उपचार को लेकर प्रदान की जाने वाली सेवाओं को नियमित रखने की जरूरत है. इसके लिए राज्य एवं जिला स्तर पर कार्यरत संबंधित अधिकारीयों एवं कर्मियों को इस महामारी काल में भी अधिक सतर्क रहकर टीबी संबंधित सेवाओं को सुचारू रखने की जरूरत है. जिसमें टीबी की रोकथाम, डायग्नोसिस, उपचार एवं देखभाल संबंधित सेवाएं शामिल है. साथ ही इस दौरान टीबी के कारण होने वाली अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं पर भी ध्यान देने की जरूरत होगी. पत्र में यह भी बताया गया है कि टीबी प्रबंधकों की यह जिम्मेदारी है कि डायग्नोसिस के साथ टीबी मरीजों की पहचान करने का कार्य भी जारी रखना सुनिश्चित करें. ◆कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर टीबी कर्मियों( हेल्थ केयर स्टाफ एवं लेबोरेटरी टेकनीशियन) को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है जो टीबी सैंपल कलेक्शन एवं उसके जांच संबंधित कार्यों में शामिल होते हैं: • टीबी के सैंपल एकत्रित करने के बाद साबुन एवं पानी से हाथों को अच्छी तरह साफ़ करें • लेबोरेटरी एरिया के आस-पास खाना खाने एवं पानी पीने से बचें • लेबोरेटरी प्रेमिसेस में अधिक व्यक्तियों के प्रवेश को वर्जित करें. यदि एक से अधिक टेकनीशियन हों तो आपस में पर्याप्त दूरी बनाकर रहें • लेबोरेटरी के सतहों को 1% सोडियम हाइपो-क्लोराइट से सैनिटाइज्ड करें • बायोमेडिकल वेस्ट को राष्ट्रीय गाइडलाइन्स के मुताबिक ही डिस्पोज करें टीबी कर्मी व्यक्तिगत सुरक्षा का भी रखें ख्याल: • डिस्पोजेबल एन-95 मास्क का करें इस्तेमाल • डिस्पोजेबल एप्रन/ सर्जिकल गाउन/ नार्मल एप्रन प्लास्टिक शीट के साथ का इस्तेमाल करें एवं इसे हाइपोक्लोराइट से डिसइन्फेक्ट भी करें • ग्लव्स एवं डिस्पोजेबल हेड कैप का प्रयोग करें ◆ प्रवासी मजदूरों में टीबी से ग्रसित होने की संभावना अधिक है. इसलिए संभावित लोगों जांच की जाए. कोरोना के मद्देनजर राज्य में उनके लिए बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में यदि किसी प्रवासी मजदुर में टीबी के संभावित लक्षण हों तो भी उनकी टीबी की जांच की जानी चाहिए. इसके लिए राज्य/जिलों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सभी प्रवासी मजदूरों में जो भी टीबी से ग्रसित हों, उन्हें समुचित देखभाल एवं दवा मिल सके. टोल फ्री नंबर से लें जानकारी: टीबी संबंधित जानकारी प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा जारी टोल फ्री नंबर(1800-11-6666) के विषय में आम जागरूकता बढ़ाने की बात कही गयी है.
