उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि देश में महिलाओं के लिए नौकरी का अवसर नही है। महिलाएं कम पैसों में जगह - जगह काम करने के लिए मजबूर हैं। सरकार की कमजोरियों के वजह से समाज के प्रत्येक महिलाओं तक शिक्षा नही पहुँच पाया है। ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का अभाव है और महिलाएँ स्कूल भी नही जा पाती हैं। प्राथमिक और जूनियर को छोड़कर, महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा के लिए बहुत दूर जाना बहुत मुश्किल है, इसलिए परिवार भी महिलाओं को शिक्षा के लिए दूर नही भेजना चाहते हैं । यही कारण है कि महिलाएं अशिक्षित हैं और नौकरी से दूर हैं।
बिहार सरकार ने हाल में राज्य के 45 हजार गांवो की जमीन का सर्वे का निरिक्षण कराने का फैसला किया है। सर्वे कराये जाने को लेकर सरकार का कहना है कि इससे वह राज्य के 50 साल पुराने जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करना चाहती है। क्योंकि इन पचास सालों में जमीन के मालिकाना हक पर काफी बदलाव हुए हैं। सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि इस सर्वे में जमीन से जुड़ी 170 से ज्यादा प्रकार की जानकारियां इकट्ठी की जाएंगी। इसके अलावा 'इस सर्वे का एक उद्देश्य जमीन विवादों को कम करना भी है। पुराने रिकॉर्ड की वजह से कई बार विवाद होते हैं। नए सर्वे से यह समस्या दूर होगी।' सर्वे के दौरान लोगों को अपने जमीन के कागजात दिखाने होंगे। *----- दोस्तों इस मसले पर आपकी क्या राय है, क्या आपको भी लगता है कि शिक्षा के अभाव और कानून के उल्झे हुए दांव-पेचों ने महिलाओं को उनके हक और अधिकार से वंचित कर रखा है? *----- महिलाओं को भूमि अधिकार के बदले अर्थव्यवस्था में एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। इसके बदले में महिलाएं को किस तरह के सशक्तिकरण और स्वतंत्रता की उम्मीद की जा सकती है। *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों को मजबूत करने के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रमोद कुमार से साक्षात्कार लिया। प्रमोद ने बताया कि ये कानून सही नहीं है, इससे अपराध बढ़ेगा और लिंग अनुपात भी बढ़ेगा और इससे भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अगर बेटी शादीशुदा है, तो बेटी को हिंदू अविभाजित परिवार का हिस्सा भी नहीं माना जाता है। 2005 के संशोधन के बाद बेटी को सम्मान उत्तराधिकारी माना गया है।अब बेटी की शादी से पिता की संपत्ति पर उसका अधिकार नहीं बदलता है, यानी बेटी की शादी के बाद भी पिता के संपत्ति पर अधिकार ले सकती है
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से गुड़िया मिश्रा से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि अगर भाई अगर राज़ी है तो अधिकार लेना चाहिए और अगर भाई राज़ी नहीं है तो पैतृक संपत्ति में अधिकार नहीं लेना चाहिए। भाई की तरह बेटियों को भी पढ़ाया लिखाया जाता है और बेटियों को शादी के बाद उनका अधिकार ससुराल में मिलता ही है। अगर बेटी गरीब घर में गई है और उसके पास साधन नहीं है कमाने का , तो पिता को जरूर अपने संपत्ति में से हिस्सा बेटी को भी देना चाहिए। बेटा बेटी एक सामना है और दोनों को अधिकार मिलना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रामलखन से साक्षात्कार लिया। रामलखन ने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देना गलत है, ये झगड़ा का कारण बन सकती है। भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है, इस लिए महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं मिलाना चाहिए। पहले के समय में ऐसा नहीं था और आज के समय में ऐसा होना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से जोगिंदर गौर जी से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि बेटियों को अधिकार मिलना ही चाहिए, बेटी और बेटा एक समान है। शादी के बाद बेटियों का अधिकार ससुराल में हो जाता है। भाई बहन के रिश्ते में दरार नहीं आना चाहिए।पैतृक संपत्ति में भाई और बहन दोनों का बराबर का अधिकार है
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रवण कुमार से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि बेटियों को भी संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए ,माता पिता बचपन से अपने बेटियों की परवरिश करते है। लड़को से ज्यादा माता पिता की सेवा लड़किया ही करती है। लड़की और लड़के में भेद नहीं करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से घनश्याम मौर्या से साक्षात्कार लिया।घनश्याम मौर्या ने बताया कि महिलाओं को संपत्ति अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। इससे भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है, इस वजह से उन्हें अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए
माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.