उत्तरप्रदेश राज्य के ललितपुर से चंदा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं उनके गांव में पानी की व्यवस्था नहीं है

उत्तरप्रदेश राज्य के ललितपुर मनीषा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि गांव में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है इसके लिए सहायता चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के ललितपुर नेन्सी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि गाँव की नालियाँ कचरे से भरी हुई हैं सफाई नहीं हो रही है इसके लिए सहायता चाहिए

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शादी समारोह में जमकर थिरके प्रदेश सरकार के श्रमसेवायोजन राज्य मंत्री मनोहर लाल पथ मन्नू कोरी, बीडियो शोशल मीडिया पर हुआ वायरल जिला पंचायत में कार्यरत इंजीनियर अंकित नायक की शादी में शामिल होने के लिए अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ पहुंचे थे राज्य मंत्री निकलती हुई बरात में बज रहे मनभावन संगीत पर थिरकने से अपने आप को नहीं रोक सके राज्य मंत्री शहर के राजघाट रोड पर स्थित एक रिसॉर्ट में जा रही थी बारात

तेज रफ्तार अनियंत्रित पिकअप की टक्कर से बाइक सवार नाती एवं दादी की हुई दर्दनाक मौत रिस्तेदार के घर आयोजित तेरहवीं में शामिल होकर घर बापिस जाते समय हुए हादसे का शिकार ललितपुर। जनपद के थाना मड़ावरा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पिपरट के पास सामने से आ रही तेज रफ्तार अनियंत्रित पिकअप की चपेट में आने से बाइक सवार दादी और पोते की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। बताया गया है कि दोनों मृतक मध्य प्रदेश के निवासी हैं, जो थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने रिश्तेदार के यहां तेरहवीं समारोह में शामिल होने के लिए आए थे और घर वापस जाते समय वह सड़क हादसे का शिकार हो गए। मिली जानकारी के अनुसार समीपबर्ती मध्य प्रदेश के अंतर्गत जनपद सागर के थाना मालथौन अन्तर्गत ग्राम खटोरा निवासी 23 बर्षीय सुग्रीव पुत्र धन सिंह अपनी 60 बर्षीय पारिवारिक दादी कोमलवाई पत्नी स्व.मोहन राय के साथ अपनी बाइक पर स्वार होकर थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम बम्होरी कलां तेरहवीं के निमंत्रण में शामिल होने आया था। शाम को अपने गॉव वापिस आ रहा था तभी पिपरट गॉव से थोड़े ही आगे मदनपुर की तरफ से आ रही तेज रफ्तार अनियंत्रित पिकअप क्रमांक यूपी 94 ए.टी. 0043 के चालक ने लापरवाही से चलाते हुए टक्कर मार दी, जिससे दोनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना पर सीओ मड़ावरा आरके श्रीवास्तव प्रभारी निरीक्षक मड़ावरा धर्मेन्द्र सिंह ने घटना स्थल पर पहुँचकर शव को अपने कब्जे में लेकर उनकी शिनाख्त क्रारकर पोस्टमार्टम हेतु जिला मुख्यालय भेज दिया और परिजनों को घटना की सूचना दी। उक्त घटना की सूचना पाकर मृतक का भाई हरभजन राय पुत्र धनसिंह राय मौके पर पहुंचा और प्रभारी निरीक्षक मड़ावरा को शिकायती देकर पूरी घटना से अवगत कराया।

ललितपुर की बेधा ब्लॉक निवासी महिला सुखवाती जी चाहती है। जो मध्यप्रेश में लाडली बहन योजना चल रही है। वही योजना ललितपुर मे भीं चले।

