बरबीघा।। बरबीघा के विकास के लिए अरिस्टो दवा कंपनी के एमडी उमेश प्रसाद सिंह उर्फ भोला बाबू सहयोग करेंगे। इसके लिए शनिवार को नगर क्षेत्र के टाउन हॉल में उनके सम्मान में बरबीघा नगर परिषद के उपसभापति निधि कुमारी और कुणाल किशोर के द्वारा उनके सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस संबंध में कुणाल किशोर ने बताया कि कुछ महीने पहले एक औपचारिक मुलाकात के दौरान भोला बाबू ने कहा था कि बरबीघा बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री रहे डॉ श्री कृष्ण सिंह की धरती है। मेरी हार्दिक इच्छा है कि बरबीघा के विकास कार्यों में कंपनी के सीएसआर फंड से कुछ योगदान दिया जाए।इसी को लेकर उनके सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया है। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के एक हज़ार बच्चों के बीच स्कूल बैग का वितरण भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बरबीघा के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र से भी कई गणमान्य लोग शिरकत करेंगे।

शनिवार को प्रेक्षक-सह-आयुक्त मुंगेर प्रमंडल के नेतृत्व में चेवाड़ा के उच्च विद्यालय के स्थित बूथ पर जाकर बीएलओ द्वारा किये गये कार्यों की स्थलीय निरीक्षण तथा सर्वप्रथम जिला पदाधिकारी महोदया द्वारा आयुक्त महोदय को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

शनिवार को चेवाड़ा थाना व करंडे थाना में लगाया गया जनता दरबार एक मामले का हुआ निष्पादन. इस बात की जानकारी देते हुए अंचल अधिकारी हलेंद्र कुमार ने बताएं कि चेवाड़ा तथा करंडे थाना में जनता दरबार लगाया गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार में कृषि चिंताजनक स्थिति में / पूरे बिहार की मिट्टी में पोषक तत्वों का चरण सामान्य रूप से है. मगर मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण समेत अन्य स्थान की मिट्टी अत्यधिक क्षारीय और अम्लीय हो गई है इससे  किसी चीज की खेती करना संभव नहीं... बिहार के किसानों के लिए चिंताजनक खबर है. राज्य की मिट्टी के उर्वरता तेजी से घटती जा रही है. फसलों के लिए जरूरी नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश जिंक जैसे पोषक तत्वों की भारी कमी है कृषि जानकारी की माने तो रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के बेदर्दी और जरूरत से अधिक उपयोग की वजह से मिट्टी की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो पंजाब हरियाणा जैसे राज्यों की तरह हमारे खेतों भी हालतहो जाएगी.खेती की जमीन बंजर या कम पैदावार देने वाली हो जाएगी. बिहार सरकार ने किसी के समग्र विकास के लिए कृषि रोड मैप बनाकर बड़ी पहल की. तीसरा रोड मैप जारी है चौथ को लगाने की कवायद चल रही है. इसके सार्थक परिणाम भी सामने आए हैं राज्य में खदान समिति फलों और सब्जियों के प्रति वर्ष रिकार्ड उपज रही है मगर मिट्टी की गुणवत्ता को बरकरार रखने की चुनौती सामने आई है. राज्य की मिट्टी में बहुमूल्य पोषक तत्वों के प्रमुख नाइट्रोजन की मात्रा 60 फ़ीसदी, फास्फोरस की मात्रा 45 फ़ीसदी, पोटाश में 28 फ़ीसदी, जिंक में 42 फ़ीसदी, बोरोंन में 18 और सल्फर में 24 फ़ीसदी की कमी हो गई है. वैसे यह स्थिति लगभग पूरे देश में है. इसका खुलासा हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी मुदा की सेहत संबंधित रिपोर्ट भी की गई है. बिहार की मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी ज्यादा पाई गई है. करीम 90 फ़ीसदी क्षेत्र की मिट्टी में इसकी कमी है. मिट्टी के आत्म मानी जाने वाली वैज्ञानिक कार्बन की 40 फ़ीसदी कमी हो गई है. इसका सीधा कर सभी तरह के फसलों की गुणवत्ता पर पड़ रही है इन जिलों में खेती पर ज्यादा असर.. बताते चले कि पूरे बिहार की मिट्टी में पोषक तत्वों का छरण सामान्य रूप से है. मगर मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण समिति अन्य जिलों स्थान पर मिट्टी अत्यधिक छरिये और अम्लीय हो गई है. हालांकि विभाग के स्तर पर इसका तेजी से उपचार किया जा रहा है संभावना है कि कुछ समय बाद यह सब कुछ ठीक हो जाएगी अगर मिट्टी की सेहत को लेकर अभी से सचेत नहीं हुई तो कई जिलों में ऐसी स्थिति हो जाएगी हो जाएगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 फ़ीसदी  मृदा की सेहत बेहद खराब हो गई है. सब और किसी विश्वविद्यालय की मृदा  विज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील कुमार  ने का कहना है की मिट्टी में 17 से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं जो पौधों को संक्षिप्त विकास के लिए जरूरी है. इसमें नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश समेत 6 बेहद प्रमुख पोषक तत्वों की उचित मात्रा मिट्टी में बनाए रखने की जरूरत है इसकी कमी से बिहार में मिट्टी की उर्वरता शक्ति कम हो रही है

