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लहरपुर। किवानी नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त है। वहीं तंबौर जाने के लिए वैकल्पिक संपर्क मार्ग बनाने का काम भी धीमी गति से चल रहा था। इस वजह से टूटे पुल से ही वाहन गुजर रहे थे। अमर उजाला ने दो नवंबर को खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद अवर अभियंता बाबूराम ने क्षतिग्रस्त पुल से छोटे-बड़े सभी वाहनों का आवागमन रोक दिया था। अब संपर्क मार्ग बनाने का काम तेज कर दिया गया है। संकेत सूचक बोर्ड लगाकर संपर्क मार्ग से गुजरने की अपील की है। वहीं स्थानीय नागरिकों ने बताया कि खबर छपने के बाद विभाग ने जर्जर पुल पर जाने के लिए एक अस्थायी अवरोध लगाया है।

खैराबाद नेशनल हाईवे से लहरपुर रोड को जोड़ने वाले नहर बाईपास को गड्ढों में तब्दील हुए सात साल बीत गए। इस मार्ग से निकलना मुश्किल हो रहा है। चीनी मिल शुरू हुई तो गड्ढों में डस्ट डाल दी गई, लिहाजा धूल व गुबार ने राहगीरों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। नगर विकास राज्यमंत्री यह बाईपास बनवाने के लिए चिट्ठी-चिट्ठी खेल रहे हैं। लेकिन अब तक इस समस्या से निजात नहीं दिला पाए। नेशनल हाईवे 24 से खैराबाद होते हुए नहर बाईपास लहरपुर फिर बिसवां मार्ग को जोड़ता है। बिसवां से वाया रेउसा होकर बहराइच व नेपाल जाने वाले वाहन भी इसी से गुजरते हैं। क्षेत्र के करीब 60 गांवों के लोगों के लिए थाना, तहसील, ब्लॉक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए यही रास्ता है। इस मार्ग पर तीन से चार फिट गहरे गड्ढ़े हैं। हरियावां चीनी मिल का भदियासी में सेंटर है।

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जिले के गांजरी इलाके में रसूलपुर से मियांपुरवा तक खस्ताहाल सड़क के दिन अब बहुरने वाले हैं। इस 14 किलाेमीटर मार्ग के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण को लेकर 29 करोड़ रुपये की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। पहली किस्त के रूप में 10.21 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। सड़क निर्माण जल्द शुरू कराने की कवायद लोक निर्माण विभाग ने शुरू कर दी है। इस सड़क के बनने से करीब 200 गांवों की तीन लाख आबादी का सफर सुगम होगा। रेउसा विकास खंड क्षेत्र के रसूलपुर से मियांपुरवा तक 14 किमी मार्ग वर्तमान में बेहद जर्जर है। सड़क जगह-जगह से उखड़ चुकी है। गड्ढों की वजह से इस सड़क पर आवागमन दूभर है। सड़क के पुनर्निर्माण की मांग काफी समय से की जा रही है। लोक निर्माण विभाग की ओर सड़क निर्माण को लेकर प्रस्ताव भेजा गया था। लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने सड़क निर्माण के लिए 29.17 करोड़ रुपये की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। जल्द कार्य शुरू कराने को लेकर 10.21 करोड़ रुपये पहली किस्त के रूप में अवमुक्त कर दिए गए हैं।

रास्ते नहीं होने के कारण परेशान हैं माता जी उत्तर प्रदेश जिला सीतापुर

रास्ते की समस्या है लोगों को

मास्टरबाग, बिसवां में महाराजनगर से पक्के तालाब तक 14 लाख रुपये खर्च कर बनाई गई सड़क 10 दिन भी नहीं टिक पाई। करीब 800 मीटर लंबी यह सड़क बनने के तुरंत बाद ही उखड़ने लगी है। इससे सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों ने निर्माण में मानकों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए जांच व कार्रवाई की मांग उठाई है। बिसवां के महाराज नगर से पक्के तालाब तक 800 मीटर लंबी सड़क का निर्माण लोक निर्माण विभाग ने 14 लाख रुपये से कराया है। विभागीय सूत्र बताते हैं, कि सड़क निर्माण में 2 सेमी. मोटी सतह बनाई जानी थी। लेकिन ठेकेदार व संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से निर्माण में मानकों की अनदेखी की गई। मानक से कम सामग्री लगाकर सड़क बना दी गई। सड़क निर्माण का काम दिवाली के दिन पूरा किया गया। जबकि सड़क अभी से उखड़ने लगी है।

उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर जिला के ब्लाक रेउसा से जागेश्वर भार्गव बतातें हैं की उनके गावं में सड़क ठीक नहीं है। जिससे कारण कीचड़ भर जाता है। जिससे बरसात के मौसम में आने जाने में बहुत असुविधा होती है