रोजगार मेले में पहुंची 11 कंपनियों ने 104 अभ्यर्थियों का किया चयन मेले में 122 अभ्यर्थियों ने विभिन्न पदों पर किया था आवेदन ललितपुर। उ0प्र0 कौशल विकास मिशन एवं राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में बुधबार को प. दीन दयाल उपाध्याय- ग्रामीण कौशल्य योजनान्तर्गत आयोजित विकास खण्ड स्तरीय रोजगार मेला का आयोजन जनपद के विकास खण्ड परिसर, बिरधा में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंचासीन अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती जी के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। इस आयोजित रोजगार मेले में 11 नियोक्ता/कम्पनी यथा एल0आई0सी0, ग्लोरी स्टार मैनेजमेंट प्रा0लि0, परफेक्ट सोल्यूशन सर्विस, एल0आई0सी0 ड्रीम एजूकेशन, मिन्डा इलेक्ट्रिकल प्रा0लि0, पुखराज हेल्थकेयर, नूवीनो हेल्थकेयर प्रा0लि0, फेम, एलेकाॅन बन्सू इत्यादि के प्रतिनिधियों द्वारा नियोजक के रूप में प्रतिभाग किया गया। उक्त रोजगार मेला में कुल 122 अभ्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग कर साक्षात्कार में भाग लिया गया। जिनमें से 104 अभ्यार्थियों का प्रतिभागी विभिन्न कम्पनियों के द्वारा चयन किया गया। चयनित अभ्यर्थियों को जनप्रतिनिधियों/माननीयों के द्वारा मंच से ही नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। रोजगार मेले में अतिथिगण के रूप में ब्लाॅक प्रमुख मोहित निरंजन, जिला कौशल प्रबंधक आरिफ खांन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, राकेश कुमार गौतम, कार्यालय सहायक प्रेमचन्द्र प्रजापति, कमलेश सेन के साथ प्रशिक्षार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इसके साथ ही इसी क्रम में दिनांक-15 फरवरी,2024 को विकास खण्ड परिसर, मड़ावरा में रोजगार मेला का आयोजन किया जाना है। जिसमें देश व प्रदेश की लगभग 15 से 20 कम्पनियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। जनपद के समस्त प्रशिक्षित प्रशिक्षार्थी (कौशल विकास मिशन के प्रशिक्षित प्रशिक्षार्थी/सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत युवा/आई0टी0आई0 उत्तीर्ण/अन्य) उक्त रोजगार मेले में प्रतिभाग कर सुनहरा भविष्य सुनिश्चित कर सकते है।

