घाटकुसुम्भा प्रखंड के डीहकुसुम्भा पंचायत अंतर्गत मध्य विद्यालय कुसुंभा घाट में पद स्थापित सहायक शिक्षक सरगुन प्रसाद सिंह की सेवा निवृत उपरांत विद्यालय परिसर में विदाई सब सम्मान समारोह का आयोजन प्रभारी प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार की अध्यक्षता में किया गया।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के नारायणपुर मोहल्ला स्थित हंसराज मॉडल स्कूल के एक छात्र ने सिमुलतला प्रवेश परीक्षा में सफलता पाया है।अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी खबर सुनें

गया क्यूल रेलखंड के शेखपुरा स्टेशन स्थित पैगंबरपुर गांव के समीप रेलवे ने रेलवे क्रॉसिंग के दोनों तरफ पोल गडकर स्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है जिससे पैगंबरपुर सहित दर्जनों गांव का आवागमन बाधित हो गया है।

पीसीआई आर्गेनाइजेशन के बैनर तले लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ बरबीघा प्रखंड के पांक पंचायत में गुरुवार को जागरूकता को लेकर पंचायत के मुखिया संगीता कुमारी के अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर पीसीआई ऑर्गनाइजेशन के कर्मचारी दिव्या मेहरोत्रा ने उपस्थित लोगों को बताया कि लिंग आधारित हिंसा के रोकथाम को लेकर हमें अपने बेटियों को शिक्षित करने की आवश्यकता है। शिक्षा से ही समाज में इस कुंठित सोच में बदलाव लाया जा सकता है।जब तक हमारी बेटियां शिक्षित होकर इस कुव्यवस्था के खिलाफ आवाज बुलंद नहीं करेंगी तब तक समाज में लिंग के आधार पर महिलाओं के साथ हिंसा होती रहेगी। वही मुखिया संगीता कुमारी ने कहा कि बेटियों को शिक्षित करने के साथ-साथ बेटों को संस्कार देने का कार्य करें ताकि आने वाले समय में बेटे घर की महिलाओं के साथ-साथ समाज के बच्चियों को भी सम्मान दे सकें।

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सिमुलतला प्रवेश परीक्षा में एक्सलेंस कान्वेंट के 15 बच्चों ने पाई सफलता। शेखपुरा।। सिमुलतला आवासीय विद्यालय की प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जारी होते हैं शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान एक्सीलेंट कान्वेंट के छात्र छात्राओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। एक्सेलेंस कॉन्वेंट बरबीघा से सिमुल्तल्ला आवासीय विधालय प्रिलिमिनरी टेस्ट परीक्षा में शामिल हुए 19 में से 15 बच्चों ने सिमुलतला की प्रवेश परीक्षा में परचम लहराया है। सफल छात्र छात्राओं ने बताया कि कुशल शिक्षकों के मार्गदर्शन में यह सफलता मिल सकी है। एक्सेलेंस कॉन्वेंट ने विगत वर्ष भी सिमुलतला को स्नेहा कुमारी के रूप में बिहार टॉपर भी दिया था। विधालय के निर्देशक शत्रुधन कुमार ने आयोजन की अगुआई करते हुए कहा कि “सफलता कोई जादू से नहीं बल्कि यह पसीने, दृढ़ संकल्प और कठोर परिश्रम से वास्तविक बनते है”जो कि एक्सेलेंस के बच्चों ने साबित कर दिखाया है। विधालय के प्रिंसीपल इंजीनियर पिंकेश आनंद ने बच्चो को बधाई दी तथा आगामी मेन्स परीक्षा के लिए पूरी लगन व मेहनत के साथ तैयारी करने को कहा है। साथ ही साथ असफल बच्चों को ढाँढस देते हुए कहा कि “संयम और परिश्रम मनुष्य के दो सर्वोत्तम चिकित्सक हैं” इसलिये संयमित रहकर निरन्तर प्रयास करते रहें एक दिन सफलता आपकी भी कदम चूमेगी। परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले बच्चों में अकास राज,अखंड ज्योति, प्रणव राज, हर्ष राज, गोपाल कुमार,अमृत राज, प्राची सिन्हा, साक्षी कुमारी, निशु कुमारी , अनुराधा कुमारी, माही कुमारी, देवांशी, सोनाली कुमारी, श्रेया लक्ष्मी और दिव्य भारती का नाम शामिल है। प्राचार्य ने समारोह का समापन करते हुए कहा कि इस पुरी सफलता के पीछे पूरे विद्यालय परिवार का एक अथक प्रयास है एवं विद्यालय में इस अभूतपूर्व सफलता से पूरे विद्यालय परिवार में एक ख़ुशी की लहर दौड़ गई है।

