चेवाड़ा प्रखंड क्षेत्र करंडे, कपासी, महेशपुर, छठियारा,घारी, इत्यादि गांव में नहाय-खाय से शुरू हुआ चार दिवसीय आस्था का पर्व छठ का सोमवार समापन हुआ। छठ व्रती महिलाओं ने आज व्रत खोला है। शनिवार को खरने के साथ शुरू हुआ 36 घंटे का निर्जला व्रत सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त हुआ। व्रती महिलायें सोमवार को उदीयमान भास्कर देव को अर्ध्य देने के बाद व्रत का पारण किया गया।
चेवाड़ा के छठ घाटों का चेवाड़ा नगर पंचायत के अध्यक्ष के द्वारा किया गया निरीक्षण. गौरतलब है कि चेवाड़ा नगर पंचायत के अरघौटी घाट का चेवाड़ा नगर पंचायत के अध्यक्ष लट्टू यादव के द्वारा निरीक्षण किया गया उन्होंने निरीक्षण के दौरान नगर पंचायत के सुपरवाइजर को निर्देश दिया गया कि पानी में फैले कचरे को सफाई करने का भी निर्देश दिया गया इस दौरान विधि व्यवस्था का भी उन्होंने जायज लिया गया.
छठियारा पंचायत के सिझोड़ी गांव में छठियारा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि के द्वारा छठ घाट का किया गया साफ सफाई इस बात की जानकारी देते हुए छठियारा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मनोज कुमार यादव ने बताया कि छठियारा पंचायत के सभी छठ घाटों का निरीक्षण भी किया जा रहा तथा सभी छठ घाटों में पानियों की व्यवस्था भी की जा रही है तथा लाइट का भी प्रबंध किया जा रहा है वहीं रविवार को जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि छठियारा पंचायत के सिझोड़ी गांव में भी पानियों की व्यवस्था की गई है तथा साफ सफाई का भी कार्य किया गया है इस दौरान दर्जनों लोग मौजूद थे.
शेखपुरा।। छठ पूजा के दूसरे दिन छठव्रति खरना का प्रसाद खाकर 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा। छठपूजा के तीसरे दिन आस्ताचलगामी भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दान करेंगे और अंतिम चौथे दिन उदयमान भगवान भाष्कर को अर्ध्य देने के बाद पारण कर चार दिवसीय सूर्योपासना का महा पर्व छठपूजा का समापन करेंगे । नहाय-खाय के दिन से ही हिन्दु धर्मावलम्बी पूरी आस्था और भक्ति के साथ इस महापर्व में लीन हो गये । छठपूजा को लेकर छठव्रती अपने घरों को पूरी पवित्रता के साथ पूजा पाठ करते हैं । बिहार और झारखंड राज्य में यह पर्व सबसे पवित्र पर्व और लोक आस्था का पर्व के रूप में जाना जाता है । इसी को लेकर इस क्षेत्र के लोग भी छठ पूजा के भक्तिमय वातावरण में पूरी तरह से डूबे हैं । शुक्रवार की सुबह स्नान-ध्यान के बाद कद्दू-भात खाकर इस पर्व का शुभारंभ किया । शनिवार को छठव्रती मिट्टी के चूल्हे और मिट्टी व पीतल के वर्तनों में प्रसाद बनाकर संध्या समय में पूजा पाठ कर प्रसाद को ग्रहण किया । प्रसाद के रूप में कहीं रसिया-खीर तो कहीं वासमती चावल, दाल, पिट्ठा, रोटी आदि चढ़ाया गया। इस प्रसाद की महत्ता अधिक होने की वजह से दूर-दराज या फिर दूसरे प्रदेश में रहने वाले परिवार भी अपने घर आकर खरना का प्रसाद को ग्रहण करते हैं । छठवर्ती इसी प्रसाद को खाने के बाद 36 घंटे का निरर्जला अनुष्ठादन शुरू किया । आज का प्रसाद ग्रहण करने के लिए पूरी रात लोग छठव्रतियों के घर श्रद्धालु आते जाते रहे। इस महा प्रसाद को ग्रहण करने के लिए देश एवं देश के बाहर बसे बिहारी बंधु अपने घर व गांव पधार चुके है।
पंचायत के छठ घाटों की साफ- सफाई में जुटे स्वच्छता कर्मचारी। घाटकुसुम्भा।। लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर तैयारियां जोर शोर से चल रही है। इसी कङी में घाटकुसुम्भा प्रखंड के कुछ छठ घाटों पर स्वच्छता कर्मियों के द्वारा साफ़ सफाई किया जा रहा है। जहां डीहकुसुम्भा पंचायत के स्वच्छता मित्रों के द्वारा पंचायत के सभी छठ घाटों पर साफ़ सफ़ाई किया गया। इस मौके पर स्वच्छता पर्वेक्षक रामप्रवेश कुमार ने कहा कि छठ पूजा को देखते हुए छठ घाटों का साफ सफ़ाई कराया जा रहा है। साफ़ सफाई अभियान पंचायत के स्वच्छता मित्रों को लगाया गया