यह एपिसोड बदलते मौसम और असामान्य बारिश के कारण कृषि क्षेत्र पर पड़ने वाले विभिन्न प्रभावों की व्यापक चर्चा करता है। फसल उत्पादन, मिट्टी की गुणवत्ता, पानी प्रबंधन और किसानों की आजीविका पर पड़ने वाले असर का विस्तृत विवरण दिया गया है। साथ ही, इन चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों द्वारा अपनाए जा रहे समाधानों और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है।

दोस्तों, राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अभी भी 2.5 किमी तक पैदल चलकर जाती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने परिवार के लिए पीने का पानी लाने में औसतन दिन में 3-4 घंटे खर्च करती हैं, यानि अपने पूरे जीवन काल में 20 लाख घंटों से भी ज्यादा. क्या आपको ये बातें पता है ?और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें.

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से चंद्रशेखर से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाए या नहीं ये महिला पर निर्भर करता है महिला को मायके से सम्पत्ति मिलता है साथ ही ससुराल से भी मिलता है। यदि उन्हें ससुराल से संपत्ति मिलता है तो मायके से सम्पत्ति नहीं लेना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बलवंत से साक्षात्कार लिया। बलवंत ने बताया कि महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए।महिलाएं जमीं के अधिकार से वंचित क्यों रह जाती हैं , इसका छान बिन सरकार को करना चाहिए

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए, कुछ लोगों को यह राय मिल रही है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए कुछ लोगों की राय है कि संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए ताकि महिलाओं को भी सशक्त बनाया जा सके, लेकिन यह देखा गया है कि महिलाओं को समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्हें सशक्त बनाने के लिए उन्हें भूमि संपत्ति का अधिकार देना भी आवश्यक है। अगर महिलाओं को जमीन और संपत्ति का अधिकार मिलता है तो वे समाज में भी हर जगह आगे बढ़ेंगी क्योंकि यह देखा जा रहा है कि नौकरी, शिक्षा, चुनाव आदि हर पद पर महिलाओं का योगदान देखा जा रहा है। अगर महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिलेगा तो उन्हें भी आत्मविश्वास मिलेगा और वे सशक्त भी होंगी। इसके लिए जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है ताकि लोग शिक्षित हों और महिलाएं शिक्षित हों और अपने अधिकारों के लिए लड़ें।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से कल्लू प्रसाद से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को सम्पत्ति में अधिकार मिलना गलत है इससे आगे चल कर नुकसान हो सकता है। इससे आगे चल कर परिवार में विवाद हो सकता है.

ये रेशम का धागा नहीं बहन का प्यार है यही तो खट्टे-मीठे रिश्तों की तकरार हैं भाई की कलाई की शोभा जिससे होती है वो और कुछ नहीं रक्षा बंधन का त्यौहार है नमस्कार /आदाब, दोस्तों ,सावन पूर्णिमा के दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन मनाया जाता है, रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहन के लिए बेहद ही खास दिन होता है। भाई की कलाई पर राखी बांधना बहन की ओर से स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक है, और परिणामस्वरूप, भाई उसकी रक्षा करने का वचन देता है। भाई अक्सर अपनी बहनों को पैसे या उपहार देकर उनके प्रति अपना प्यार दिखाते हैं। रक्षाबंधन का पर्व न सिर्फ भाई -बहन के प्यार को दर्शाता है बल्कि यह पर्व पारिवारिक सुरक्षा का प्रतिक भी है साथ ही यह पर्व एकजुटता और जिम्मेदारी की भावना की सराहना करता है। श्रोताओ मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी को भाई-बहन की पावन पर्व रक्षाबंधन की ढेर सारी शुभकामनाएं !

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से अलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की सराकर या निजी संस्था की मदद से महिलाओं को अधिकार मिल रहा है वो काफी सराहनीय है। पर सरकार के द्वारा बनाई गई प्रक्रिया सही नहीं है ,क्युकी ऐसा देखा गया है की जो महिला किसी के बल पर नौकरी पाती है उनके अंदर बदलाव क़ाफी देखने को मिल रहा है। 25 प्रतिसत महिला गलत दिशा में जा रही है। अगर पति निम्न वर्ग या तृतीय श्रेणी की नौकरी कर रहा है और अगर किसी तरह से पत्नी को एक छोटी सी हाई-फाई नौकरी मिल गई है, चाहे वह सरकारी हो या निजी, तो वह पति को कम महत्व देने लगती है। इस तरह की बहुत सारी बाधाएं देखने को मिलती ही समाज में और दोनों के रिस्तो में दरार आने लगती है

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री अशोक झा जीवामृत और घनामृत खाद बनाने के बारे में जानकारी दे रहें हैं। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.