बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

गोह प्रखंड के बनतारा-आंधी बिगहा स्थित श्री सिंह उच्च विद्यालय के छात्रों ने मैट्रिक की परीक्षा में परचम लहराया है। विद्यालय के छात्र इंद्रजीत कुमार 467 अंक प्राप्त कर अव्वल स्थान प्राप्त किया है। जबकि नितीश कुमार 461, शनि कुमार ने 457, सचिन कुमार 456 अंक प्राप्त किया है। वहीं उक्त विद्यालय के ज्यादातर छात्र छात्राओं ने प्रथम श्रेणी में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। मंगलवार को विद्यालय में विद्यार्थी सम्मान समारोह आयोजित कर सभी सफल विद्यार्थियों को अंगवस्त्र, माला, मेडल व मिठाई खिलाकर सम्मानित किया गया।

हसपुरा प्रखंड के डुमरा गांव निवासी छोटे से किराना दुकान के संचालक की पुत्री ने मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में 471 अंक प्राप्त कर अपने प्रखंड में विद्यालय का नाम रौशन किया है। रिचा महुली उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्रा है। सफल छात्रा घरेलू कामकाज के बाद भी समय निकालकर प्रतिदिन पांच से छः घंटे तक पढ़ाई करती थी। सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस करती थी।

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले के एक श्रोता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से संविधान के विषय में कुछ जानकारी दी है

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

घर मे यूट्यूब से पढ़ाई कर पिरु गांव की दो जुड़वा बहनों इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में कृतिमान स्थापित किया है। दोनों बहनों ने 12वीं के कला संकाय में 80 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किया है। दोनों बहनों की इस सफलता से पूरे ईलाके में काफी चर्चा हो रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

थीटा का उपयोग दो प्रकार से किया जाता है पहले थीटा का उपयोग गणित में और दूसरे थीटा का उपयोग भौतिकी में किया जाता है

Transcript Unavailable.

मिट्टी के तेल की लौ नीले रंग की होती है और प्रकाश पैदा नहीं करती है । स्टॉप में उपयोग किए जाने वाले मिट्टी के तेल की लौ नीले रंग की होती है वाष्प को गर्म करके वाष्प में परिवर्तित किया जाता है और यह वाष्प वार्नर के प्रत्येक वाष्प के माध्यम से निकल जाता है जो वायुमंडलीय ऑक्सीजन के संपर्क में आता है जिससे ईंधन का पूर्ण दहन होता है ।