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Yuvao ko Diya jaye rojgar
मेरा नाम सीताराम है , मैं बिहार , गाँव धनकुटुआ , पश्चिम चंपारण , पश्चिम चंपारण से बोल रहा हूँ । विधवा महिलाओं के समूह में सरकार स्वरोजगार के लिए बाईस हजार पच्चीस हजार रुपये दे रही है , जो कि प्रधानमंत्री हैं जो लोग हैं । नीचे का अधिकारी उसमें अपने पैसे खा रहा है । कहीं से भी पैसा नहीं आ रहा है । लोगों में पैसा घुस रहा है । यदि आपको दस हजार मिलते हैं , तो आप पाँच हजार दर्ज कर रहे हैं , तो आप पाँच हजार दे रहे हैं , फिर तीस हजार इस तरह । अगर आपको यह मिल जाता है , तो वे बीस हजार पंद्रह हजार ले रहे हैं और फिर उसके बाद वे इसे दे रहे हैं , तो इसका मतलब इस तरह है , तो मुझे बताएं कि जो महिलाएं खुद को विकसित कर रही हैं , वे दो रुपये कैसे कमाएंगी । लेकिन अगर आप कार्रवाई करेंगे तो मुझे लगता है कि हमारा समाज बहुत अच्छा होगा , महिलाएं बहुत अच्छी होंगी , उनकी स्थिति में भी सुधार होगा क्योंकि यहां बहुत गरीबी है । यह अच्छी बात है , मैं इससे बहुत खुश हूं , लेकिन नीचे के अधिकारी महिलाओं को गुरबुका समझकर लुभाकर पैसे खा रहे हैं , इसलिए कृपया इस बात पर ध्यान दें ।
पश्चमी चम्पारण से आवास का बकाया पैसा नही मिल रहा है
हम बिजली सिंह बोलते हैं पश्चमी चम्पारण से जागरनाथपुर वही हमारे इंदिरा आवास मद पैसा में से पच्चीस हजार मिल गए हैं । बाकी पैसा नही मिल रहा है।
पश्चमी चम्पारण से नाम सीता देवी राशन कार्ड, आधार कार्ड नहीं है, और इंदिरा आवास व शौचालय भी नही मिला है।
हम विकलांग बानी, सरोज़ देवी हमारा नाम है जगन्नाथपुर से बोलते हैं ।
हमारा नाम नागेद्र यादव है । जगन्नाथपुर के वासी है अभी तक शौचालय और इंदिराआवास का लाभ हमे नहीं मिला है ।
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