प्रारंभिक शिक्षकों को करें वेतन का भुगतान
समस्तीपुर जिला के रहने वाले धर्मेंद्र मिश्रा जी कहते है कि लॉकडाउन पहला से भी बत्तर है दूसरा ,कहि न कही इस लॉक डाउन का शिकार हो रहे है दैनिक मजदूर ,,,,आये सुनते है पूरी तफसील के साथ
कोरोना वायरस संक्रमित के सम्पर्क में आने वाले 22 लोगो का सैम्पल जाँच के लिए संग्रह कर जाँच के लिए एम्स पटना भेजा गया है। संक्रमित युवक को यहाँ लाने में भूमिका निभाने वाले सदर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी और मजिस्ट्रेट के रूप में शामिल वरीय कोषागार पदाधिकारी, एम्बुलेंस चालक और इनके चालक को क्वारेंटिन करते हुए सैम्पल लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमित के पिता को भी क्वारेंटिन करते हुए सैम्पल जाँच के लिए भेजा गया है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार गाव में लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण ताश खेलकर समय व्यतीत करते थे। उसके पिता के साथ गाव में ताश खेलने वाले की पहचान कर उनका भी सैम्पल लेने का प्रयास किया जा रहा है। इस बीच इन सभी को बारी बारी से गाव के स्कूल में बने क्वारेंटिन होम में रखा गया है। गाव में यह खबर आते ही गाव को पूरी तरह सील कर दिया गया है। ग्रामीणों को गाव के बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। उसी प्रकार किसी को गाव के अंदर भी नहीं आने दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी लोगो का स्वास्थ्य जाँच भी किया जा रहा है। गाव में पेयजल की घोर समस्या है। बड़ी संख्या में महिला गाव के चापाकल से पानी भी लाते दीख रही थी। मालूम हो कि मुम्बई से स्कूटी के माध्यम से यहाँ पहुचने के बाद उसे जिला प्रशासन ने नगर क्षेत्र के एक होटल में बने क्वारेंटिन होम में आइसोलेट करते हुए उसके सैम्पल को जाँच के लिए पटना भेजा गया था। पटना से जाँच रिपोर्ट पोसिटिव आते ही यहाँ हडकंप मच गया जिला प्रशासन के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग और पुलिस सक्रीय हो गयी थी। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग रात भर कार्यरत देखी गयी।
जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण के दस्तक देते ही यहां सभी सरकारी कार्यालयों को सैनिटाइज करने का काम किया जा रहा है। नगर परिषद द्वारा बुधवार को समाहरणालय स्थित सभी कार्यालयों में छिड़काव कर संक्रमण रोधी बनाने का काम किया गया। इस संबंध में नगर परिषद के सूत्रों ने बताया कि परिषद द्वारा बड़े वाहन में रसायन घोलकर सभी कार्यालयों के बाहरी और भीतरी कमरों में छिडकाव किया गया। कार्यालय के बाहर खड़े वाहनों को भी सैनिटाइज किया गया। उन्होंने बताया कि सैनिटाइज करने का यह काम आगे भी जारी रहेगा। नगर क्षेत्र के सरकारी कार्यालयों के अलावा सड़कों और गलियों को भी सैनिटाइज किया जाएगा।
कोरोना वायरस संक्रमित के सम्पर्क में आने वाले 22 लोगो का सैम्पल जाँच के लिए संग्रह कर जाँच के लिए एम्स पटना भेजा गया है। संक्रमित युवक को यहाँ लाने में भूमिका निभाने वाले सदर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी और मजिस्ट्रेट के रूप में शामिल वरीय कोषागार पदाधिकारी, एम्बुलेंस चालक और इनके चालक को क्वारेंटिन करते हुए सैम्पल लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमित के पिता को भी क्वारेंटिन करते हुए सैम्पल जाँच के लिए भेजा गया है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार गाव में लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण ताश खेलकर समय व्यतीत करते थे। उसके पिता के साथ गाव में ताश खेलने वाले की पहचान कर उनका भी सैम्पल लेने का प्रयास किया जा रहा है। इस बीच इन सभी को बारी बारी से गाव के स्कूल में बने क्वारेंटिन होम में रखा गया है। गाव में यह खबर आते ही गाव