उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीरनगर से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि गोंडा जिला की महिलाये कार्यक्रम 'अपनी जमीन, जमीन अपनी आवाज़ ' सुनकर जागरूक हो रही है और अपने बच्चो को भी शिक्षित कर रही है। आज भी बहुत सारी महिलाये अपने घरो से बाहर नहीं निकलती है और शिक्षा से वंचित रह जाती है। महिलाओं को अपना हक़ पाने के लिए खुद आगे आना होगा

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कुछ पुरुष वर्ग का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। जबकि कुछ पुरुष वर्ग महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने के पक्ष में बातें कर रहा है। लेकिन समस्याएँ जह उत्पन्न हो रही हैं कि अभी तक महिलाओं को संपत्ति का अधिकार क्यों नहीं दिया गया ? संपत्ति के अधिकार पाने के लिए महिलाओं का शिक्षित होना भी जरुरी है, महिलाएँ शिक्षित होंगी तभी वे अपने अधिकारों के लिए लड़ पाएंगी। आज भी ज्यादातर महिलाओं को लगता है कि उन्हें संपत्ति के अधिकार की आवश्यकता नहीं है। महिलाएँ आत्मनिर्भर तभी बनेंगी जब उन्हें यह मिलेगा। महिलाओं को संपत्ति का अधिकार पाने के लिए उनके जागरूक होने की आवश्यकता है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कुछ लोगों का मानना है कि पैतृक सम्पत्ति में बंटवारे को लेकर भाई - बहन के बीच में विवाद हो जाएगा। बहन पटीदार हो जाएगी। अशिक्षा के कारण महिलाएं पिछड़ी हुई हैं। महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए और अपने अधिकार के लिए आवाज़ उठाना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला संपत्ति अधिकार को लेकर क्षेत्र के लोगों की अलग-अलग राय है. कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए, जबकि कुछ महिलाओं और पुरुषों का मानना है कि संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। देखा जाए तो महिलाएं अभी भी काफी अशिक्षित हैं। अशिक्षा के कारण वे अपने अधिकारों के बारे में नहीं जान पा रहे हैं, सरकार सुविधाएं प्रदान करने की बात करती है, लेकिन जानकारी की कमी के कारण अभी कई महिलाएं संपत्ति का अधिकार लेने से इनकार कर रही हैं। जब तक महिलाओं को संपत्ति का पूर्ण रूप से अधिकार नहीं मिलता तब तक अधूरा रह जाएगा कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया गया। इसके लिए जरूरी है कि अभियान चलाए जाने चाहिए और जागरूकता अभियानों के साथ-साथ पुरुष वर्ग को भी महिलाओं को संपत्ति का हिस्सा दिलाने में भागीदार बनना चाहिए। जब तक कि पुरुष समाज महिलाओं को अधिकार देने के लिए आगे नहीं आयगा तब तक महिलायें पीछे रहेगी।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इन्होने महिला सम्पत्ति अधिकार विषय पर कई महिलाओं और पुरुषों से साक्षात्कार लिया। कुछ महिलाएं सम्पत्ति का अधिकार नही लेना चाहती हैं और कुछ महिलाओं को सम्पत्ति में अधिकार चाहिए। महिलाओं को सम्पत्ति अधिकार के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। पुरुष भी महिलाओं को अधिकार नही देना चाहते हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला सम्पत्ति अधिकार विषय पर लोगों की अलग - अलग राय सामने आ रही है। जब तक महिलाएं शिक्षित नही होंगी , तब तक अपने अधिकारों के बारे में जानकारी नही होगी। महिलाओं को जागरूक होना बहुत जरुरी है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे देश की आधी आबादी महिलाओं की है। मगर ज्यादातर परिवार में बेटियों की शिक्षा पर ध्यान नही दिया जा रहा है। अशिक्षा के कारण महिलाएं अपने हक़ की लड़ाई नही लड़ पाती हैं और घर के अंदर रहने के लिए मजबूर होती हैं ।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं हैं और हर सुख - दुःख में अपने माता - पिता के साथ खड़ी रहती हैं । बेटियों को सशक्त और मजबूत बनने के लिए पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा देना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीरनगर से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि अगर वो अपने पैतृक संपत्ति में अपनी बेटियों को भी हिस्सा देते है, तो इससे विवाद की स्तिथि बन सकती है। इसलिए वो बेटियों को पैतृक संपत्ति देने के खिलाफ है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला सम्पत्ति अधिकार पर लोगों की अलग - अलग राय सामने आ रही है।लोगों के अनुसार वो अपनी बेटी को सम्पत्ति का अधिकार नही देना चाहते हैं,क्योंकि इससे सम्पत्ति बंटवारा को लेकर भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है। वहीं कई पिता बेटियों को ख़ुशी से सम्पत्ति का अधिकार देना चाहते हैं।