जमालपुर में ग्राम प्रधान व अधिकारियों की जुगलबंदी से मछुआ आवासीय योजना में किया जा रहा जमकर भ्र्ष्टाचार आवास योजना में आवास बनवाने के नाम पर पात्र लाभार्थियों से मांगे जा रही बीस हजार की रिश्वत ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन लिस्ट में नाम शामिल होने के बाबजूद सुविधा शुल्क के अभाव में नाम कटवाने का भी आरोप ललितपुर। जहां एक ओर मोदी सरकार और योगी सरकार मछुआ समुदाय के पात्र लाभार्थियों को मछुआ आवास के रूप में पक्का मकान देंकर उन्हें परिबार के साथ छत के नीचे रहने का मौका दे रही है, तो वही दूसरी ओर सरकार की इस योजना को पलीता लगाने का काम गांव के ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम प्रधान मिलकर कर रहे हैं । आलम यह है कि ग्राम प्रधान और अधिकारियों की जुगलबंदी के चलते पात्र लाभार्थियों से आवास मुहैया कराने के नाम पर बीस-बीस हजार रुपयों की रिश्वत मांगी जा रही है और जो लाभार्थी रिश्वत नहीं दे पाते उनका नाम सूची से कटवाने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही रिश्वत लेकर अपात्रों को आवास बनवाए जा रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में विकासखंड तालबेहट की ग्राम पंचायत जमालपुर के कुछ ग्रामीण बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे, जहां उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर अपने गांव के ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी पर मछुआ आवास दिलाने के नाम पर 20-20 हजार की घोष लेने के आरोप लगाए और घूस लेकर अपात्र लाभार्थियों को आवास बनवाने के भी आरोप लगाकर पूरे मामले की जांच कर कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की मांग उठाई। बुधबार को तालबेहट अन्तर्गग ग्राम जमालपुर के करीब एक दर्जन से अधिक ग्रामीण कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन करते हुए नजर आए, क्योंकि उनके गांव की ग्राम प्रधान नन्हे राजा और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा मछुआ आवास बनवाए जाने के नाम पर पात्र लाभार्थियों से अबैध रूप से प्रति लाभार्थी 20-20 हजार रुपए की मांग की जा रही है। इसके संबंध में उन्होंने जिला अधिकारी को ज्ञापन देकर ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी पर घूस मांगने के आरोप लगाए और पैसा लेकर अपात्र लाभार्थियों को आवास दिलाने और पात्र लाभार्थियों का मछुआ आवास की लिस्ट से नाम काटने के भी आरोप लगाए। इसके साथ ही उन्होंने पूरे मामले की जांच कर कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की मांग उठाई। पात्र लाभार्थियों द्वारा डीएम को दिए गए ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि सरकार की मछुआ आवास योजना के तहत उन्होंने पात्र लाभार्थी होने के नाते आवेदन किया था। आवेदन करने के बाद आवासीय योजना की लिस्ट में उन सभी का नाम शामिल किया गया था। लेकिन गांव के ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा आवास बनवाने के नाम पर उनसे 20-20 हजार की घोष मांगी जा रही है और जो लाभार्थी ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी की मनसा की अनुरूप सुविधा शुल्क नहीं दे रहा उनका नाम आवास की लिस्ट से कटवा कर अपात्र का नाम जोड़ा जा रहा है, क्योंकि अपात्र ग्राम प्रधान को पैसा दे रहे हैं। वह आवेदन करने के बाद आवास बनवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उनके आवास इसलिए नहीं बन पा रहा है कि वह ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी को पैसा देने में सक्षम नहीं है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि गांव में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधान द्वारा अपात्र लाभार्थी हर कंवर पत्नी नरेश प्रीति पत्नी हरकिशन का नाम सूची में जोड़ दिया गया है और इसे 15-15 रुपए की रिस्पत भी ली गई है जबकि पहले से पात्र लाभार्थियों की सूची में इनका नाम नहीं था। बॉक्स : इन ग्रामीणों का कहना है : इस मामले में गांव के लाभार्थी मंजू, संगीता, बैजू, मुकेश के साथ अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उनके पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं था जिसके लिए उन्होंने ग्राम प्रधान के माध्यम से मछुआ आवास के लिए आवेदन किया था। आवास की लिस्ट में नाम आने के बाद ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा आवास बनवाने के नाम पर 20-20 हजार रुपए प्रति लाभार्थी की मांग की जा रही है । जो लाभार्थी ग्राम प्रधान और अधिकारियों को पैसा दे रहे हैं उनके आवास बनाए जा रहे हैं और जो लाभार्थी ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा मांगी गई रकम देने में सक्षम नहीं है, उनका नाम लिस्ट से हटाया जा रहा है। गांव में ऐसे कई लोगों की आवास बन चुके हैं जो कहीं से भी पात्र लाभार्थी नहीं है। गांव में कई अपात्र लाभार्थियों की आवास बनवा दिए गए हैं, जबकि पात्र लाभार्थी दर-दर भटक रहे हैं।

