केंद्र सरकार की लेटलतीफ से परेशान नौवीं-दसवीं के पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के छात्रों को राज्य सरकार ने अपने मद से छात्रवृत्ति देने की योजना को अंतिम रूप दे दिया। जल्द ही प्रदेश के राजकीय और राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालयों के नौवीं-दसवीं के पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के 12 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति की राशि दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। इस मद में 287 करोड़ रुपये स्वीकृत भी कर दिये गये हैं। पहली बार राज्य सरकार इस मद में सौ फीसदी राशि खर्च करेगी। हर एक विद्यार्थी के खाते में एकमुश्त 1800 रुपये का भुगतान होगा। 150 रुपये महीने के हिसाब से यह छात्रवृत्ति दी जाती है। इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कराने की कोशिश शिक्षा विभाग कर रहा है। विभाग इस पर शीघ्र मुख्यमंत्री की सहमति लेगा। इसके साथ ही राशि का भुगतान शुरू कर दिया जाएगा। मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा राशि कम मिलने अथवा समय पर नहीं प्राप्त होने के बाद राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’ का शुभारंभ किया है। इस योजना के तहत वर्ष 2022-23 शैक्षणिक सत्र से छात्रवृत्ति दी जानी है। इस संबंध में विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि केंद्र सरकार से राशि समय पर नहीं मिलने और कम देने के कारण जनवरी, 2022 में राज्य सरकार ने अपने कोष से पूरी राशि देने का फैसला किया। इसके बाद राज्य योजना मद से पैसे का इंतजाम किया गया। इस कारण मार्च, 2023 में राशि की स्वीकृति मिली। यही कारण है कि पिछले वित्तीय वर्ष में उक्त छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान नहीं हो सका।