माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से ज्योति से साक्षात्कार लिया। ज्योति ने बताया कि महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार नही मिलना चाहिए। बेटा को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। यदि बेटा नही है तभी बेटी को मायके की सम्पत्ति में अधिकार मिल सकता है। बेटा और बेटी एक समान होते हैं। बेटियों को सपोर्ट मिले तो वो बहुत आगे जा सकती हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से चिंगारी से साक्षात्कार लिया। चिंगारी ने बताया कि महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार नही मिलना चाहिए।बेटा के रहते बेटी को सम्पत्ति में अधिकार नही मिल सकता है। महिलाओं को ससुराल की संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए।चिंगारी के नज़र बेटी और बेटा एक समान हैं। बेटी काबिल है तो वो बेटों से कम नही है। बेटियां भी माता - पिता का ध्यान रख सकती हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जियना देवी से बातचीत की। जियना देवी का कहना है कि महिलाओं को भूमि में अधिकार नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि बेटे के रहते बेटियों को भूमि में अधिकार नहीं मिलना चाहिए।बेटियों को उनका हिस्सा उनके ससुराल में मिलता है। अगर बेटे नहीं है, तो बेटियों को हिस्सा मिल सकता है। बेटी और बेटा एक ही सामान है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बबिता से बातचीत की। बबिता का कहना है कि महिलायें पैतृक सम्पति में हिस्सा लेना चाहती है, पर माता पिता और भाई उन्हें हिस्सा नहीं देंगे। बेटियों को उनका हिस्सा उनके ससुराल में मिलता है। बेटी और बेटा एक ही सामान है, जो काम एक बेटा कर सकता है, वही काम एक बेटी भी कर सकती है।बेटियों को बेटो के बराबर ही परवरिश मिलना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से वंदना से बातचीत की। वंदना का कहना है कि महिलाओं को भूमि में अधिकार नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि बेटे के रहते बेटियों को भूमि में अधिकार नहीं मिलना चाहिए। महिलाओं का अधिकार उनके ससुराल में रहता है। बेटी और बेटा एक ही सामान है जो काम एक बेटा कर सकता है, वही काम एक बेटी भी कर सकती है। बेटियां भी बेटो से कम नहीं है, अगर बेटे के रहते बेटियां पैतृक संपत्ति में हिस्सा लेना चाहती है तो इससे रिश्तो में दरार आ सकता है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मकुना से बातचीत की। मकुना का कहना है कि महिलाओ को पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। बेटियों का अधिकार उनके ससुराल में होता है। अगर बेटे के रहते बेटियां पैतृक संपत्ति में अधिकार लेती है तो इससे परिवार में मनमुटाव हो सकता है। आज के समय में बेटी और बेटा में कोई अंतर नहीं है।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जमनी से साक्षात्कार लिया। जमनी ने बताया कि बेटा नहीं है तब बेटी को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार मिलना चाहिए।बेटा के रहते यदि बेटी अधिकार लेगी तो रिश्ते में मनमुटाव हो सकता है। माता - पिता बेटियों को शिक्षित करते हैं,दहेज देकर शादी करते हैं। इसके बाद मायके में उनका कोई हिस्सा नही होता है। बेटी को सपोर्ट मिलेगा तो वो सब कुछ कर सकती हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शानवी से साक्षात्कार लिया। शानवी ने बताया कि बेटियों को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा नही मिलना चाहिए।पैतृक सम्पत्ति पर बेटा का अधिकार होता है। विवाह के बाद बेटी का ससुराल की संपत्ति में अधिकार होता है।बेटी और बेटा एक समान होता है ,उनमें कोई अंतर नही है। बहन यदि मायके की संपत्ति में हिस्सा लेगी तो इससे भाई - बहन के रिश्तों में दरार आ जाएगा।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शांति से साक्षात्कार लिया। शांति ने बताया कि बेटियों को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार नही मिलना चाहिए।बेटा नही है तो बेटी ही माता - पिता का सहारा होती है। यदि बेटा है तो बेटी को मायके के सम्पत्ति में हिस्सा नही मिलना चाहिए। माता - पिता बेटियों को शिक्षित करते हैं,दहेज देकर शादी करते हैं। इसके बाद मायके में उनका कोई हिस्सा नही होता है। पति की सम्पत्ति में पत्नी का अधिकार होता है
