बिहार राज्य, पचमी चम्पारण जिला से कविता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहीं हैं कि, इन्हें इंदिरा आवास और शौचालय योजना का लाभ नहीं मिला है

पश्चिमी चम्पारण के अधिकांश क्षेत्रों में विगत रात्रि अचानक आँधी, बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की रबी फसल और व्यवसायियों की आम की फसल को भारी नुकसान हुई है। साथ ही ईट्ट,भठ्ठा संचालकों का भी काफी क्षति हुई है विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मेरा नाम इम्तियाज आलम है , पिता का नाम खलीला अंसारी है , पुरानी पंचायत पटगढ़ , वार्ड नंबर दो से है , मेरी समस्या यह है कि अगर मैं कहीं भी राशन कार्ड बनाऊंगा तो मुझे राशन कार्ड मिल जाएगा । अगर मुझे ले जाया जाता है , तो वे कहते हैं , वे कमीशन मांगते हैं , हजार रुपये , पंद्रह सौ रुपये , दो हजार रुपये , मुझे यह समस्या चाहिए कि अगर हमारे परिवार का नाम उनके परिवार में है , तो मैं वे कहते हैं कि जब आप इसे पहले काटेंगे , तो आपके साथ नाम जोड़ा जाएगा , आपका नया राशन कार्ड लगाया जाएगा , मैं घर का गरीब आदमी हूं , मैं तीन बच्चों के परिवार में एकमात्र कमाने वाला हूं । मैं खाने वाला हूँ , मुझे बताएँ कि मैं वह कहाँ से करूँगा , शौचालय नहीं है , पानी नहीं है , हमारे पास नल के पानी का कोई साधन नहीं है , हमने नल का हलवा अपने पास रखा है , हमारे पास वही समस्या है जो इसे थोड़ा सा हल करती है । आपको धन्यवाद ।

Transcript Unavailable.

मेरा नाम बाजेश किशोर भारती गाँव भखाई पोखरिया , पोखरिया , पश्चिम चंपारण बितिया जिला , बिहार , अरुणाचल प्रदेश , भारत से है । जो न तो तेज़ है और न ही जल्द ही पूरी तरह से सीखा है , उसे पानी नहीं मिला है , जनता ने लोगों से कहा है कि यह ठीक होने पर बहुत अच्छा होगा ।

पश्चिमी चम्पारण जिले के मैनाटाँड-बेतिया मुख्य पथ से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ईट्ट लदा ओभरलोड ट्रेक्टर और बालू लदा ट्रको का आना-जाना होता है। जबकि इस मुख्य पथ में करीब आधे दर्जन पुलिस थाना मौजूद है। फिर भी ओभर लोडिंग का खेल जारी है। जानकारों के माने यह खेल पुलिस और परिवहन विभाग की मिलीभगत से अनवरत जारी है। कभी- कभार दिखावे के लिए थोड़ी बहुत कारवाई कर चुप्पी साध ली जाती है ...।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Yuvao ko Diya jaye rojgar

मेरा नाम सीताराम है , मैं बिहार , गाँव धनकुटुआ , पश्चिम चंपारण , पश्चिम चंपारण से बोल रहा हूँ । विधवा महिलाओं के समूह में सरकार स्वरोजगार के लिए बाईस हजार पच्चीस हजार रुपये दे रही है , जो कि प्रधानमंत्री हैं जो लोग हैं । नीचे का अधिकारी उसमें अपने पैसे खा रहा है । कहीं से भी पैसा नहीं आ रहा है । लोगों में पैसा घुस रहा है । यदि आपको दस हजार मिलते हैं , तो आप पाँच हजार दर्ज कर रहे हैं , तो आप पाँच हजार दे रहे हैं , फिर तीस हजार इस तरह । अगर आपको यह मिल जाता है , तो वे बीस हजार पंद्रह हजार ले रहे हैं और फिर उसके बाद वे इसे दे रहे हैं , तो इसका मतलब इस तरह है , तो मुझे बताएं कि जो महिलाएं खुद को विकसित कर रही हैं , वे दो रुपये कैसे कमाएंगी । लेकिन अगर आप कार्रवाई करेंगे तो मुझे लगता है कि हमारा समाज बहुत अच्छा होगा , महिलाएं बहुत अच्छी होंगी , उनकी स्थिति में भी सुधार होगा क्योंकि यहां बहुत गरीबी है । यह अच्छी बात है , मैं इससे बहुत खुश हूं , लेकिन नीचे के अधिकारी महिलाओं को गुरबुका समझकर लुभाकर पैसे खा रहे हैं , इसलिए कृपया इस बात पर ध्यान दें ।