गौपालकों को खातों में गायों के पालने के खर्चे का पैसा ना आने से ग्रामीण परेशान डीएम को शिकायती पत्र देकर उठाई कार्यावाही की मांग अमझरा गौशाला से सरकारी खर्चे पर पालने के लिए ली गई गाय का पैसा सालों से गौपालकों के खातों में नहीं भेजी गई धनराशि गौपाल का आरोप : 2020 से खातों में नहीं आई धनराशि, जनसूचना मांगने पर नहीं दी सूचना ललितपुर। प्रदेश सरकार ने आवारा गोवंसों के संरक्षण के लिए जहां एक और स्थाई और अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल को खुलवाने का काम किया, तो वहीं पर उन्होंने एक योजना को और लागू किया कि जो भी ग्रामीण गौशाला से पालने के लिए गायों को लेगा, उन्हें सरकार गौवंश के संरक्षण हेतु अनुदान भी देगी। प्रदेश सरकार की इस योजना को धरातल पर उतार भी गया, लेकिन अब उसके हालत बद से बत्तर हो रहे है। क्योंकि गौपालको के खातों में सरकार द्वारा भेजे जाने वाली महीने की धनराशि नहीं आ रही है, जिससे गोपालक परेशान दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में गोपालक के परेशान होने का मामला विकासखंड मड़ावरा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम परौल का है, जहां के ग्रामीण में इलाके की गौशाला से एक गए पालने के लिए ली थी। लेकिन अब उसके खातों में गाय के संरक्षण के लिए धनराशि नहीं भेजी जा रही, जबकि एक गए के साथ अब उसके चार बछड़े और भी है, जिनके पालने की जिम्मेदारी अब उसे ग्रामीण पर है, जिसके पास उन्हें भोजन कराने के लिए धन की व्यवस्था नहीं हो पा रही। उक्त मामले में पीड़ित ग्रामीण ने जिला अधिकारी को ज्ञापन देकर पूरे मामले से अवगत कराया और सहायता राशि उपलब्ध कराने की मांग उठाई। इसके साथ ही ग्रामीण का आरोप है कि जब उसने इस मामले में जन सूचना मांगी, तो उसे जन सूचना भी नहीं दी गई। जिससे उसे खातों में भेजी जाने वाली धनराशि के बारे में स्पष्ट जानकारी भी नहीं हो पा रही है। विकासखण्ड मडाबरा के ग्राम पारौल निवासी जगलाल पुत्र कडोरी लाल मंगलबार को जिलाधिकारी कार्यालय पर उपस्थित हुआ, जहां उसने जिला अधिकारी को शिकायती पत्र देकर अपने गोपालक होने का दावा किया और गौशाला से ली गई गाय और उसके बछड़ों को पालने के लिए मिलने वाले सरकारी धन को दिलाए जाने की मांग उठाई। दिए गए ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि उसने प्रदेश सरकार की योजना के तहत करीब 4 वर्ष पूर्व इलाके में संचालित होने वाले अमझरा गौवंश आश्रय स्थल से एक गाय पालने के लिए ली थी। क्योंकि सरकार की योजना के तहत एक गाय पालने की एवज में 900 रुपये प्रतिमाह गोपालको के खातों में भेजा जाता है। गाय लेने के बाद कुछ समय तक तो उसके खाते में योजना के अनुसार गाय की संरक्षण और देखरेख के लिए धनराशि भेजी गई लेकिन सन 2020 से भेजी जाने वाली धनराशि बंद कर दी गई जबकि वह लगातार गाय को पल रहा है और वर्तमान समय में गाय के साथ उसके तीन बछड़े भी है जिनके पालने की जिम्मेदारी उसे पर है इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा उसके खातों में गाय को पालने वाली धनराशि नहीं भेजी जा रही जिससे उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है कई बार उसने इस बाबत अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया लेकिन इस मामले में अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उसने 11 जनवरी 2024 को एक प्रार्थना पत्र दिया था इसके बाद माह अक्टूबर नवंबर दिसंबर 2023 की 2700 रुपए की धनराशि उसके बैंक खाते में भेजी गई थी और उसके बाद अब तक कोई धनराशि नहीं आई इसके पहले पिछले 3 सालों की भी कोई धनराशि उसे नहीं दी गई इसके संबंध में उसने एक जन सूचना भी मांगी थी तो अधिकारियों ने उसे उक्त जन सूचना नहीं दी जिससे उसे जानकारी नहीं हो पा रही कि पिछले समय में पैसा उसकी खाते में भेजा गया है या नहीं। ग्रामीण ने एक बार फिर जिला प्रशासन से गाय और बछड़ों को पालने के संबंध में धनराशि दिलाए जाने की गुहार लगाई है।