बरबीघा के काजीफत्तूचक गांव में रोटरी क्लब ऑफ शेखपुरा सेंट्रल के द्वारा प्रोजेक्ट पॉजिटिव हेल्थ प्रोग्राम के तहत हाइट एंड वेट माप, मधुमेह, रक्तचाप का जांच का आयोजन किया गया. मौके पर रोटरी क्लब के अध्यक्ष संजीव कुमार,बीडीओ अमित कुमार, पूर्व सिविल सर्जन डॉ मृगेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ फैजल अरशद, डॉ अलोक कुमार, डॉ राजीव कुमार, डॉ रामाश्रय प्रसाद सिंह, डॉ रणधीर राज, डॉ दीपक,रोटेरियन सचिव निरंजन कुमार पांडेय, रोटेरियन संजय कुमार, रोटेरियन रोहित कुमार , डीपीसी मो. शाकिर खान, अस्पताल प्रबंधक त्रिलोकी नाथ पांडे, पाक पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि रिक्कू महतो ,लैब टेक्नीशियन अशोक कुमार, टेक्नीशियन संदीप कुमार, कुंदन कुमार वर्मा, शंभू प्रसाद मंडल, ज्योतिष कुमार आदि रोटरी क्लब के सभी रोटेरियन उपस्थित थे .

चार माह से चला आ रहा अखंड रामायण पाठ कन्या भोज के साथ हुआ समापन। घाटकुसुम्भा ।। डीहकुसुम्भा गांव के दूर्गा मंदिर के प्रांगण में पिछले चार माह से चली आ रही साप्ताहिक अखंड रामायण पाठ का मंगलवार को कन्या भोजन के साथ समापन हो गया। यह रामायण पाठ प्रत्येक महिने के सोमवार तिथि को 24 घंटे का रामायण पाठ होता आ रहा है। जिसका मंगलवार को विधिवत समापन हुआ। वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार सावन माह से रामायण पाठ की शुरुआत होती है और कार्तिक मास के अंतिम सोमवार को हवन पूजन व कन्या भोज के साथ इसका समापन होता है। इस दौरान पूरे गांव के कुमारी कन्याओं को निमंत्रण देकर भोजन कराया जाता है। अखंड रामायण पाठ समिति के टूनटून यादव ने बताया कि सावन माह से डीहकुसुम्भा गांव स्थित दूर्गा मंदिर के स्थान पर गांव के लोगों द्वारा सुख शांति और गांवों मे अमन चैन के लिए अखंड रामायण पाठ चल रहा था। जिसमें अखंड रामायण पाठ के साथ रात को अलग अलग भजन संध्या का आयोजन भी पिछले करीब चार महीने से चल रहा था। पूर्णाहुति के बाद गांव के करीब 500 कन्याओ को भोजन प्रसाद करवाया गया। कन्या भोज के पुनीत कार्य में भाषो पंडित, गुहन ओस्ताद, कौशल महतो श्रवण यादव,अनिल कुमार राय,कनवर लाल, राजेश यादव, सुरेश तांती,अनंत यादव, रामदास यादव, टूनटून यादव, पप्पू यादव सहित कई लोगों ने अपनी सहभागिता निभाई। टूनटून यादव ने यह भी बताया कि 24 घंटे का अखंड रामायण पाठ विलुप्त होता जा रहा हैं। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर फिर से इस प्राचीन संस्कृति को आगे बढ़ाया जाए। जिसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है। दूर-दूर से लोग रामायण पाठ करने दूर्गा मंदिर पहुंचते हैं। रामायण पाठ का समापन हवन कन्या भोजन और आरती के साथ किया गया। इस दौरान प्रसादी ग्रहण करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