है। ताकि छठ घाट पर आने वाले छठ व्रतियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। छठ घाटों पर साफ़ सफाई के साथ-साथ छठ घाटों पर लाइट का भी व्यवस्था ग्रामीणों के द्वारा कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि स्वच्छता कर्मी के द्वारा गांवों की गलियों की भी साफ-सफाई किया जा रहा है। ताकि आने वाले छठव्रतियों को कोई कठिनाई नहीं हो। साथ ही लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। स्वच्छता पर्यवेक्षक रामप्रवेश कुमार की देखरेख में स्वच्छता कर्मी सावो देवी, ब्रह्मदेव केवट,सकेन राम, चंदन केवट, शत्रुघ्न राम समेत कई कर्मियों ने छठ घाटों की साफ-सफाई किया।
झोपड़ी में लगी आग, हजारों की संपत्ति जलकर हुई राख घाटकुसुम्भा।। घाटकुसुम्भा प्रखंड के बाउघाट थाना क्षेत्र अंतर्गत कोयला गांव में शनिवार को एक झोपड़ीनुमा घर में अचानक लगी आग से झोपड़ी में रखे अनाज, बर्तन, कपड़ा व अन्य सामग्री जलकर राख हो गया। जिस समय आग लगी उस समय सभी परिवार खेत में काम करने गया हुआ था। घटना के संबंध में बताया जाता है कि कोयला गांव निवासी चलित्र महतों अपने परिवार वालों के साथ खेत में काम करने गया हुआ था इसी बीच उसकी झोपड़ी में अचानक आग लग गई। मजदूर को आग लगने की जानकारी तब हुई। जब गांव के लोगों ने जोर जोर से चिल्लाना शुरू किया। इस दौरान वह जैसे तैसे घर पहुंचा।तबतक झोपड़ी जलकर राख हो गया था। हालांकि ग्रामीणों द्वारा आग पर काबू पाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन आग की लपट इतनी तेजी से उठ रही थी कोई भी उसके समीप जाने का हिम्मत नहीं जुटा पाया। देखते ही देखते कुछ ही मिनट में झोपड़ी तथा उसमें रखे सामान जलकर राख हो गया। इस संबंध में मजदूर ने अंचलाधिकारी को जानकारी देकर मुआवजे की मांग किया है।
चेवाड़ा प्रखंड क्षेत्र सहित ग्रामीण इलाको में सूर्योपासना के चार दिवसीय महापर्व छठव्रत के प्रथम दिन नहाए- खाए के साथ शुरू हो गया है। घरों में छठ गीतों के साथ साथ छठ मैया के गीतों का ध्वनि विस्तारक यंत्रों का किए जाने से क्षेत्र का चप्पा चप्पा भक्तिमय हो गया है. छठव्रतियों ने पहला दिन शुक्रवार को घरों एवं निकटवर्ती पवित्र जलाशयों में स्नान कर पूरी पवित्रता के साथ नहाए खाए की रस्म के लिए चावल, दाल,कद्दू की सब्जी आदि का भोजन तैयार कर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। छठ पूजा के दूसरे दिन शनिवार को लोहंडा के दिन छठ व्रतियों के द्वारा दिन भर निर्जला उपवास रखते हुए संध्या समय प्रसाद के रूप में चावल, दाल, रोटी, दूध, रावा ,खीर ,रसिया, आदि का प्रसाद तैयार कर भगवान भास्कर को अर्पित किया जाता है। इसके बाद छठव्रती के द्वारा सर्वप्रथम प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार तथा सगे संबंधी के लोग खरना के प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे। इसके बाद तीसरे दिन रविवार को 36 घंटे का निर्जल उपवास रखते हुए संध्या समय अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्ध्य अर्पित करेंगे उसके बाद चौथे दिन सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्ध्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाएगा।
चेवाड़ा बीआरसी भवन में शुक्रवार को बीपीएससी परीक्षा से उत्तीर्ण हुए दर्जनों शिक्षकों को लेखा दिया गया प्रशिक्षण. जानकारी देते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि बीपीएससी परीक्षा से उत्तीर्ण हुए शिक्षकों को लेखा दिया गया .प्रशिक्षण जोकि यह प्रशिक्षण18 नवंबर तक सभी शिक्षकों के बीच प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा सभी शिक्षकों को बच्चों के पठन-पाठन कैसे पढ़ाया जाए एवं बच्चों के बीच कैसे उसकी रुचि लाया जाए इसके बारे में ट्रेनिंग के माध्यम से सभी शिक्षकों को जानकारी दी गई.इस दौरान प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किशोर कुमार इत्यादि लोग मौजूद थे.
