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तालबेहट- दबंग युवतियों ने 1 परिवार पर किया पथराव,पथराव में एक युवक गंभीर रूप से घायल,पीड़ित युवक पहले भी कर चुका आत्मदाह का प्रयास,पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं होने से परेशान है युवक,जमीनी विवाद के चलते हुआ पथराव। कोतवाली तालबेहट के मु0चौबयाना की घटना।
उत्तरप्रदेश राज्य के ललितपुर से चंदा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं उनके गांव में पानी की व्यवस्था नहीं है
उत्तरप्रदेश राज्य के ललितपुर मनीषा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि गांव में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है इसके लिए सहायता चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के ललितपुर नेन्सी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि गाँव की नालियाँ कचरे से भरी हुई हैं सफाई नहीं हो रही है इसके लिए सहायता चाहिए
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ललितपुर की बेधा ब्लॉक निवासी महिला सुखवाती जी चाहती है। जो मध्यप्रेश में लाडली बहन योजना चल रही है। वही योजना ललितपुर मे भीं चले।
रोजगार मेले में पहुंची 11 कंपनियों ने 104 अभ्यर्थियों का किया चयन मेले में 122 अभ्यर्थियों ने विभिन्न पदों पर किया था आवेदन ललितपुर। उ0प्र0 कौशल विकास मिशन एवं राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में बुधबार को प. दीन दयाल उपाध्याय- ग्रामीण कौशल्य योजनान्तर्गत आयोजित विकास खण्ड स्तरीय रोजगार मेला का आयोजन जनपद के विकास खण्ड परिसर, बिरधा में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंचासीन अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती जी के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। इस आयोजित रोजगार मेले में 11 नियोक्ता/कम्पनी यथा एल0आई0सी0, ग्लोरी स्टार मैनेजमेंट प्रा0लि0, परफेक्ट सोल्यूशन सर्विस, एल0आई0सी0 ड्रीम एजूकेशन, मिन्डा इलेक्ट्रिकल प्रा0लि0, पुखराज हेल्थकेयर, नूवीनो हेल्थकेयर प्रा0लि0, फेम, एलेकाॅन बन्सू इत्यादि के प्रतिनिधियों द्वारा नियोजक के रूप में प्रतिभाग किया गया। उक्त रोजगार मेला में कुल 122 अभ्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग कर साक्षात्कार में भाग लिया गया। जिनमें से 104 अभ्यार्थियों का प्रतिभागी विभिन्न कम्पनियों के द्वारा चयन किया गया। चयनित अभ्यर्थियों को जनप्रतिनिधियों/माननीयों के द्वारा मंच से ही नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। रोजगार मेले में अतिथिगण के रूप में ब्लाॅक प्रमुख मोहित निरंजन, जिला कौशल प्रबंधक आरिफ खांन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, राकेश कुमार गौतम, कार्यालय सहायक प्रेमचन्द्र प्रजापति, कमलेश सेन के साथ प्रशिक्षार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इसके साथ ही इसी क्रम में दिनांक-15 फरवरी,2024 को विकास खण्ड परिसर, मड़ावरा में रोजगार मेला का आयोजन किया जाना है। जिसमें देश व प्रदेश की लगभग 15 से 20 कम्पनियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। जनपद के समस्त प्रशिक्षित प्रशिक्षार्थी (कौशल विकास मिशन के प्रशिक्षित प्रशिक्षार्थी/सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत युवा/आई0टी0आई0 उत्तीर्ण/अन्य) उक्त रोजगार मेले में प्रतिभाग कर सुनहरा भविष्य सुनिश्चित कर सकते है।
जमालपुर में ग्राम प्रधान व अधिकारियों की जुगलबंदी से मछुआ आवासीय योजना में किया जा रहा जमकर भ्र्ष्टाचार आवास योजना में आवास बनवाने के नाम पर पात्र लाभार्थियों से मांगे जा रही बीस हजार की रिश्वत ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन लिस्ट में नाम शामिल होने के बाबजूद सुविधा शुल्क के अभाव में नाम कटवाने का भी आरोप ललितपुर। जहां एक ओर मोदी सरकार और योगी सरकार मछुआ समुदाय के पात्र लाभार्थियों को मछुआ आवास के रूप में पक्का मकान देंकर उन्हें परिबार के साथ छत के नीचे रहने का मौका दे रही है, तो वही दूसरी ओर सरकार की इस योजना को पलीता लगाने का काम गांव के ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम प्रधान मिलकर कर रहे हैं । आलम यह है कि ग्राम प्रधान और अधिकारियों की जुगलबंदी के चलते पात्र लाभार्थियों से आवास मुहैया कराने के नाम पर बीस-बीस हजार रुपयों की रिश्वत मांगी जा रही है और जो लाभार्थी रिश्वत नहीं दे पाते उनका नाम सूची से