समापन समारोह में विष्णु धाम मंदिर पहुंचे भवन निर्माण मंत्री ने मंदिर निर्माण के लिए दस लाख रुपए का दिया सहयोग। शेखपुरा ।। बरबीघा के सामस गांव स्थित प्रसिद्ध विष्णु धाम मंदिर में चल रहे पांच दिवसीय महोत्सव सह देवोत्थान मेला के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने विष्णु धाम के प्रति अपनी आस्था जताते हुए एमएलसी फंड से मंदिर के निर्माण में 10 लाख रुपए का सहयोग करने की घोषणा की है ।साथ ही उन्होंने शेखपुरा नगर के गिरिहिंडा पहाड़ पर अवस्थित बाबा कामेश्वर नाथ मंदिर के निर्माण में भी 10 लाख रुपये से सहयोग की घोषणा की। इस मौके पर विधान पार्षद विजय कुमार सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस ख्याति प्राप्त विष्णु धाम मंदिर को देश के पर्यटक स्थल का दर्जा दिलाने में आ रही तकनीकी त्रुटियों को दूर करने और राज्य का पर्यटक क्षेत्र घोषित करवाने की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल कर बात करेंगे। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि मैं आज जो भी हूं वो बरबीघा की धरती का देन है। इस धरती से बचपन से ही लगाव रहा है और मरते दम तक इस धरती की मिट्टी से जुड़ा रहूंगा। इस मौके पर विष्णुधाम न्यास समिति के सचिव पूर्व मुखिया पंकज सिंह, सामस के उप मुखिया चमन सिंह, नगर परिषद बरबीघा के पूर्व सभापति अजय कुमार, चेवाड़ा नगर पंचायत के सभापति लट्टू यादव, शंभू यादव सहित अन्य मौजूद थे। बता दे की देवोत्थान एकादशी के दिन से विष्णु धाम महोत्सव का आयोजन किया जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में धार्मिक काम होते हैं। इसमें रासलीला का मंचन भी किया जाता है। कथावाचकों के द्वारा प्रवचन भी दिया जाता है। इस बीच कार्तिक पूर्णिमा के दिन महोत्सव का समापन होता है। महोत्सव के समापन के दिन कार्तिक पूर्णिमा होने की वजह से भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में रही और लोगों ने बड़ी संख्या में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की।

भारतीय परिवारों में और मंदिरो में सुबह और शाम शंख बजाने का प्रचलन था और है। इस पुरातन सैद्धान्तिक परम्परा को शायद हम भूल गये या उस प्राचीन विज्ञान के रहस्य को भौतिकवाद ने भुला दिया,अब शंख प्रदर्शनीय रह गया। अगर हम रोजाना शंख बजाते है,तो इससे हमें काफी लाभ हो सकता है। शंख बजाने से श्वांस लेने की क्षमता में सुधार होता है। इससे हमारी थायरॉयड ग्रंथियों और स्वरयंत्र का व्यायाम होता है और बोलने से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है। शंख बजाने से झुर्रियों की परेशानी भी कम हो सकती है। जब हम शंख बजाते हैं,तो हमारे चेहरे की मांसपेशियां में खिंचाव आता है,जिससे झुर्रियां घटती हैं। शंख में सौ प्रतिशत कैल्शियम होता है। रात को शंख में पानी भरकर रखें और सुबह उसे अपनी त्वचा पर मालिश करें। इससे त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाएंगे। शंख बजने से तनाव भी दूर हो जाते है, जो लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं, उनको शंख जरुर बजाना चाहिए। क्योंकि शंख बजाते समय दिमाग से सारे विकार चले जाते है। शंख बजाने से घर के अंदर आने वाली नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहती है। जिन घरों में शंख बताया जाता है,वहां कभी नकारात्मकता नहीं आती है। शंख बजाने से दिल के दौरे से भी बच सकते है। नियमित रूप से शंख बजाने वाले को कभी हार्ट अटैक नहीं होता है। शंख बजाने से सारे ब्लॉकेज खुल जाते हैं। इसी तरह बार-बार सांस भरकर छोडऩे से फेंफड़े भी स्वस्थ्य रहते हैं। शंख बजाने से योग की तीन क्रियाएं एक साथ होती है :- कुम्भक,रेचक,प्राणायाम। शंख की आकृति और पृथ्वी की संरचना समान है नासा के अनुसार शंख बजाने से खगोलीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है जो जीवाणु का नाश कर लोगो को ऊर्जा व शक्ति का संचार करता है। शंख बजाने से चेहरे,श्वसन प्रणाली,श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों की बहुत बढ़िया एक्सरसाइज होती है। जिन लोगों को सांस संबधी समस्याएं है,उन्हें शंख बजाने से छुटकारा मिल सकता है। हर रोज शंख बजाने वाले लोगों को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते। इससे स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। वैज्ञानिक मानते हैं कि शंख फूंकने से उसकी ध्वनि जहां तक जाती है,वहां तक के अनेक बीमारियों के कीटाणु ध्वनि-स्पंदन से मूर्छित हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं। यदि रोज शंख बजाया जाए तो वातावरण कीटाणुओं से मुक्त हो सकता है। बर्लिन विश्वविद्यालय ने शंखध्वनि पर अनुसंधान कर यह पाया कि इसकी तरंगें बैक्टीरिया तथा अन्य रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए उत्तम व सस्ती औषधि हैं। रोजाना सुबह-शाम शंख बजाने से वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है। इसीलिए सुबह-शाम शंख बजाने की परंपरा है। शंख में कैल्शियम,गंधक और फास्फोरस काफी मात्रा में पाए जाते हैं। यह तत्व हड्डियों को मजबूत करने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसलिए शंख में रखें पानी के सेवन करें। इससे दांतो को भी फायदा मिलता है।