अमरूद के पोषक तत्वों और इसके गुणों के बारे में आपने अक्सर सुना ही होगा। वहीं, अमरूद के पेड़ की पत्तियों में भी बहुत से गुण होते हैं जो आपकी हेल्थ को बहुत अधिक फायदे पहुंच सकते हैं। अमरूद की पत्तियों में एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। दांत दर्द दांत के दर्द और तकलीफों में आराम पाने के लिए अमरूद की कुछ पत्तियां चबाएं। इसी तरह दर्द से आराम पाने के लिए अमरूद की पत्तियों को उबालकर इस पानी से गरारे कर सकते हैं। अमरूद की पत्तियों की चाय भी दांत दर्द से राहत दिलाती है।माउथ अल्सर मुंह के छालों से आराम पाने के लिए भी अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल करें। अमरूद की पत्तियों का काढ़ा बनाए और उसे पीएं। कुछ दिनों में छाले कम हो जाएंगे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल कुछ स्टडीज में पाया गया कि अमरूद खाने और अमरूद की पत्तियां का सेवन करने से डायबिटीज मरीजों को ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद होती

ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए आप खास तरह की चटनी तैयार करके खा सकते हैं। आइए जानते हैं आज के समय में लोगों को तरह-तरह की समस्याएं हो रही हैं, जिसमें हाई ब्लड शुगर की परेशानी शामिल है। शरीर में फास्टिंग शुगर का स्तर 99 मिलीग्राम/डीएल या उससे कम सामान्य है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

प्रदेश के 10 जिलों में फैला संक्रमण इंसानों और पशुओं दोनों को संक्रमित करने वाले संक्रामक रोग लेप्टोस्पायरोसिस यानी रैट फीवर का संक्रमण सतना भी आ पहुंचा है। इस संक्रामक बीमारी से पीड़ित मरीज प्रदेश के 10 जिलों समेत सतना में भी पाए गए हैं। सतना के सीएमएचओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान लैब जबलपुर से आई रिपोर्ट में प्रदेश के 10 जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस के 21 मरीज मिले हैं, जिनमें सतना का भी मरीज शामिल है। ये मरीज 5 से 24 फरवरी के बीच कराए गए सैंपल टेस्ट में पाए गए हैं। हालांकि अभी मरीज के नाम और निवास स्थान के बारे में जानकारी साझा नहीं की गई है, लेकिन यह जानकारी मिलते ही सतना का स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड पर आ गया है। कैसे फैलता है संक्रमण चिकित्सकों ने बताया कि लेप्टोस्पायरोसिस को रैट फीवर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक जीवाणु संक्रमण है जो बग लेप्टोस्पायरा के कारण होता है। इसका संक्रमण संक्रमित पशुओं के यूरिन से फैलता है। बीमारी के लक्षण - लेप्टोस्पायरोसिस नाम की बीमारी से संक्रमित मरीज के लक्षण 5 से 14 दिन में दिखते हैं। इसमे संक्रमित को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, आंखों में लालिमा, उल्टी-दस्त, पेट दर्द, पीलिया और शरीर मे लाल चकत्ते निकलने की समस्या भी हो सकती है। कई मामलों में इसका असर गुर्दों और लीवर पर भी पड़ता है।

मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले से मकबूल कुरैशी बताते हैं की उनके यहाँ नाला की सफाई नहीं होती है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें

मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले से मोहम्मद आरिफ ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि इनके इलाके में सफाई कर्मचारी कूड़ा उठाने नहीं आ रहे हैं। इस वजह से बहुत गन्दगी है। सहायता चाहिए

मध्यप्रदेश राज्य के सतना जिला से मोहम्मद चाँद खान मोबाइल वाणी के माध्यम से बात रहे हैं कि उनके मोहल्ले में सप्ताह भरसे नालियों की सफाई नहीं हुई है

बचपन से ही हम सभी हल्दी वाले दूध के फायदों के बारे में सुनते आ रहे हैं। सर्दी-जुकाम हो या चोट लग जाए, हमारी दादी-नानी हमेशा हल्दी वाला दूध जरूर पिलाती थीं। आयुर्वेद में भी हल्दी वाले दूध को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है। दरअसल, हल्दी वाला दूध कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-बैक्टीरियल, एंटीबायोटिक, एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करते हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए हल्दी वाले दूध का सेवन नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। जी हां, हल्दी वाला दूध पीने से कुछ लोगों की सेहत बिगड़ सकती है। तो आइए, जानते हैं किन लोगों को हल्दी वाले दूध का सेवन नहीं करना चाहिए - प्रेग्नेंट महिलाएं गर्भवती महिलाओं को हल्दी वाले दूध का सेवन करने से बचना चाहिए। दरअसल, हल्दी की तासीर गर्म होती है, जिससे पेट में गर्मी बढ़ सकती है। ऐसे में, हल्दी वाला दूध पीने से गर्भाशय में संकुचन, गर्भाशय में ऐंठन हो सकती है या ब्लीडिंग शुरू हो सकती है। किडनी की समस्या से ग्रसित लोग अगर आप किडनी से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आपको हल्दी वाले दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल, हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जिसमें ऑक्सलेट काफी मात्रा में मौजूद होता है। यह ऑक्सलेट किडनी स्टोन की समस्या को बढ़ा सकता है। इससे किडनी से जुड़ी कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। एलर्जी की परेशानी से जूझ रहे लोगों को हल्दी वाले दूध का सेवन करने से बचना चाहिए। अगर आपको गर्म चीजों या मसालों से एलर्जी है, तो हल्दी वाला दूध आपकी एलर्जी को और बढ़ा सकता है। इससे आपको स्किन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर कई तरह के संकेत दिखाई देते हैं। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल का लेवल आपको कई तरह की प्रॉब्लम में डाल सकता है। इस लेख में जानिए क्यों इसे एक साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है। हृदय रोग के बहुत सारे संकेत होते हैं, जिसमें हाई कोलेस्ट्रॉल (high cholesterol) प्रमुख जोखिम कारक में से एक है। कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना हृदय रोग के साथ-साथ स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाने का काम करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी के डब्लूएचओ का कहना है कि हर तीसरे ह्रदय रोगी को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है। हृदय रोगियों की बढ़ती समस्या ने हाई कोलेस्ट्रॉल को एक चिंता का विषय बना दिया है। हालांकि शरीर में ऐसे कई संकेत दिखाई देते हैं, जो हाई कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने (Type of pain in High cholesterol) पर आपको परेशान करते हैं, इसलिए ही इसे एक साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है।

DME MP Vacancy 2024 :- चिकित्सा शिक्षा निदेशालय मध्यप्रदेश (Directorate of Medical Education Madhya Pradesh) ने Online माध्यम से DME MP Vacancy 2024 के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किया है।

Self Help Group (SHG) member woman annual income one lakh: मोदी सरकार की लखपति दीदी योजना ऐसी स्कीम है जिसके तहत महिलाओं को बिना ब्याज के लोन दिया जाता है. पूरी तरह से ब्याज मुक्त यह लोन एक लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का हो सकता है. सरकार की कोशिश है कि महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तीकरण और वित्तीय आजादी पैदा व स्थापित की जाए. बस इस योजना का लाभ लेने के लिए एक ही शर्त है, वह यह है कि यह लोन केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG) की सदस्य होंगी.