कटवाने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही रिश्वत लेकर अपात्रों को आवास बनवाए जा रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में विकासखंड तालबेहट की ग्राम पंचायत जमालपुर के कुछ ग्रामीण बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे, जहां उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर अपने गांव के ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी पर मछुआ आवास दिलाने के नाम पर 20-20 हजार की घोष लेने के आरोप लगाए और घूस लेकर अपात्र लाभार्थियों को आवास बनवाने के भी आरोप लगाकर पूरे मामले की जांच कर कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की मांग उठाई। बुधबार को तालबेहट अन्तर्गग ग्राम जमालपुर के करीब एक दर्जन से अधिक ग्रामीण कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन करते हुए नजर आए, क्योंकि उनके गांव की ग्राम प्रधान नन्हे राजा और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा मछुआ आवास बनवाए जाने के नाम पर पात्र लाभार्थियों से अबैध रूप से प्रति लाभार्थी 20-20 हजार रुपए की मांग की जा रही है। इसके संबंध में उन्होंने जिला अधिकारी को ज्ञापन देकर ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी पर घूस मांगने के आरोप लगाए और पैसा लेकर अपात्र लाभार्थियों को आवास दिलाने और पात्र लाभार्थियों का मछुआ आवास की लिस्ट से नाम काटने के भी आरोप लगाए। इसके साथ ही उन्होंने पूरे मामले की जांच कर कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की मांग उठाई। पात्र लाभार्थियों द्वारा डीएम को दिए गए ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि सरकार की मछुआ आवास योजना के तहत उन्होंने पात्र लाभार्थी होने के नाते आवेदन किया था। आवेदन करने के बाद आवासीय योजना की लिस्ट में उन सभी का नाम शामिल किया गया था। लेकिन गांव के ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा आवास बनवाने के नाम पर उनसे 20-20 हजार की घोष मांगी जा रही है और जो लाभार्थी ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी की मनसा की अनुरूप सुविधा शुल्क नहीं दे रहा उनका नाम आवास की लिस्ट से कटवा कर अपात्र का नाम जोड़ा जा रहा है, क्योंकि अपात्र ग्राम प्रधान को पैसा दे रहे हैं। वह आवेदन करने के बाद आवास बनवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उनके आवास इसलिए नहीं बन पा रहा है कि वह ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी को पैसा देने में सक्षम नहीं है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि गांव में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधान द्वारा अपात्र लाभार्थी हर कंवर पत्नी नरेश प्रीति पत्नी हरकिशन का नाम सूची में जोड़ दिया गया है और इसे 15-15 रुपए की रिस्पत भी ली गई है जबकि पहले से पात्र लाभार्थियों की सूची में इनका नाम नहीं था। बॉक्स : इन ग्रामीणों का कहना है : इस मामले में गांव के लाभार्थी मंजू, संगीता, बैजू, मुकेश के साथ अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उनके पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं था जिसके लिए उन्होंने ग्राम प्रधान के माध्यम से मछुआ आवास के लिए आवेदन किया था। आवास की लिस्ट में नाम आने के बाद ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा आवास बनवाने के नाम पर 20-20 हजार रुपए प्रति लाभार्थी की मांग की जा रही है । जो लाभार्थी ग्राम प्रधान और अधिकारियों को पैसा दे रहे हैं उनके आवास बनाए जा रहे हैं और जो लाभार्थी ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा मांगी गई रकम देने में सक्षम नहीं है, उनका नाम लिस्ट से हटाया जा रहा है। गांव में ऐसे कई लोगों की आवास बन चुके हैं जो कहीं से भी पात्र लाभार्थी नहीं है। गांव में कई अपात्र लाभार्थियों की आवास बनवा दिए गए हैं, जबकि पात्र लाभार्थी दर-दर भटक रहे हैं।
सरकार ने वादा खिलाफी किया है, इसके लिए धरना प्रदर्शन जरूरी है और इसके अलावा हमारे पास कोई रास्ता भी नहीं है, अब हमें धरना प्रदर्शन से भी रोका जा रहा है हमारी परंपरा है कि रास्ते से कांटे और पत्थर को हटाते हैं लेकिन सरकार हमारे रास्ते में कील ठोक रही है, दीवारें खड़ी कर रही है अब हिंदुस्तान में हम धरना नहीं करें तो कहां जाएं??? अगर इलेक्शन से पहले इसका हल नहीं निकला तो सरकार को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।