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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर क्राइम या ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को रोकने और इनकी शिकायत दर्ज कराने के लिए एक नेशनल हेल्पलाइन नंबर (155260) जारी किया है. आप धोखाधड़ी की शिकायत इस नंबर पर दर्ज करा सकते हैं.. एक ओर टेक्नोलॉजी ने हमारा जीवन आसान बनाया है वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं जो हमें झेलने पड़ते हैं. डिजिटलाइजेशन के दौर में हर चीज हमसे सिर्फ एक क्लिक की दूरी पर है. इन सबके साथ ऑनलाइन पेमेंट भी बढ़े हैं. ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा से हमें खुदरा रुपयों की चिंता नहीं रहती और यह आसान भी है. लेकिन इसके साथ ही इसमें धोखाधड़ी की संभावना भी बनी रहती है. ऑनलाइन ठगी की खबरें हम आए दिन पढ़ते रहते हैं. इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि अगर कभी आप ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जाएं तो आपको क्या-क्या कदम उठाने चाहिए.यदि आप सावधानी न बरतें तो कोई भी आपका पासवर्ड चुरा कर आपके अकाउंट से पैसे निकाल सकता है. कोई फिशिंग के जरिये भी आपको नुकसान पहुंचा सकता हैं. साइबर ठग अक्सर कोई ऑफर के बारे में बताकर, कभी आपके एकाउंट में नंबर अपडेट करने को लेकर तो कभी किसी और बहाने से ठगी का जाल बुनते हैं. ज्यादातर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है इसलिए उन्हें झांसे में ले लेना आसान भी हो जाता है. ऐसे में आपको सावधान रहना बेहद जरूरी है.

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रील बनाने के लिए युवाओं द्वारा ऐसे स्टंट किए जा रहे हैं जिससे नियम कानून टूट रहे हैं। रेल बनाने के चक्कर में कई युवा ऐसे ऐसे स्टंट दिखा रहे हैं कि ट्रैफिक नियम भी टूट रहे हैं लेकिन पुलिस द्वारा अभी तक ऐसे किसी भी रील बनाने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

सोमवार की सुबह जब नगर निगम सतना के वार्ड क्रमांक 22, 24 और 41 में रहने वाले लोगों ने अपने घरों के नल चालू किए तो उन्हें जिस प्रकार का पानी मिला, उसे देखकर सभी चौंक गए.सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजेशन(स्काडा) सिस्टम अपनाने वाला प्रदेश का पहला जिला होने का गौरव सतना के नाम पर है, लेकिन इसके बाद भी यहां की पेयजल व्यवस्था बेहद खराब बनी हुई है. पानी की चोरी, लीकेज और मीटरिंग में सतना भले ही हाईटेक हो चुका हो फिर भी शहर की जनता को वही कीड़ा युक्त, गंदा, पीला पानी ही उपलब्ध हो पा रहा है. पानी की व्यवस्था सुधारने के नाम पर स्मार्ट सिटी मद से लगभग 18 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन फिर भी घरों तक आज भी बदबूदार, गंदा और छोटे-छोटे कीड़े वाला पानी ही पहुंच रहा है.तमाम लोगों ने कहा कि नगर निगम टैक्स जमा न करने पर कनेक्शन काट देता है. लोगों के घरों तक गंदा पानी पहुंच रहा है. हर बार अधिकारी सुधार की चेतावनी अधिकारियों को देते हैं, लेकिन सिस्टम कुछ दिन ही चल पाता है.नगर निगम के जलकर शाखा प्रभारी आरपी सिंह ने कहा कि कुछ वार्डों में गंदे पानी की सप्लाई के संबंध में सूचना मिली है. टीम पता कर रही है कि कहां पर लीकेज है. क्योंकि एक ही समय पर सभी जगहों में सप्लाई होती है, ऐसे में जल संसोधन गृह से गंदा पानी पहुंचने की गुंजाइश न के बराबर है. स्कॉडा सिस्टम को टंकियों में लगाया गया है. जिससे पीएच चे क होता है. घरों तक गंदा पानी पहुंचने का एक मात्र कारण पाइप लाइन फूटी हो सकती है

मध्यप्रदेश राज्य के सतना जिला से निखिल प्रजापति मोबाइल वाणी के माध्यम से अपनी एक समस्या रिकॉर्ड कर रहे हैं और उनकी यह समस्या गाँव की है। उनके गांव में बिजली का खम्बा नहीं है