सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार है, संपत्ति के अधिकार को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। लेकिन अगर यह देखा जाए कि महिलाएं समाज को आगे बढ़ाने के लिए काम करती हैं तो उन्हें भी संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए, जबकि कुछ लोगों को लगता है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए लेकिन जब सरकार शक्ति मिशन के तहत महिलाओं को समान दर्जा देती है, तो महिलाओं को भी संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए ताकि आज की आधुनिक दुनिया में महिलाएं निर्भर हो सकें। एक युग में महिलाओं की पूजा की जाती है लेकिन लोग महिलाओं का हिस्सा देने से कतराते हैं। हमारा देश भारत सदियों से महिलाओं की पूजा करता रहा है लेकिन जब महिलाओं के संपत्ति अधिकारों की बात आती है, तो लोग पीछे मुड़कर देखते हैं कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जा रहा है, लेकिन अगर आप महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देते हुए देखते हैं। जहां महिलाएँ आत्मनिर्भर बनेंगी, वहीं समाज में एक नई चेतना जागृत होगी, इसके लिए महिलाओं को भी जागरूक होना चाहिए और हम सभी पुरुषों को भी महिलाओं के अधिकार प्राप्त करने में भाग लेना चाहिए और हाथ मिलाना चाहिए।
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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार महिलाओं के लिए बहुत सारे योजनाएं लेकर चल रही है और तमाम महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। महिलाओं के साथ छेड़ छाड़ करने वालो के खिलाफ योगी जी तुरंत कार्यवाही करते है, सरकार इस पर विशेष ध्यान दे रही है। महिलाओं को शिक्षा के आभाव से निकलना होगा और आगे बढ़ना होगा। महिलाओं और बच्चो को शिक्षा से जोड़ना होगा और उस पर विशेष ध्यान देना होगा , तभी समाज का विकास हो पायेगा
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाएं शिक्षा से वंचित हैं और जब तक वे शिक्षित नहीं होंगी वो आगे नहीं बढ़ेंगी। क्योंकि महिलाओं को अधिक देखा जा रहा है, तब तक महिलाएं जो भी काम कर सकती हैं, कर रही हैं। महिलाओं को अधिक देखा जा रहा है सरकारी विभागों में काम कर रही है और स्कूलों में शिक्षक के रूप में अपना जीवन यापन कर रही है। महिलाओं को अधिक से अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है।जब महिलायें शिक्षित होंगी तभी महिलाएँ काम कर सकती हैं, चाहे वे निजी स्कूल में हों या नर्सरी मे कार्य करके अपना जीवन यापन कर सकती है। ज्यादातर महिलाएं घर से बाहर नहीं जाना चाहती हैं, केवल खेतों में काम करना चाहती हैं और ज्यादातर महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती हैं। महिलाओं को हर तरह के कार्य करते देखा गया है। महिलाओं और बच्चियों को शिक्षा से जोड़ने की जरूरत है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि राजीव की डायरी हमें बहुत पसंद है क्योंकि राजीव जी महिलाओं को जागरूक करने के लिए ऐसा उद्देश्य देते हैं की महिलाएं जागरूक होती है, क्योंकि अधिकांश ग्राम सभाओं में महिलाएं ग्राम सभा की मालिक होती हैं, लेकिन मालिक होने के बाद भी पुरुष ही अधिक काम देखते है। महिलाओं को ब्लॉक स्तर तक भी नहीं भेजा जाता है और कभी नहीं देखा गया है। महिलाओं को घरो से बाहर निकलना चाहिए और सरकारी योजनाओ को जानना चाहिए। महिलाओं को पुरुषो के दबाओ में नहीं आना चाहिए। महिलाओं को ब्लॉक स्तर तक निकलना चाहिए और आगे बढ़ाना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि राजीव जी की डायरी बहुत अच्छी लगती है क्योंकि उन्होंने महिलाओं को जागरूक करने के लिए बहुत अच्छी बातें कही है। महिलाएं जब तक शिक्षित नहीं होंगी तब तक वे पीछे रहेंगी क्योंकि उन्हें समाज में समानता का अधिकार नहीं मिलेगा, क्योंकि महिलाएं भी खेतों में काम करती हैं तो उनको घर से कोई लाभ नहीं मिलत है क्योंकि परिवार नहीं सोचता है। महिलाएं ज्यादातर सोचती हैं कि अगर वे दूसरों के खेतो में काम करती हैं, तो उन्हें पैसा मिलता है, जिससे वे अपने बच्चो का पालन पोषण कर सकती है और कुछ चीजें ऐसी हैं कि महिलाएं बहुत पीछे रह जाती हैं, घर से बाहर नहीं निकलना चाहती हैं और हमेशा दबाव में रहती हैं। पुरुषचाहते है की महिला बहुत कम बाहर निकले।अधिकतर देखा जा रहा है की उत्तर प्रदेश में ऐसे कई जिले हैं जैसे सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, महाराजगंज जहाँ की महिलाएं बहुत पिछड़ी हुई हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से अलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बनसू भाई से साक्षात्कार लिया। बनसू भाई ने बताया कि भारत देश में महिलाओं को अधिकार दिया जा रहा है और आगे भी ये सिलसिला जारी रहना चाहिए। वर्तमान में नब्बे प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं शिक्षित हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में अपना जौहर दिखा रही हैं। चाहे वो शिक्षा हो,खेल - कूद हो या अन्य क्षेत्र। महिलाओं को और प्रोत्साहित करना चाहिए
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा धान की खेती में अजोला की भूमिका के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .
भारत में भूमि, महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण साधन है। परंतु, सदियों से चली आ रही सामाजिक-सांस्कृतिक रूढ़ियों और कानूनी बाधाओं के कारण महिलाओं की भूमि पर अधिकार सीमित रहा है। यह सीमित पहुंच न केवल महिलाओं के व्यक्तिगत विकास को रोकती है, बल्कि समाज के पुरे विकास को भी रोकती करती है। आज भी महिलाओं के पास पुरुषों की तुलना में भूमि पर बहुत कम अधिकार हैं।यह देखते हुए कि महिलाएं बड़े पैमाने पर कृषि कार्य में लगी हुई हैं और अक्सर घरेलू उपभोग के लिए भोजन की प्राथमिक उत्पादक होती हैं। भूमि पर अधिक नियंत्रण के साथ, महिलाएं अधिक पौष्टिक फसलों, अधिक उत्पादक और टिकाऊ प्रथाओं में निवेश कर सकती हैं . तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों तक पहुंच में सुधार के लिए कौन से संसाधन और सहायता प्रणालियां आवश्यक हैं? *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकार को हासिल करने में संसाधनों तक सीमित पहुंच कैसे बाधा बनती है?