को पूरी तरह सील कर दिया गया है। ग्रामीणों को गाव के बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। उसी प्रकार किसी को गाव के अंदर भी नहीं आने दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी लोगो का स्वास्थ्य जाँच भी किया जा रहा है। गाव में पेयजल की घोर समस्या है। बड़ी संख्या में महिला गाव के चापाकल से पानी भी लाते दीख रही थी। मालूम हो कि मुम्बई से स्कूटी के माध्यम से यहाँ पहुचने के बाद उसे जिला प्रशासन ने नगर क्षेत्र के एक होटल में बने क्वारेंटिन होम में आइसोलेट करते हुए उसके सैम्पल को जाँच के लिए पटना भेजा गया था। पटना से जाँच रिपोर्ट पोसिटिव आते ही यहाँ हडकंप मच गया जिला प्रशासन के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग और पुलिस सक्रीय हो गयी थी। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग रात भर कार्यरत देखी गयी।
जिला में कोरोना वायरस के एक संक्रमित के पाए जाने के बाद लोगो के यहाँ के लोगो के मन में खौफ देखा जा रहा है। आमतौर पर लॉकडाउन की धज्जिया उड़ाकर बाज़ार क्षेत्र में भीड़ लगाने वालो की संख्या बुधवार को कम देखी जा रही थी। बैंक से रुपया निकालने सहित अन्य आवश्यक काम के नाम पर सवेरे से शाम तक बाज़ार क्षेत्र में चहल पहल देखी जा सकती थी। हालाकि इसके बाद में मुख्य डाक घर के सामने बड़ी संख्या में भीड़ देखी गयी। यहाँ लोग बिना दूरी बनाये रुपया निकासी के लिए एक दूसरे पर चढ़े दीख रहे थे। डाक विभाग द्वारा लोगो को इंतजार के लिए शमियाना भी लगा रखा है। दूसरी ओर दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के चांदनी चौक शाखा में कम भीड़ देखी गयी। वीआईपी रोड में स्थित एक बैंक ग्राहक सेवा केंद्र पर भी लोगो की कम भीड़ थी। सडको पर भी अकारण लोगो का अनजाना नहीं देखा जा रहा था। लॉकडाउन के दौरान अधिकांश आवश्यक ड्यूटी में लगे वाहन ही चलते देखे जा रहे थे। यहाँ एक पोजिटिव मामला सामने आने के बाद से ही प्रशासन और पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है। नगर क्षेत्र में लॉकडाउन के आम दिनों के भांति पुलिस सभी चौक चौराहों पर मुस्तैद दीख रही थी। लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी बजाने वालो में बड़ी संख्या में महिला पुलिस भी शामिल हैं।
बुधवार की देर शाम स्थानीय थाना क्षेत्र के साईं कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिग ओनामा के समीप से एक लावारिस अवस्था मे पैसन प्रो बाइक बरामद की गई। सूत्रों ने बताया कि नालन्दा जिला से निबंधित सिल्की कलर के इस बाइक का निबंधन संख्या बीआर 21 एस 5710 है। किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा इस बाइक को बुधवार की शाम गांव से बाहर एकांत जगह में स्थापित टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के चहारदीवारी के बाहर ला कर खड़ा कर दिया गया। इसकी सूचना मिलने के बाद कॉलेज के चेयमैन अँजेश कुमार ने फौरन शेखोपुरसराय थाना अध्यक्ष राजनन्दन कुमार को सूचित किया। इस बाबत थाना अध्यक्ष ने बताया कि बाइक के लावारिश अवस्था मे रहने की खबर मिली है। पुलिस टीम को बाइक को पुलिस कब्जे में लेने हेतु घटना स्थल पर भेजा गया है। उधर इस बाइक की बरामदगी के बाद लोग तरह तरह की चर्चा कर रहे है।
कोरोना वायरस के रोकथाम को लेकर किये गए लोक डॉन के कारण उत्पन्न भखमरी की समस्या के निदान हेतु रोटरी क्लब आफ शेखपुरा सेंट्रल के द्वारा गरीबों के बीच सूखा राशन सामग्री का वितरण करवाया गया। सदर अंचल शेखपुरा के अंचलाधिकारी रवि शंकर पांडेय के द्वारा चिन्हित लोंगो के बीच कच्चे राशन पैकेट का वितरण किया गया । इसकी जानकारी रोटेरियन निरंजन पांडेय ने दी।उन्होंने कहा कि जिला में भूख का सामना कर रहे लोंगो के सहायतार्थ रोटरी क्लब ऑफ शेखपुरा सेंट्रल कई दिनों से राशन वितरण अभियान चला रही है।
