प्रेमशीला देवी: नही शौचालय और नही मिला है आवास का लाभ

शीला देवी/पुरैनीया से खेती-बारी, आवास,शौचालय, चापाकल भी नही है.

आवास नही है, रोजगार की दरकार है ताकि हम अपने परिवार को आगे बढ़ा सके।

मुकेश कुमार/पुरैनीया से प्यासे कौवा और घडा़ की कविता सूने

मेरे हमार पास शौचालय नही घर नही है कुछ भी नहीं मिलता है हम गरीब लोग हैं हम क्या करे हैं सब खा जाता है मुखिया विधायक मंत्री यही मेरी समस्या है मेरे माँ मुस्मती भी नहीं मिलता है....

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मेरा नाम अफसाना खातून है । मेरा गाँव आर्यनगर मै एक कविता सुनना चाहता हूँ । देश की मिट्टी , देश की ज़रूरतें , देश का फल , देश के सदस्य , पुरुष , देश के घर और देश के साथ देश ।

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