गाँव में शमशान घाट नहीं होने के कारण ग्रामीण नदी के किनारे दाह संस्कार करते थे। जिसके कारण वर्षा के दिनों में लोगों को काफी परेशानी होती थी। छठ घाट पर सीढ़ी नहीं होने के कारण भी लोग गिर कर जख्मी हो जाते थे। इसलिए ग्रामीणों की सुविधा के लिए मनरेगा के तहत इन दोनों घाटों का निर्माण किया जा रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।