उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनील कुमार त्रिपाठी से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि संपत्ति के अधिकार में बेटियों को पिता का हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। जब लड़की की शादी होती है तो ससुराल ही उसका घर होता है, उसके पति की संपत्ति में उसका हिस्सा होता है, उसके पिता की संपत्ति में उसके भाई का हिस्सा है, अगर वह अपने पिता की संपत्ति में अगर हिस्सा लेती है तो मायके से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे, भाई-बहन के प्रेम में खटास आ जाएगा। उसे अपने पति द्वारा अर्जित संपत्ति में हिस्सेदारी करनी होगी, पति के बाद परिवार में उसका कोई हिस्सा बनता नहीं तो ससुराल और मायके के सम्बन्ध में खटास हो जाएगी।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बेटों की तरह, महिलाओं को संपत्ति हासिल करने और उसका निपटान करने का अधिकार है। ऐसा करने का अधिकार, चाहे वह विरासत में मिली हो या स्वयं महिलाओं द्वारा अर्जित की गई हो, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम उन्नीस सौ छप्पन के अनुसार, उन बेटियों को भी समान रूप से हिस्सा दिया गया है जिनका विवाह हो गया है।इसी तरह उन्हें भी मां की संपत्ति पर अधिकार दिया गया है। यदि माँ की मृत्यु हो गई है, तो विरासत का कानून उन्नीस सौ छप्पन के अधिनियम के अनुसार लागू होता है।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे देश में बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ जैसी कई योजनायें चल रही है लेकिन फिर भी महिलाएं अभी बहुत पीछे हैं। बेटियों को चाहिए लेकिन बहुत सारी महिलायें अपनी बेटियों से काम करवाते हैं लेकिन बेटियों के बारे में नहीं सोचती हैं। जबकि हमारे देश में बेटियों को पढ़ाने का संविधान चलाया जा रहा है लेकिन महिलाएं अभी भी नहीं सोचती हैं। उन्हें बेटियों को पढ़ाने के लिए आगे आना चाहिए तभी समाज आगे आ सकता है
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज तक जितने महिला मुख्या ,प्रधान हैं उन्हें घर के बाहर निकलने नहीं दिया जाता। उनके अधिकार छीने जा रहे हैं क्योंकि वे महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं। महिलाओं को आगे निकलने देना चाहिए यदि वो अशिक्षा के कारण बोल नहीं पाते यदि वे शिक्षित होंगी तो बोल पायेंगी। बहुत सारी ऐसी महिलायें अशिक्षित हैं जो मुख्या भी हैं और प्रधान भी हैं। जो ग्राम सभाओं में नहीं देखी जाती न ही ब्लॉक स्तर पर देखी जाती हैं। ये महिलाएं समाज में अपनी आवाज नहीं उठा पा रही हैं। महिलाओं का समाज में आगे आने से समाज पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बिहार राज्य में जमीन का सर्वे किया गया जिसमे पता चला कि बहुत से जमीन ऐसे हैं जो उपजाऊ हैं लेकिन बंजर हैं। लेकिन जो गरीब महिलाएं या पुरूष हैं उन्हें उसका अधिकार मिलना चाहिए जिससे वे कुछ उपजा कर अपना जीवन व्यतीत कर सके। कहीं कहीं जैसे अम्बेडकर पार्क से किसी को कोई लाभ नहीं मिलेगा लेकिन ऐसे गरीब लोगों को जमीन देना चाहिए जिससे वे अपने खाने लायक फसल उपजा सके। जब भारत में जनगणना की बात आती है, तो सभी महिलाएं विधवा हैं, उनकी भी जांच की जानी चाहिए कि कौन गरीब है और उन्हें भूमि का अधिकार कैसे दिया जाना चाहिए। तमाम ऐसे मामले देश में हो रहे हैं। भारत सरकार कानून बनाती है लेकिन कानून का पालन नहीं कर पाती लोगों तक उनकी आवाज नहीं पहुंचती है,कि संविधान में क्या चल रहा है क्या नहीं लोगों को सही जानकारियां नहीं मिल पाती हैं। बहुत सारी ऐसी महिलाएं परेशान रहती हैं वे घर से बाहर नहीं निकल पाती हैं और अपनी आवाज भी नहीं उठा पाती