बीपीएससी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को मेगा इवेंट कराकर गांधी मैदान में सीएम नीतीश कुमार के हाथों 1.20 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिलवा दिया, लेकिन अब कई असफल छात्रा और शिक्षक संगठन भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. कई जगहों पर इन अभ्यर्थियों की शिकायत सही भी पाई जा रही है. जिसके बाद ऐसे अभ्यर्थियों के नियुक्तिपत्र पर तत्काल रोक लगाते हुए शिक्षा विभाग ने नोटिस भी जारी कर दिया है. शिक्षा विभाग के इस कदम से फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति पत्र लेने वाले अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया है. फर्जी शिक्षकों में हड़कंप खबरों के मुताबिक मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण जिले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. मुजफ्फरपुर में 100 सफल शिक्षकों के नियुक्ति पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी गई है. जबकि पश्चिम चंपारण में 30 शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है. मुजफ्फरपुर जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से 100 नवनियुक्त शिक्षकों की सूची जारी की गयी है और इसमें लिखा गया है कि अध्यापक नियुक्ति परीक्षा 2023 के प्रमाण पत्र सत्यापन के क्रम में प्रथम दृष्टया संदेहास्पद प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों की औपबंधिक नियुक्ति पत्र रोकी गयी है. सैकड़ों नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक वहीं, पश्चिम चंपारण में 30 नव नियुक्ति शिक्षकों की सूची जारी की गयी है. इस सूची के साथ ही ये जानकारी दी गई है कि प्रमाणपत्र सत्यापन के क्रम में त्रुटि रहने के कारण काउंसलिंग पत्र रद्द कर दिया गया है. अगर ऐसे अभ्यर्थियों को किसी तरह की कोई आपत्ति है, तो वे 5 नवंबर तक कार्यालय आकर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दो नवंबर को नवनियुक्त 1 लाख 20 हजार शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुव्ति पत्र सौंपा था. जारी की गई सूची दो महीने के अंदर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर बिहार सरकार ने रोजगार देने का नया इतिहास रच दिया, लेकिन इस इतिहास रचने के साथ ही नियुक्ति में गडबड़ी की शिकायतें भी बड़े पैमाने पर सामने आई. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या सरकार की ओर से फेयर परीक्षा कराकर रोजगार देने का दावा हवा हो रहा है क्योंकि जिस तरह से मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण में सफल शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है. उससे कुछ यही कहानी सामने आ रही है.हालांकि इतने बड़े पैमाने पर लोकसभा चुनाव से पहले भर्ती के कई मायने हैं.

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शेखपुरा में शुक्रवार की देर रात आए भूकंप से डोलती रही धरती, नेपाल रहा भूकंप का केंद्र शुक्रवार की देर रात बिहार में पटना समेत 11 जिलों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किलोमीटर जमीन के नीचे था भूकंप के बाद पटना समेत कई जिलों के लोग अपने घर के बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं मिली है।भूकंप के दौरान धरती करीब एक मिनट तक धरती हिलती रही। कई बार आफ्टर शॉक्स भी महसूस किए गए। जिन जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए उनमें पटना, आरा, दरभंगा, गया, वैशाली, खगड़िया, सिवान, बेतिया, बक्सर, नालंदा, नवादा शामिल है शेखपुरा जिले के आसपास के हिस्सों को भूकंप के संंबंध में संवेदनशील माना जाता है। शेखपुरा जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस होते ही लोग डर के मारे अपने घर से बाहर निकल आए। देर रात आए भूकंप के झटकों से लोग दहशत में दिखे। हालांकि, राहत की बात यह है कि अबतक शेखपुरा जिले में जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।दरअसल, जब भूकंप आया तो ज्यादातर लोग खाना खाकर सोने की तैयारी में थे. ऐसे में ज्यादातर लोगों को और कई जिलों में इसे आसानी से महसूस किया गया. कहीं पंखा हिलते दिखा तो कहीं घरों से बाहर आकर लोग एक-दूसरे से भूकंप के बारे में पूछने लगे। कुछ देर के लिए तो लोगों में हड़कंप मच गया। वही देश के कई हिस्सों से ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिसमें कहीं पंखा हिलता दिख रहा है तो कहीं झूमर हिल रहे हैं।

टाइटल : ई रिक्शा पलटने से एक दिव्यांग व्यक्ति बुरी तरह जख्मी,,,, जख्मी व्यक्ति को पावापुरी किया गया रेफर... शेखपुरा : शेखपुरा में ई रिक्शा पलटने से एक दिव्यांग बुरी तरह जख्मी हो गया. घटना के बाद उसे इलाज के लिए शेखपुरा के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. घायल की पहचान एकाडा गांव के छोटन सिंह के पुत्र भूषण सिंह के रूप में की गई है. बताते चले की इस घटना की जानकारी देते हुए जख्मी भूषण सिंह ने बताया कि चेवाड़ा बाजार से खरीदारी कर वह अपने घर एकाड़ा जा रहे थे. तभी मताल चौक के समीप यह घटना घटित हो गई. यहां अनियंत्रित होकर ई रिक्शा पलट गया तथा उनके पैर पर गिर पड़ा. जिस कारण वह बुरी तरह से जख्मी हो गए. बता दे कि इस घटना में अन्य यात्रियों को मामूली चोटे आई है.घायलों को इलाज के लिए पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चेवlड़ा में भर्ती कराया गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए शेखपुरा किस तरह अस्पताल लाया गया है. सदर अस्पताल में उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे पावापुरी मेडिकल कॉलेज नालंदा रेफर कर दिया गया.