नगर पंचायत क्षेत्र के विभिन्न छठ घाट का किया गया.नगर पंचायत अध्यक्ष लट्टू यादव के द्वारा निरीक्षण.गौरतलब है कि शुक्रवार चेवाड़ा नगर पंचायत क्षेत्र के चेवाड़ा ,बसंत, चिंतामन चक, बहुआरा छठ घाटों का सौंदर्य को लेकर नगर पंचायत के अध्यक्ष लट्टू यादव के द्वारा निरीक्षण किया गया तथा कार्य कर रहे सफाई कर्मियों को निर्देश दिया गया कि नाली गली छठ घाटों पर कचरा ना रहे एवं साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा गया तथा उन्होंने नगर पंचायत के सुपरवाइजर को निर्देश दिया गया कि जिन घाटों पर पानी अधिक है, वहां पर बांस की बैरिकेडिग करने व सभी घाटों पर लाइट की व्यवस्था करने के लिए कई आवश्यक निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि छठ व्रतियों को किसी प्रकार की परेशानी या दिक्कत नहीं होनी चाहिए. इस दौरान सभी घाट क्षेत्र में छठ पूजा कमेटियों से भी रूबरू हुए.
हरोहर नदी मे पानी कम रहने से छठ व्रतियों को अर्घ्य देने मे होगी सहूलियत नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व शुरू हो गया है। जहां आज लोग लोहंडा का प्रसाद ग्रहण करेंगे वहीं कल डूबते सूर्य का अर्ध्य देंगे। इसके लिए प्रशासन के द्वारा भीङ भाङ वाले छठ घाटों पर साफ सफाई व वैरीकेडिंग की व्यवस्था की जा रही है। जबकि नदी किनारे एवं गांवों में कई ऐसे घाट है जिसपर प्रशासन के द्वारा कोई इंतजाम नहीं किया गया है। न हीं उसकी सजावट एवं वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के सुरक्षा के लिए की जाने वाली व्यवस्था को ले प्रशासन की ओर से अब तक कोई पहल शुरू नहीं की गई है। प्रशासनिक उपेक्षा के बावजूद हरेक गांव में युवाओं की टोली आपसी सहयोग से घाट की साफ-सफाई करने एवं सजावट की व्यवस्था करने में जुट गई है।हालांकि बीडीओ एजाज आलम एवं सीओ निखत प्रवीण के द्वारा छठ घाटों का निरीक्षण किया जा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए बीडीओ एजाज आलम ने बताया कि घाटकुसुम्भा प्रखंड के 12 छठ घाटों पर भीड़ भाड़ ज्यादा रहती है वैसे घाटों पर वैरीकेडिंग किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इसबार हरोहर नदी मे पानी कम रहने के कारण छठ घाटों की स्थिति सामान्य है। जिससे छठव्रतियों को अर्घ्य देने में सहूलियत होगी। बता दें कि घाटकुसुम्भा प्रखंड क्षेत्र में लगभग 58 स्थानों पर छठ पूजा में अर्घ्य दिया जाता है। जिसमें से 21 घाट नदी के किनारे अवस्थित है। जिसमें पानापुर, जितपारपुर, प्राणपुर, महम्मदपुर, हरनामचक, आलापुर, बाउंघाट, कोयला, मुरबरीया, घाटकुसुम्भा, अकरपुर, गदबदिया, सुजावलपुर, बटौरा आदि गांव में हरोहर नदी के घाट पर अर्घ्य दिया जाता है। जबकि भदौसी पंचायत के दरियापुर व भदौस बेलदरिया में कौरिहारी नदी के घाटों पर तो वृन्दावन में टाटी नदी के घाट पर अर्घ्य दिया जाता है। जबकि कई गांवों में अपने सुविधानुसार पैन आहर तालाब के विभिन्न घाटों का उपयोग किया जाता है।