हम छोटे थे कविता सुनाया गया बच्चों के द्वारा
मेरा नाम सुशील कुमार है । मैं सिक्काब्या से बात कर रहा हूँ । मैं एक कहानी सुनने जा रहा हूँ । मछली पानी की रानी है । जीवन उसका जल है । अपने हाथों को डर में रखें । उन्हें बाहर ले जाओ और मर जाओ ।
सुशील के द्वारा मोटू सेट कविता सुनाया गया
मेरा नाम अमित कुमार है मेरे गाँव का नाम आर्य लोवा है । देश की विनम्र हरियाली कालीन पर एक ही रंग है , चाहे वे कई हों , बेलाभी , शम्पाच , मेली , चायरे , फूलुडे , माल , बेला , गुलाबी , चम्पा , मेली , चारे , मीठे , फूलों वाले , माला वाले , एक कोयल । प्यारी पछे के पेट जा राही तारगा और ब्लॉग महर के रसोइये गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्ण कावेरी जाकमी द्वितीय मछली हैं ।
हैलो अमित कुर , मैं गाँव का नाम आर्यनगर कविता सुना रहा हूँ । बेला गुलाब जूई चंपा चने ली पारा पेरे फूल गुडेमाला इस देश के लोगों द्वारा आनंदित सबसे लोकप्रिय फूलों में से एक है । चंपच में तारेपुर फूलबुदेमाला एक तराना बुलुल राग मोहर है जो कोयल के कुक प्यारी पापिया की धुन पर गाती है ।
नर में बेटा बोला मेरा नाम अरमान आलम अथाला एक तिहाई पोस्ट शिकारपुर जिला व्यक्ति एच तारखंड सेख्ता एक कविता जो मैं सुनना चाहता हूँ उसका नाम है गब्बर से जंगल । एक दिन उन्होंने जंगल के सभी बच्चों को बुलाया और कहा , आज सभी बच्चे स्कूल जाने लगे हैं । मैं देखूंगा कि कौन से बच्चे स्कूल में रहते हैं । मैं रोज आने वाले बच्चों को इनाम दूंगा , मैं स्कूल खोलूंगा , मैं लाली लमदी सिखाऊंगा , मैं बच्चों को नृत्य सिखाऊंगा ।
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गाँव का नाम नेता मछली जल कियानी के बेटे अर्धन एल मैलुल है ।
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