उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कृष्णा सिंह से साक्षात्कार लिया। कृष्णा सिंह ने बताया कि महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार सम्मानपूर्वक मिलना चाहिए। बेटा और बेटी का सम्पत्ति में बराबर का हक़ है

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार प्राप्त करने के लिए उन्हें शिक्षित होना जरूरी है।क्योंकि बिना शिक्षा प्राप्त महिलाओं के लिए संपत्ति का अधिकार प्राप्त करना असंभव प्रतीत होता है।क्षेत्र के लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ लोग कहते हैं कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए और कुछ लोग कहते हैं कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन अगर देखा जाए तो इसमें सबसे बड़ी बाधा आ रही है अशिक्षा ,जिसके कारण महिलाएं अपना अधिकार नहीं मांग पाती हैं। साथ ही उन्हें अपने अधिकार के बारे में जानकारी भी नहीं है जिसके वजह से विकाश कार्य ठण्डे बस्ते पर है

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। क्योंकि पैतृक संपत्ति मिलने से महिलायें आत्मनिर्भर बनती हैं। अगर बेटियां बेटों के बराबर हैं बेटों से कम नहीं हैं इसलिए बेटों को हिस्सा मिलना चाहिए। कहा जाता है कि बेटी और बेटों में कोई भेद भाव नहीं है तो बेटियों को भी संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम सेनम्रता शुक्ला से बातचीत की। बातचीत में नम्रता शुक्ला ने बताया कि महिला संपत्ति में हिस्सा तभी मिलना चाहिए जब बेटियों के ससुराल में कोई सुविधा ना रहे। साथ ही उनके कोई भाई ना हो और वे अपने माता पिता की सेवा करें उनका ध्यान दें। माँ बाप पढ़ाते लिखाते हैं और शादी विवाह कर देते हैं इसलिए बेटियों को ससुराल में हिस्सा मिलना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से अखिलेश त्रिपाठी से बातचीत की। बातचीत में अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि पिता की संपत्ति में बेटियों को हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। यदि पिता अपने बेटियों को सम्पत्ति में अधिकार देते हैं तो भाई बहन के रिश्ते में खटास हो जाएगा और लड़कियों का मायके और ससुराल में अनबन बना रहेगा। जिस प्रेम भाव के साथ वे रहती हैं वो खतम हो जाएगा। शादी हो जाने के बाद उनका अधिकार ससुराल में रहता है उनके पति के संपत्ति में ही उनका अधिकार रहता है। यदि उन्हें कोई दुःख मुसीबत होती है तो वे अपने भाई के घर में आके रह सकती हैं उनके भाई उनकी रक्षा करेंगे

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से ब्रजेश से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को भी पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। अगर महिला का भाई नहीं है तो उन्हें मायके में भी अपने पिता के संपत्ति में हिस्सा मिलेगा। लड़का और लड़की एक समान है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक व्यक्ति से साक्षात्कार लिया। व्यक्ति ने बताया कि महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। सम्पत्ति का अधिकार मिलने से महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी एवं परिवार के लिए सुखकारी होगा । 'मिशन शक्ति' के अंतर्गत महिला और पुरुष में सरकार अंतर नही कर रही है। महिला और पुरुष दोनों को नौकरी और शिक्षा का अवसर मिल रहा है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक दिनेश से साक्षात्कार लिया। दिनेश ने बताया कि महिला को सम्पत्ति में अधिकार देना चाहिए,मगर इससे भाई-बहन का रिश्ता ख़राब हो सकता है। ससुराल में पति के मरने के बाद ही पत्नी को सम्पत्तिमें अधिकार मिल सकता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी  ने मोबाइल वाणी के माध्यम से  बनरसी से साक्षात्कार लिया। बनरसी ने बताया कि महिलाओं को सम्पत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। इससे भाई - बहन के रिश्ते में मिठास आएगा। इनके अनुसार ये अपनी बहन को सम्पत्ति में हिस्सा देंगे तो किसी की बहन का हिस्सा अपने यहां भी ले कर आएंगे

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कमजोर भूमि अधिकार महिलाओं के लिए समस्या बना है। सरकार द्वारा एक सर्वेक्षण भी किया जा रहा है ताकि महिलाओं को भूमि अधिकार मिले, लेकिन जो भी सर्वे किए जा रहे हैं, उससे यह भी साबित होगा कि लगभग पचास वर्षों के बाद कितनी महिलाओं के नाम पर संपत्ति है। इससे यह भी पता चलेगा कि सरकार का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए, लेकिन महिलाओं को अभी तक संपत्ति का अधिकार नहीं मिला है। सरकार कानून बनाती है लेकिन कानून को ठीक से लागू नहीं किया जाता है। जिसके कारण कानून अधूरे रह जाते हैं, ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं, आज के युग में महिलाओं के लिए भूमि अधिकार का मामला तेजी से चल रहा है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि हमे हमे भूमि अधिकारों की आवश्यकता नहीं है और कुछ लोग कहते हैं कि हमें भूमि अधिकारों की आवश्यकता है, तो यह देखने की बात होगी कि सर्वे में कितनी महिलाओं को भूमि अधिकारों का लाभ मिला है या नहीं मिला है।