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से आलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को अधिकार आसानी से हासिल नहीं होने वाले हैं। अगर सरकार इस संबंध में कोई ठोस कदम उठाती है, तो यह हो सकता है कि महिलाओं को अधिकार मिले। इसके लिए जनगणना ऐसे करवाना चाहिए कि जो महिलाएं विधवा हों उनके पास खेत ना हो उनके बच्चे कैसे जी रहे क्या खा रहे अगर ऐसा सर्वे होता है तो क्लियर हो जाता है किअमीर कौन है और गरीब कौन है। तो ऐसे व्यक्ति को सरकार को धन से और जमीन से दोनों तरह मदद करनी चाहिए। क्योंकि कोई गांव ऐसी नहीं है जहाँ बंजर जमीन ना हो और बंजर जमीने सरकार की जमीने होती हैं । वो बंजर जमीने सरकार किसी को भी दे सकती हैं।वो उनके पास अपना अधिकार होता है। जिनके पास रहने के लिए घर ना हो आवास ना हो ,खेती करने जीने खाने के लिए जमीन ना हो तो जो बंजर जमीने उपजाऊ होती है लेकिन किसी के नाम नहीं होती वो तहसील से मुआयना करके उन्हें दिया जा सकता है। अंबेडकर प्रतिमा निर्माण या पार्क के लिए जमीन दिया जा सकता है तो जिनके पास लहसुन ,प्याज उगाने ,धनिया उगाने के लिए जमीन ना हो क्यों नहीं दिया जा सकता है। इस तरह से वे महिलाएं अपनी आजीविका भी चला सकती हैं
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से आलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जिरदी प्रसाद बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि भारत एक महिला प्रधान देश हैं। लेकिन महिलाओं का अस्तित्व धीरे-धीरे कम हो रहा है, उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करें, ताकि वे अपने अधिकार प्राप्त कर सकें और अपने पैरों पर खड़े हो सकें। उन्हें शिक्षित होना आवश्यक है और अपनी पढ़ाई लिखाई देश के लिए समर्पित करें देश के लिए अपना योगदान दें। महिलाएं देश को चलाती हैं वही मां है, वही बहन है, वही सब कुछ है तो सरकार यदि इनके बारे में सोचे तो बहुत अच्छी बात है।उनका कहना है कि महिलाओं को अधिकार देना आवश्यक हैं, अगर महिलाओं को अधिकार नहीं दिया जाएगा तो इन महिलाओं की कोई कीमत नहीं होगी।जैसे बेटा होता है वैसी बेटी होती हैं महिलाओं को ससुराल में अधिकार मिल जाता है लेकिन मायके में अधिकार नहीं मिलता बेटा और बेटी दोनों माँ आप के बच्चे हैं इसलिए दोनों को बराबर हक मिलना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से सरतारुलवारे से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि पिता की सम्पत्ति में महिलाओं को बराबर का अधिकार देना उचित नहीं है। बराबरी की बात आएगी तो इसमें पाटीदारी वाला हिसाब किताब हो जाएगा। इससे भाई बहन के बीच दरार उत्पन्न हो जाएगा। इसमें भाई बहन का रिश्ता ना होकर पाटीदार का रिश्ता हो जाएगा और ये कतई उचित नहीं है यह अनुचित व्यवस्था है। इसलिए महिलाओं को संपत्ति का अधिकार ना दिया जाए
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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रामअवध घिरनुआ प्रसाद से साक्षात्कार लिया। घिरनुआ प्रसाद ने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। लेकिन इससे भाई बहन के बीच विवाद भी हो सकता है।